
- प्रवाह को ठीक करता है सरसों का तेल
- सरसों का तेल बालों को बढ़ाने के लिए अच्छा
- सीएडी की संभावना लगभग 70 फीसदी कम करता है सरसों का तेल
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इसके अलावा इसमें 1:2 आदर्श अनुपात में छह फीसदी ओमेगा-3 वसा अम्ल (एन-3) और 15 फीसदी ओमेगा-6 (एन-6) सहित दो आवश्यक वसा अम्ल होते हैं. ये हृदय के लिए बहुत लाभकारी माने जाते हैं, क्योंकि ये कोलेस्ट्रॉल के स्तर को संतुलित करते हैं.
विशेषज्ञों ने कहा कि सरसों का तेल शरीर में ट्राइग्लीसराइड्स (रक्त में पाया जाने वाला वसा) को कम कर हृदय को स्वस्थ रखता है. पोषण विशेषज्ञ परमीत कौर के अनुसार "हृदय अनुकूल तेल को कोलेस्ट्रॉल और असंतृप्त वसा रहित, निम्न संतृप्त वसा, उच्च मोनोअनसैचुरेटेड वसा और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा युक्त होना चाहिए. इसके अलावा तेल में एन6 से एन3 अम्ल का आर्दश अनुपात होना चाहिए. सरसों का तेल इन सभी मानदंडों को पूरा करता है."
इस शोध के अनुसार, खाना पकाने में सरसों के तेल के उपयोग से हृदय रोग के सबसे सामान्य प्रकार कोरोनरी आर्टरी डिसीस (सीएडी) की संभावना लगभग 70 फीसदी तक कम हो जाती है.
यह रक्त के प्रवाह को ठीक करने और शरीर को उच्च रक्तचाप से बचाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि सरसों का तेल जैतून तेल से भी अधिक फायदेमंद हो सकता है. इसके साथ ही यह वनस्पति तेल जैसे अन्य रिफाइंड तेल से भी बेहतर होता है.
सरसों के तेल का इस्तेमाल भोजन के अलावा कई अन्य कामों जैसे शरीर और नवजात शिशुओं और वयस्कों के शरीर और बाल की मालिश में किया जाता है. इसका पेट और त्वचा के रोगों में भी इस्तेमाल किया जाता है.
तेल के उत्पादन के दौरान बीटा कैरोटीन विटामिन ए में परिवर्तित हो जाता है, जो बालों को बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा है. इसके अलावा इसमें लौह तत्व, वसा अम्ल, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी पाए जाते हैं, जो बालों के पोषण में मदद करते हैं. यह अध्ययन 'जर्नल ऑफ प्रिवेंटिव कॉर्डियोलॉजी' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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