मुम्बई:
फिल्म 'गाइड' और 'तीसरी कसम' के अद्भुत किरदार से प्रयोग करने वाली अभिनेत्री वहीदा रहमान हमेशा चुनौतियों के लिए तैयार रहती हैं। वहीदा को अभिनेत्री विद्या बालन में अपनी झलक दिखती है।
आज किस अभिनेत्री में वह अपनी झलक देखती हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं कहूंगी विद्या बालन।"
वहीदा ने एक खास साक्षात्कार में कहा, "मैं भी अलग तरह की फिल्में चुना करती थी। मैं कभी भी एक अच्छी प्रेमिका के किरदार की तरफ आकर्षित नहीं हुई और विद्या ऐसा ही करती हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझमें 'गाइड' करने का साहस था और नकारात्मक भूमिका होने की वजह से मुझे यह न करने की सलाह दी गई। मैंने 'मुझे जीने दो' और 'तीसरी कसम' की। मैं एक जोखिम उठाना चाहती थी और विद्या भी आज यही कर रही हैं।"
76 वर्षीय खूबसूरत वहीदा आज भी अपने इसी नियम का अनुसरण करती हैं। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'दिल्ली 6' के बाद कोई भूमिका क्यों नहीं स्वीकारी तो उन्होंने कहा, "मुझे रोमांचित करने वाली भूमिका चाहिए। यह फिल्म को समर्पित हो न कि बस मैं उसमें रहूं। यह रोमांचित नहीं करता। जो कठिन भूमिका हो। चाहे वह वृद्ध का किरदार हो, लेकिन समर्पित होनी चाहिए। मैं सिर्फ फिल्म में काम करने के लिए यह नहीं करना चाहती।"
अपने 56 साल के फिल्मी करियर में उन्होंने 'कागज के फूल', 'गाइड', 'चौदहवीं का चांद', 'तीसरी कसम' और 'मुझे जीने दो' जैसी फिल्में दी हैं।
वहीदा फिलहाल छोटे पर्दे से नहीं जुड़ना चाहती। उनका कहना है कि उनके पास कई प्रस्ताव आए हैं लेकिन उन्हें लगता है कि धारावाहिक के सफल रहने पर वह इसमें फंसी रह जाएंगी और इसके अलावा उनके साथ वक्त की भी समस्या है।
आज किस अभिनेत्री में वह अपनी झलक देखती हैं, यह पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "मैं कहूंगी विद्या बालन।"
वहीदा ने एक खास साक्षात्कार में कहा, "मैं भी अलग तरह की फिल्में चुना करती थी। मैं कभी भी एक अच्छी प्रेमिका के किरदार की तरफ आकर्षित नहीं हुई और विद्या ऐसा ही करती हैं।"
उन्होंने कहा, "मुझमें 'गाइड' करने का साहस था और नकारात्मक भूमिका होने की वजह से मुझे यह न करने की सलाह दी गई। मैंने 'मुझे जीने दो' और 'तीसरी कसम' की। मैं एक जोखिम उठाना चाहती थी और विद्या भी आज यही कर रही हैं।"
76 वर्षीय खूबसूरत वहीदा आज भी अपने इसी नियम का अनुसरण करती हैं। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने राकेश ओमप्रकाश मेहरा की फिल्म 'दिल्ली 6' के बाद कोई भूमिका क्यों नहीं स्वीकारी तो उन्होंने कहा, "मुझे रोमांचित करने वाली भूमिका चाहिए। यह फिल्म को समर्पित हो न कि बस मैं उसमें रहूं। यह रोमांचित नहीं करता। जो कठिन भूमिका हो। चाहे वह वृद्ध का किरदार हो, लेकिन समर्पित होनी चाहिए। मैं सिर्फ फिल्म में काम करने के लिए यह नहीं करना चाहती।"
अपने 56 साल के फिल्मी करियर में उन्होंने 'कागज के फूल', 'गाइड', 'चौदहवीं का चांद', 'तीसरी कसम' और 'मुझे जीने दो' जैसी फिल्में दी हैं।
वहीदा फिलहाल छोटे पर्दे से नहीं जुड़ना चाहती। उनका कहना है कि उनके पास कई प्रस्ताव आए हैं लेकिन उन्हें लगता है कि धारावाहिक के सफल रहने पर वह इसमें फंसी रह जाएंगी और इसके अलावा उनके साथ वक्त की भी समस्या है।
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