
Best Utensils: ज्यादातर लोग इस बात पर ध्यान देते हैं कि वे क्या खाते हैं, लेकिन इस बात पर कम ध्यान देते हैं कि वे किसमें पकाते हैं. बता दें, जिन बर्तनों (cookware) में हम सभी खाना पकाते हैं, उनका सही से चुनाव करना जरूरी है, क्योंकि सही बर्तनों का चुनाव उचित पोषक तत्वों के अवशोषण और आंत के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है. आइए ऐसे में जानते हैं कि किस तरह के बर्तन का सेवन किन-किन भोजन को पकाने के लिए करना चाहिए.
1. कास्ट आयरन के बर्तन
अगर आप कास्ट आयरन के बर्तनों का चयन करते हैं, तो बता दें, उन पर रोटी, सब्जी और धीमी आंच पर पकाना सही माना जाता है. इसी के साथ टमाटर और इमली जैसे खट्टे खाद्य पदार्थों को इनमें पकाने से बचना चाहिए. वहीं इन बर्तनों का तापमान 350°C तक रख सकते हैं. कास्ट आयरन के बर्तनों को अच्छा माना जाता है क्योंकि यह प्राकृतिक रूप से आयरन की मात्रा बढ़ाते हैं. बता दें,अगर इन बर्तनों में जंग लग जाता है तो इस्तेमाल करना अवॉइड करें.
2. स्टेनलेस स्टील
स्टेनलेस स्टील के बर्तन उबालने, भूनने, दाल, ग्रेवी बनाने के लिए उपयुक्त माने गए है. इसी के साथ इन बर्तनों को खाली गर्म करना बिल्कुल भी ठीक नहीं है, ऐसा करने से ये बर्तन जल सकते हैं. बता दें, स्टेनलेस स्टील के बर्तनों को नॉन- रिएक्टिव ड्यूरेबल, एसिडिक फूड के लिए सेफ माने गए हैं. अगर आप स्टील के बर्तन खरीदने जा रहे हैं तो सलाह दी जाती है, फूड-ग्रेड 304/316 स्टील चुनें.
3. क्ले और मड के बर्तन
अगर आपके पास क्ले और मड के बर्तन हैं, तो इनमें बिरयानी, खिचड़ी, दाल आराम से पका सकते हैं. हालांकि डायरेक्ट तेज आंच या इंडक्शन पर इन्हें इस्तेमाल करने से बचना चाहिए. वहीं इन पर खाना 250-300°C तक, धीमी और कम आंच पर पकाना सही माना गया है. बता दें, क्ले और मड के बर्तन खाद्य पदार्थों के पोषक तत्वों को बरकरार रखते हैं. वहीं जब आप इनका इस्तेमाल करने से पहले इन्हें भिगोएं और साबुन का इस्तेमाल न करें. आप इन्हें साफ करने के लिए नारियल के छिलके का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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4. एल्युमीनियम और नॉन-स्टिक
एल्युमीनियम और नॉन-स्टिक ऊपर बताए गए बर्तनों की तुलना में कम अच्छे माने गए हैं. इनसे अक्सर बचने की सलाह दी जाती है. बता दें, एल्युमीनियम एसिडिक भोजन में घुल जाता है, जिससे न्यूरो टॉक्सिसिटी हो सकती है. वहीं नॉन-स्टिक: 260°C से ज्यादा तापमान पर जहरीला धुआं छोड़ता है. इसी के साथ अगर इस पर खरोंच लग जाएं तो यह पूरी तरह खराब हो जाता है. सलाह दी जाती है पुराने/खरोंच लगे बर्तनों को फेंक दें. इसी के साथ एल्युमीनियम में रोजाना खाना न पकाएं. इससे बचना ही बेहतर है.
5. कॉपर के बर्तन यानी तांबा / पीतल के बर्तन
अगर आपके पास तांबा / पीतल के बर्तन है, तो बता दें, तांबा पानी रखने और पीतल सलाद/सूखा खाना- पीना रखने के लिए अच्छे माने गए हैं. हालांकि खाना पकाने या गर्म करने के लिए इन बर्तनों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है. तांबे और पीतल के बर्तनों को शरीर के लिए अच्छा माना गया, वहीं तांबे का पानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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