
भारतीय परिवारों में दवा से ज्यादा नुस्खे आजमाए जाते हैं, आयुर्वेदिक नुस्खे.
क्या कभी ऐसा हुआ है कि आपको बुखार हुआ हो और मां ने कोई काढ़ा बना कर पिलाया हो, जिसे पीते ही आप ठीक हो गए हों... यकीनन हुआ होगा. भारतीय परिवारों में दवा से ज्यादा नुस्खे आजमाए जाते हैं, आयुर्वेदिक नुस्खे.
आयुर्वेद में कई समस्यओं का हल है और इसमें साइड इफैक्ट न के बराबर. तो आइए आज आपको बताते हैं रोजमर्रा की जरूरतों में काम आने वाले कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में. इन्हें अपना कर आप खुद को कैमिकल और दवाओं से दूर रखते हुए रह सकते है स्वस्थ...

अगर आपको पाचन में दिक्कत होती, कब्ज, कफ, खांसी या सांस की दिक्कत है, तो आपको सफेद आक के फूल का सेवन करना चाहिए. इससे यकीनन लाभ होगा. इसके अलावा लाल आक का फूल भी कुष्ठ, कफ, बवासीर और सूजन को नष्ट करने में मदद करता है.

कई बार पैरों या हाथों पर सूजन आ जाती है. ऐसे में समझ नहीं आता कि क्या करें. नमक के पाने से सिकाए के बाद भी अगर सूजन कम न हो तो नारियल के तेल में कपूर उबाल लें और इसे सूजी हुई जगह पर लगा लें. इससे सूजन कम हो जाती है.

लाल आक हृदयोतेजक और खून को साफ करने में मदद करने वाला है. इससे दिल की गति बढ़ती है और कील मुहासे भी नहीं होते. लाल आक से रक्त भार भी बढ़ता है. लाल आक का सेवन आपके दिल के लिए अच्छा है. अयुर्वेद में इसे दिल के लिए बेहद उत्तम माना गया है.

मिर्गी की समस्या एक गंभीर समस्या होती है. आक के दूध में मिश्री डाल कर रखें और इसे रोज 25 मिलीग्राम गर्म दूध के साथ लेने से आराम मिलता है. भले ही आक का दूध कड़वा होता है. लेकिन आयुर्वेद में इसे गुल्म और उदर रोगों के लिए भी खूब इस्तेमाल किया जाता है. 
नींबू के रस के साथ अजवाइन की लेई बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं. तो वहीं अगर आप गर्म किया हुआ इमली का गूदा सूजन या घाव पर लगाने से वह जल्दी भर जाते हैं. इससे दर्द भी कम होता है. इसके अलावा पिसे हुए पुदीने को एक कपड़े में बांधकर घाव पर रखने से भी घाव जल्दी भर जाते हैं.
आयुर्वेद में कई समस्यओं का हल है और इसमें साइड इफैक्ट न के बराबर. तो आइए आज आपको बताते हैं रोजमर्रा की जरूरतों में काम आने वाले कुछ आयुर्वेदिक नुस्खों के बारे में. इन्हें अपना कर आप खुद को कैमिकल और दवाओं से दूर रखते हुए रह सकते है स्वस्थ...

अगर आपको पाचन में दिक्कत होती, कब्ज, कफ, खांसी या सांस की दिक्कत है, तो आपको सफेद आक के फूल का सेवन करना चाहिए. इससे यकीनन लाभ होगा. इसके अलावा लाल आक का फूल भी कुष्ठ, कफ, बवासीर और सूजन को नष्ट करने में मदद करता है.

कई बार पैरों या हाथों पर सूजन आ जाती है. ऐसे में समझ नहीं आता कि क्या करें. नमक के पाने से सिकाए के बाद भी अगर सूजन कम न हो तो नारियल के तेल में कपूर उबाल लें और इसे सूजी हुई जगह पर लगा लें. इससे सूजन कम हो जाती है.

लाल आक हृदयोतेजक और खून को साफ करने में मदद करने वाला है. इससे दिल की गति बढ़ती है और कील मुहासे भी नहीं होते. लाल आक से रक्त भार भी बढ़ता है. लाल आक का सेवन आपके दिल के लिए अच्छा है. अयुर्वेद में इसे दिल के लिए बेहद उत्तम माना गया है.

मिर्गी की समस्या एक गंभीर समस्या होती है. आक के दूध में मिश्री डाल कर रखें और इसे रोज 25 मिलीग्राम गर्म दूध के साथ लेने से आराम मिलता है. भले ही आक का दूध कड़वा होता है. लेकिन आयुर्वेद में इसे गुल्म और उदर रोगों के लिए भी खूब इस्तेमाल किया जाता है.

नींबू के रस के साथ अजवाइन की लेई बनाकर घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं. तो वहीं अगर आप गर्म किया हुआ इमली का गूदा सूजन या घाव पर लगाने से वह जल्दी भर जाते हैं. इससे दर्द भी कम होता है. इसके अलावा पिसे हुए पुदीने को एक कपड़े में बांधकर घाव पर रखने से भी घाव जल्दी भर जाते हैं.
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