
दूध और डेयरी उत्पादों पर मौजूदा सुरक्षित कायदों के होते हुए खाद्य सुरक्षा नियामक (एफ़एसएसएआई) आइसक्रीम और फ्लेवर्ड दूध पर नए क्वॉलिटी मानक तय करने की योजना बना रहा है।
यह प्रस्ताव चीन के दूध और दूध उत्पादों के आयात पर पिछले महीने रोक लगाने के बाद आया है। इन उत्पादों में मेलामाइन की मात्रा पाए जाने के कारण एफ़एसएसएआई ने इनके आयात पर अगले साल जून, 2016 तक रोक लगा दी है।
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अभी एफ़एसएसएआई के पास दूध, पनीर, घी और मक्खन के अलावा कई अन्य चीजों के लिए नमूने तैयार हैं। नए प्रस्ताव के तहत नियामक दूध में फैट की मात्रा को लेकर अधिक स्पष्ट और सख्त मानक निर्धारित करने पर काम कर रहा है।
सूत्रों का कहना है कि दूध और इसके उत्पादों के लिए क्वॉलिटी को और अच्छा किए जाने की आवश्यकता है, जिस पर काम किया जा रहा है। ऐसी संभावना है कि अगले एक महीने में इन मानकों पर जांच कर ढांचा तैयार किया जाएगा, जो बहुत जल्द सामने आएगा।
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सूत्रों ने आगे बताते हुए कहा कि प्राधिकरण दूध और दूध के उत्पादों के लिए व्यापक नमूनों पर काम कर रहा है, जिसमें अब आइसक्रीम और फ्लेवर्ड दूध के अलावा कई अन्य उत्पाद भी शामिल होंगे। पिछले महीने नियामक ने घरेलू दूध उत्पादों में मेलामाइन की मात्रा भी तय की थी। मैगी के बाद नियामक ने बाकी के परिवर्तित खाद्य पदार्थों पर भी अपनी निगरानी तेज़ कर दी है।
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