
Chaitra Navratri 1st Day Maa Shailputri Puja: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इन्हें नव दुर्गा में प्रथम दुर्गा माना गया है. पर्वतराज हिमालय के घर में ये पुत्री रूप में जन्मी थीं. इसीलिए इन्हें शैलपुत्री कहा जाता है. मां के इस रूप में दाहिने हाथ में त्रिशूल और बाएं हाथ में कमल पुष्प है. मां के इस स्वरूप को सौभाग्य और शांति का प्रतीक माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री की विधि पूर्वक पूजा करने से मन कभी अशांत नहीं रहता और घर में सौभाग्य का आगमन होता है. 9 दिनों तक चलने वाले इस पर्व के दौरान मां दुर्गा के नौ रुपों की पूजा-अर्चना की जाती हैं. सालभर में 4 नवरात्रि पड़ती हैं लेकिन 2 नवरात्रि का काफी महत्व है. पहली नवरात्रि चैत्र महीने में और दूसरी अश्विन मास में पड़ने वाली शारदीय नवरात्र मनाई जाती है. नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. मां शैलपुत्री को गाय का घी अथवा उससे बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजों से अधिक लगाव है इससे खुश होकर माता अपने भक्तों पर खास कृपा करती है.
नवरात्रि के पहले दिन लगाएं बादाम के हलवे का भोगः
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इन्हें नव दुर्गा में प्रथम दुर्गा माना गया है. पर्वतराज हिमालय के घर में ये पुत्री रूप में जन्मी थीं. मां शैलपुत्री को गाय का घी अथवा उससे बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है. माना जाता है कि मां दुर्गा को गाय के घी से बनी चीजों से अधिक लगाव है इससे खुश होकर माता अपने भक्तों पर खास कृपा करती है. बादाम का हलवा खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है. इसमें बादाम को छीलकर उसका पेस्ट बनाकर घी में भूना जाता है. नवरात्रि पर्व में आप मां शैलपुत्रि को बादाम के हलवे का भोग लगा सकते हैं. इसमे गाय के घी का इस्तेमाल कर सकते हैं.

बादाम का हलवा खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगता है.
बादाम का हलवा की सामग्रीः
250 बादाम
13 टेबल स्पून देसी घी
10 टेबल स्पून चीनी
बादाम का हलवा बनाने की विधिः
गर्म पानी में बादाम हो हल्का से उबाल लें.
बादाम को छील लें.
बादाम का पेस्ट बनाने के लिए इन्हें ब्लेंडर में डालकर दरदरा पेस्ट बना लें.
एक पैन में देसी घी गर्म करें और इसमें बादाम का पेस्ट डालें.
इसमें चीनी डालें और धीमी आंच पर गोल्डन ब्राउन होने तक भूनें.
हलवा तैयार है, इसे कटे हुए बादाम से गार्निश करें.
देवी शैलपुत्री पूजन विधिः
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. मां को अक्षत, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प अर्पित करें. माता के मंत्रों का जप करें. घी से दीपक जलाएं. मां की आरती करें. शंखनाद करें. घंटी बजाएं. मां को प्रसाद अर्पित करें.
मां शैलपुत्री के मंत्रः
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नम:
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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