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विद्या ने एक साक्षात्कार में बताया, मुझे नहीं लगता कि अभिनय सिर्फ एक काम है। यह किसी दूसरे इंसान की दुनिया में जीने का अवसर है, जो आप पहले कभी न रहे हों।
विद्या ने एक साक्षात्कार में बताया, मुझे नहीं लगता कि अभिनय सिर्फ एक काम है। यह किसी दूसरे इंसान की दुनिया में जीने का अवसर है, जो आप पहले कभी न रहे हों। एक अभिनेत्री होने के नाते मुझे लगता है कि किसी दूसरे की जिंदगी को जीना काफी रोमांचक है।
हाल ही में विद्या राजकुमार गुप्ता की फिल्म 'घनचक्कर' में एक पंजाबी महिला के किरदार में नजर आईं। विद्या कहती हैं कि वह हमेशा अपने किरदारों के साथ सामंजस्य बिठाने का प्रयास करती हैं और इस बार भी वह ऐसा करने में कामयाब रहीं।
उन्होंने कहा, मैं शायद विद्या रहकर हमेशा खुश नहीं रह सकती हूं, लेकिन अपने किरदारों में कुछ समय के लिए खुश रहा जा सकता है और इसी बात पर मैं खुद को अपने किरदारों से जुड़ा महसूस करती हूं।
वैसे फिल्म 'घनचक्कर' बॉक्सऑफिस पर बहुत कामयाब नहीं हो पाई, लेकिन दर्शकों और समीक्षकों ने विद्या के काम की तारीफ जरूर की।
'कहानी' और 'द डर्टी पिक्चर' जैसी प्रशंसित फिल्मों में केन्द्रिय भूमिका निभा चुकीं विद्या ने कहा, जब लोग मेरे काम की तारीफ करते हैं, मैं बहुत कृतज्ञ महसूस करती हूं। मैं बस अपना काम करती हूं। फिल्म 'घनचक्कर' में इमरान हाशमी मुख्य भूमिका में थे। मैं फिल्म का केन्द्रिय किरदार नहीं थी। मुझे इस बात से कोई परेशानी नहीं थी। मेरा सपना सिर्फ अभिनेत्री बनना था और मैं अपने सपने को पूर्णता के साथ जी रही हूं।
विद्या ने डिजनी यूटीवी के प्रबंध निदेशक सिद्धार्थ रॉय कपूर से विवाह किया है, लेकिन पति की तरह फिल्म निर्माण के क्षेत्र में आने का विद्या का कोई विचार नहीं है।
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