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जोड़ों के दर्द को दूर करने से लेकर पाचन तक में मददगार है करंजवा बीज, आयुर्वेद से जानें चमत्कारी फायदे और इस्तेमाल का तरीका

Karanjwa Beej Ke Fayde: आयुर्वेद में करंजवा बीज के बीज को काफी गुणकारी माना जाता है. आप इन्हें डाइट में कई तरह से इस्तेमाल कर सकते हैं.

जोड़ों के दर्द को दूर करने से लेकर पाचन तक में मददगार है करंजवा बीज, आयुर्वेद से जानें चमत्कारी फायदे और इस्तेमाल का तरीका
Karanjwa Beej: करंजवा बीज के फायदे.

करंजवा बीज एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है, जो पाचन, त्वचा, बाल और दर्द जैसी कई समस्याओं में फायदेमंद मानी जाती है. इसे आयुर्वेद में कफ और वात दोष को संतुलित करने वाली जड़ी-बूटी कहा गया है.  करंजवा बीज पाचन अग्नि को तेज करता है, भूख बढ़ाता है और कब्ज, गैस या एसिडिटी जैसी परेशानियों को कम करता है. त्वचा संबंधी समस्याओं में भी यह काफी मददगार है. इसमें एंटीसेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो एक्जिमा, फोड़े-फुंसी और सोरायसिस जैसी समस्याओं में राहत देते है. इसे प्रभावित जगह पर तेल के रूप में लगाना फायदेमंद रहता है. सोरायसिस के लिए इसमें नारियल तेल की कुछ बूंदें मिलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है.

कैसे करें करंजवा बीज का इस्तेमाल- (How to consume karanjwa beej)

करंजवा बीज का इस्तेमाल सरल है. पाचन के लिए सुबह खाली पेट चबाएं, दर्द के लिए तेल से मालिश करें, त्वचा रोग में प्रभावित जगह पर तेल लगाएं और खांसी या गले की समस्या में चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर दिन में दो बार खा सकते हैं.

करंजवा बीज के फायदे- (Karanjwa Beej ke Fayde)

1. जोड़ों के दर्द-

जोड़ों के दर्द या सूजन में भी करंजवा बीज कारगर है. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण वात दोष को संतुलित करके दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. आप इसे तेल के रूप में लेकर दर्द वाली जगह पर हल्की मालिश कर सकते हैं.

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2. बालों-

बालों के लिए भी यह बहुत उपयोगी है. यह बालों को समय से पहले सफेद होने से रोक सकता है, रूसी और सिर की त्वचा के संक्रमण में राहत देता है और बालों की मजबूती बढ़ाता है.

3. डिटॉक्सिफिकेशन-

करंजवा बीज डिटॉक्सिफिकेशन में मदद कर सकता है. यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और लिवर को साफ रखने में भी सहायक होता है. इसमें मौजूद एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं. अल्सर की समस्या में भी इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण लाभकारी होते हैं.

हालांकि, कुछ सावधानियां जरूरी हैं. करंजवा बीज की तासीर गर्म होती है, इसलिए पित्त प्रकृति वाले लोग इसका इस्तेमाल सोच-समझकर करें. कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी हो सकती है. ज्यादा या गलत तरीके से इस्तेमाल नुकसानदेह हो सकता है. इसलिए सेवन से पहले आयुर्वेदिक विशेषज्ञ की सलाह लें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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