Navarati Bhog 2020: नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को लगाएं ये विशेष भोग, यहां जानें किस दिन कौन- सा भोग चढ़ाएं?

Navarati Bhog 2020: मान्‍यता है कि मां दुर्गा को नौ दिन अलग-अलग उनका मनपंसद भोग लगाने से मां अपने भक्तों पर खास कृपा बरसाती हैं. नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है. इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं.

Navarati Bhog 2020: नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा को लगाएं ये विशेष भोग, यहां जानें किस दिन कौन- सा भोग चढ़ाएं?

नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है.

खास बातें

  • नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है.
  • नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है.
  • मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग चढ़ाया जाता है.

Navarati Bhog 2020: आज है नवरात्र का पहला दिन, माना जा रहा है कि ऐसा महासंयोग 58 साल बाद बना है, ये शुभ योग नवरात्रि को खास बना रहा हैं. शरद नवरात्र  (Sharad Navratri) हिन्‍दुओं के प्रमुख त्‍योहारों में से एक हैं. जिसे दुर्गा पूजा (Durga Puja) के नाम से भी जाना जाता है. नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा के सभी नौ रूपों की पूजा की जाती है. मां दुर्गा को नौ दिन अलग-अलग उनका मनपंसद भोग लगाने से मां अपने भक्तों पर खास कृपा बरसाती हैं. नवरात्रि के नौ दिनों को बेहद पवित्र माना जाता है. इस दौरान लोग देवी के नौ रूपों की आराधना कर उनसे आशीर्वाद मांगते हैं. मान्‍यता है कि इन नौ दिनों में जो भी सच्‍चे मन से मां दुर्गा की पूजा करता है उसकी सभी इच्‍छाएं पूर्ण होती हैं. कुछ भक्त अनुष्ठानिक उपवासों का पालन करते हैं, जहां वे मांसाहारी भोजन, शराब, प्याज , लहसुन और कई प्रकार के अनाज, दाल और मसाले खाने से परहेज करते हैं. और केवल व्रत वाली चीजों का ही सेवन करते हैं. माना जाता है कि नवरात्र में पहले दिन से लेकर अंतिम दिन तक मां दुर्गा को उनका मनपंसद भोग लगाने से मां अपने भक्तों पर खास कृपा बरसाती हैं. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि नवरात्र में किस दिन क्या भोग लगाए मां दुर्गा को.

मां दुर्गा को नौ दिन किन चीजों का लगाएं भोग यहां जानेंः


1. नवरात्रि का पहला दिन, मां शैलपुत्रीः

नवरात्र के पहले दिन मां दुर्गा की शैलपुत्री के रूप में पूजा की जाती है. पर्वतराज हिमालय की पुत्री शैलपुत्री की पूजा करने से मूलाधार चक्र जागृत हो जाता है. और भक्तों को सभी प्रकार की सिद्धियां स्वत: ही प्राप्त हो जाती हैं. मां का वाहन वृषभ है. मां शैलपुत्री को गाय का घी अथवा उससे बने पदार्थों का भोग लगाया जाता है.

2. नवरात्रि का दूसरा  दिन, मां ब्रह्मचारिणीः

नवरात्र के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. मां ब्रह्मचारिणी  को शक्कर का भोग चढ़ाया जाता है. माना जाता है, कि ब्रह्मचारिणी को तप, त्याग और वैराग्य की देवी के रूप में पूजा जाता है. जो भक्त मां के इस रुप की पूजा करते हैं उनपर मां की अपार महिमा बनी रहती है.

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3. नवरात्रि का तीसरा दिन, मां चंद्रघंटाः

नवरात्रि के तिसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां के इस रूप में मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चन्द्र बना होने के कारण इनका नाम चन्द्रघंटा पड़ा. माना जाता है कि मां की कृपा से साधक को संसार के सभी कष्टों से छुटकारा मिल जाता है. मां चंद्रघंटा को दूध का भोग प्रिय है. इस लिए भक्त उन्हे दूध का भोग लगाते हैं.

4. नवरात्रि का चौथा दिन, मां कुष्मांडाः

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है. मां कुष्ठमांडा ने अपने उदर से ब्रह्मांड को उत्पन्न किया था. माना जाता है जो भक्त मां के इस रूप की आराधना करते हैं, उनपर कभी किसी प्रकार का कष्ट नहीं आता. मां कुष्ठमांडा को मालपूआ का भोग लगाया जाता है.

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5.नवरात्रि का पांचवां दिन, मां स्कंदमाताः

नवरात्र के पंचम दिन में आदिशक्ति मां दुर्गा की स्कंदमाता के रूप में पूजा की जाती है. इन्हें पद्मासनादेवी भी कहते हैं. कुमार कार्तिकेय की माता होने के कारण इनका नाम स्कंदमाता पड़ा. मां स्कंदमाता को केले का भोग लगाया जाता है.

6. नवरात्रि का छठा दिन, मां कात्यायनीः

नवरात्र के छठे दिन मा कात्यानी की पूजा की जाती है. महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके घर पुत्री के रूप में जन्म लिया और उनका कात्यायनी नाम पड़ा. मां कात्यायनी को शहद का भोग अति प्रिय है.

7. नवरात्रि का सातवां दिन, मां कालरात्रिः

नवराक्षि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है. सभी राक्षसों के लिए कालरूप बनकर आई मां दुर्गा के इस कालरात्रि के रूप में प्रकट हुई थी. माना जाता है मां के स्मरण मात्र से ही सभी प्रकार के भूत, पिशाच एवं भय समाप्त हो जाते हैं. मां कात्यायनी को गुण का भोग लगाया जाता है.

8. नवरात्रि का आठवां दिन, मां महागौरी:

आठवें दिन आदिशक्ति मां दुर्गा के महागौरी रूप की पूजा की जाती है. मां ने काली रूप में आने के पश्चात घोर तपस्या की और पुन: गौर वर्ण पाया और महागौरी कहलाई. मां का वाहन बैल है तथा मां को हलवे का भोग लगाया जाता है.

9. नवरात्रि का नौवां दिन, मां सिद्धिदात्रीः

नवरात्र के नौवें दिन मां सिद्धीदात्री की पूजा की जाती है. माना जाता है कि मां का यह रूप साधक को सभी प्रकार की ऋद्धियां एवं सिद्धियां प्रदान करने वाला है. मां सिद्धिदात्री को खीर का भोग लगाया जाता है.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.   

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