नमकीन और स्नैक्स का नाम सुनकर अक्सर हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। अक्सर वह चीज़ हमारे दिमाग में घूमने लगती है, जो हमें सबसे ज़्यादा पसंद होती है। भुजिया, दालमोंठ, सेव और कई नमकीन स्नैक्स को शाम की चाय के लिए तैयार किया जाता है। इन हल्के-फुल्के स्नैक्स से पेट और मन तो भरा जा सकता है, लेकिन इन्हें हेल्दी स्नैक की लिस्ट में शामिल नहीं किया जा सकता।
अब आप सोच रहे होंगे कि फिर आप किन चीज़ों को अपनी लिस्ट में जोड़ सकते हैं, जो हेल्दी भी हो और टेस्टी भी। तो आपको बता दें कि आपकी इस इच्छा को सेम के बीज पूरा कर सकते हैं। जी हां, यह एक तरह का नमकीन स्नैक्स है, जो कि सेम के बीजों को सुखाकर बनाया जाता है, हालांकि यह काफी महंगा होता है।
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दिल्ली वासियों के अस्थि पंजर हो रहे ढीले
यह अनूठी नमकीन पुरानी दिल्ली की मिठाई शॉप से ही अन्य बाजारों में सप्लाई की जाती है। लेकिन उत्तर प्रदेश का फर्रूखाबाद इसके लिए प्रसिद्ध है। मंहगा होने के कारण मेरे घर में तो पैरंट्स की कड़े निर्देशों के साथ ही आते हैं कि इन्हें किसी भी तरह से खराब नहीं करना।
सेम का बीज पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, इसलिए इन्हें अपनी रोज़ की डाइट में शामिल करना अच्छा आइडिया है। सेम के बीज में मैग्नीशियम (मूड को नियंत्रित रखने में मदद करता है) होता है, जो लो-ब्लड प्रेशर के लिए भी अच्छा होता है (हालांकि, इसमें ज़्यादा नमक मिलाकर खाने से इसका असर उल्टा हो सकता है) और कैंसर के खतरे को कम करता है। दूसरे बीजों में भी ऐसी ही क्वॉलिटी होती है। इनमें से कुछ बीज भारतीय किचन का हिस्सा हमेशा से रहे हैं।
पॉवरफुल बीज
साल में बहुत से फेस्टिवल आते हैं, और हर फेस्टिवल एक अलग व्यंजन के साथ जुड़ा है। भगवान कृष्ण के जन्मदिन- जन्माष्टमी पर कई तरह की तैयारियां करनी पड़ती हैं, जिसमें कई तरह का प्रसाद बनाया जाता है। इस दौरान कई तरह की ‘ड्राई नट्स' और बीज घी में भूने जाते हैं और उन्हें शुगर सीरप में डालकर जमा दिया जाता है। इसके अलावा, मखाने और सूखे नारियल को बराबर मात्रा में लेकर थाली में प्रसाद बनाया जाता है, जिसमें शुगर के साथ अपनी पसंद के बीज जैसे चिरौंजी और खरबूजे के बीज भी डाले जा सकता हैं।
साल के इन दिनों में चिरौंजी और खरबूजे के बीज उत्तर भारत की ग्रोसरी स्टोर पर आसानी से मिल जाते हैं, क्योंकि अभी खरबूजों का सीज़न गया है और इस समय बीज में से गिरी निकालकर, सूरज की रोशनी में सूखा दिया जाता है। जन्माष्टमी पर बनने वाली स्वादिष्ट मिठाई की तैयारी करते समय इन्हें थोड़े से घी में भूनकर लाजवाब टेस्ट दिया जा सकता है।
इसे बनाने के लिए भूने हुए बीज के पैन में शुगर डालकर थोड़ा पानी डाल दें। अब, बीजों पर शुगर चिपकने के लिए छोड़ दें। यह एक तरह का स्नैक हैं, जिसे स्टोर करके महीनेभर तक इसका स्वाद ले सकते हैं। जब भी मीठा खाने का मन करें, बस निकाले और खा लें। हेल्दी भी और टेस्टी भी। इसी तरह, चिरौंजी के बीजों को दूसरे डेजर्ट जैसे खीर में भी यूज़ कर सकते हैं। वैसे, जन्माष्टमी पर व्रत वाले लोगों के लिए मक्खन और सूखे नारियल की खीर भी अच्छा ऑप्शन है।
खरबूजे के बीज में कैल्शियम (जो इम्यून सिस्टम और दिल को हेल्दी रखने में मदद करता है), फॉलिक एसिड, जिंक और प्रोटीन पाया जाता है। वहीं, चिरौंजी के बीज आंखो के लिए अच्छे होते हैं और यह एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद करता है।
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कुकिंग में यूं करें इस्तेमाल
होली पर बनने वाली गुजिया में चिरौंजी स्वाद के लिए सभी डालते हैं, लेकिन इसके फायदों के बारे में आपको शायद ही कुछ पता हो। चिरौंजी एक तरह से सामग्री के रूप में प्रयोग की जाती है। वहीं, पुराने समय में भारतीय किचन में इसके पौधे का आयुर्वेदिक महत्व भी था। हालांकि यह सबकॉंटिनन्ट (उपमहाद्वीप) के अलावा कहीं दूसरी जगह नहीं पाई जाती। इसकी दिलचस्प खुशबू और फ्लेवर किसी भी डिश के टेस्ट को एकदम से बढ़ा देता है। ऑलिव बीच, बेंगलुरू के शेफ मनू चंद्रा ने शानदार ग्लोबल डिश बनाई, जिसमें उन्होंने अपने ट्रेड मार्क का इस्तेमाल करते हुए डिश को भारतीय टच दिया। ग्रिल्ड फिश के ऊपर चिरौंजी के बीज डालकर उसके स्वाद को दो गुना बढ़ा दिया।
आप भी इन्हें घर में सलाद से लेकर मिल्कशेक, ग्रिल्ड सब्जियां, फिश आदि में एक अनूठे फ्लेवर और पोषक तत्वों के लिए यूज कर सकते हैं। चार-मगज बीज-खरबूजे, बादाम, कद्दू और तरबूज के बीज उत्तर भारत में पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल किए जाते हैं। ख़ासतौर से इन्हें मुगलई खाने में यूज किया जाता है। चार-मगज या ‘फोर ब्रेन' का मतलब है, इन चारों बीजों का मिश्रण, जो कि दिमाग को एनर्जी देने का काम करते हैं।
चार मगज बीजों का इस्तेमाल साधारण तरीके से ही किया जाता है। इनका पेस्ट बनाकर इन्हें ग्रेवी को गाढ़ी करने के लिए प्रयोग करते हैं। इसके अलावा, इन्हें होली पर बनाई जाने वाली ड्रिंक- ठंडाई और भांग में भी डाला जाता है। आप इन्हें भून कर स्नैक्स और दूध में पाउडर की तरह भी शामिल कर सकते हैं। ज़्यादा पोषक तत्वों के लिए प्रेगनेंट महिलाओं को पाउडर के रूप में ही दिया जाता है। साथ ही, एक नए स्वाद के लिए आप इन्हें भून कर ब्रेड आदि के ऊपर डालकर भी खा सकते हैं।
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भारतीय किचन में तिल, धनिए और मेथी के बीज को मसालों की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इसी कारण, आजकल इनका इस्तेमाल करना फैशन बन गया है। छोटे काले और सफेद चीया बीज अचानक से लोगों द्वारा काफी पसंद किए जाने लगे हैं। इसे सलाद से लेकर सीरियल, बेक्ड गुडिज तक में किसी भी डिश पर डाला जा सकता है। यही नहीं, वज़न कम करने का यह एक अच्छा सीक्रेट है। भारत के बड़े शहरों में चीया सिड्स की डिमांड काफी बढ़ती जा रही है।
चीया सिड्स साउथ अमेरिका में पाए जाते हैं। भारत में, हम हमेशा चीया सिड्स कि दूसरी किस्म यूज करते हैं। सब्जा और बेसिल के बीज मिल्कशेक और शरबत में फलूदा के रूप में डाले जाते हैं। यह चीया की तरह ही होते हैं (काले और लंबे)। चीया की ही तरह यह पानी सोख लेते हैं (बहुत जल्दी) और उन्हीं की तरह पतले और मुलायम हो जाते हैं।
इन्हें अपनी डाइट में शामिल करने करना एक हेल्दी ऑप्शन है। इनके स्वास्थ्य फायदे काफी हद तक दूसरे बीजों की तरह ही हैं। कोलेस्ट्रॉल लेवल से लेकर कैंसर से लड़ने तक में मदद करते हैं। इसके अतिरिक्त, इसके द्वारा सोखा गया पानी वज़न कम करने में भी मददगार है। इतने फायदेमंद होने के बाद तो हर कोई इन्हें अपनी डाइट में शामिल करना चाहेगा। क्या आप करेंगे इन्हें शामिल?
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