दिलीप कुमार अपनी पत्नी सायरा बानो के साथ (फाइल फोेटो)
मुंबई:
बॉलीवुड के महानायक दिलीप कुमार को पद्म विभूषण सम्मान मिलने से उनकी पत्नी और पूर्व अभिनेत्री सायरा बानो बेहद खुश हैं। सम्मान मिलते समय वो भावुक भी हुईं। मगर सम्मान मिलने के बाद कहा कि दिलीप साहब को असल सम्मान दर्शक बहुत पहले ही दे चुके हैं।
सेहत ठीक नहीं होने की वजह से इस साल पद्म विभूषण का सम्मान लेने दिलीप कुमार दिल्ली नहीं जा पाए थे, इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह खुद दिलीप कुमार के घर आए और उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि दिलीप साहब ने पूरी दुनियां का दिल जीता है और ये सम्मान देते हुए उन्हें गर्व हो रहा है।
वहीं, सायरा बानो ने सरकार का शुक्रिया अदा किया और कहा 'मुझे उनकी बीवी होने पर गर्व हो रहा है। सरकार ने उन्हें ये सम्मान दिया उसके लिए मैं शुक्रगुज़ार हूं, मगर उन्हें असल सम्मान जनता और उनके चाहने वाले उन्हें बहुत पहले दे चुके हैं। दिलीप कुमार को न सिर्फ़ अभिनय का स्कूल कहा जाता है बल्कि आज पूरी इंडस्ट्री और दर्शक उन्हें बहुत इज़्ज़त और प्यार देते हैं और ये सबसे बड़ा सम्मान है।"
सायरा बनो ने ये भी कहा कि दिलीप साहब को इस तरह के मटेरियलिस्टिक चीज़ें बहुत ज़्यादा ख़ुशी नहीं देती। वो खुश होते हैं और मुस्कुराते हैं, ज़्यादा प्रतिक्रिया नहीं देते और उनका ये मिज़ाज शुरुआत से ही है। जब हम उनके साथ काम करते थे, तो अपना सबसे बेहतरीन शॉट देने के बाद हम उनकी तरफ इस उम्मीद से देखते थे कि वो तारीफ़ करेंगे मगर वो सिर्फ़ गुड बोलकर चले जाते थे।
सेहत ठीक नहीं होने की वजह से इस साल पद्म विभूषण का सम्मान लेने दिलीप कुमार दिल्ली नहीं जा पाए थे, इसलिए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह खुद दिलीप कुमार के घर आए और उन्हें सम्मानित किया। इस मौके पर राजनाथ सिंह ने कहा कि दिलीप साहब ने पूरी दुनियां का दिल जीता है और ये सम्मान देते हुए उन्हें गर्व हो रहा है।
वहीं, सायरा बानो ने सरकार का शुक्रिया अदा किया और कहा 'मुझे उनकी बीवी होने पर गर्व हो रहा है। सरकार ने उन्हें ये सम्मान दिया उसके लिए मैं शुक्रगुज़ार हूं, मगर उन्हें असल सम्मान जनता और उनके चाहने वाले उन्हें बहुत पहले दे चुके हैं। दिलीप कुमार को न सिर्फ़ अभिनय का स्कूल कहा जाता है बल्कि आज पूरी इंडस्ट्री और दर्शक उन्हें बहुत इज़्ज़त और प्यार देते हैं और ये सबसे बड़ा सम्मान है।"
सायरा बनो ने ये भी कहा कि दिलीप साहब को इस तरह के मटेरियलिस्टिक चीज़ें बहुत ज़्यादा ख़ुशी नहीं देती। वो खुश होते हैं और मुस्कुराते हैं, ज़्यादा प्रतिक्रिया नहीं देते और उनका ये मिज़ाज शुरुआत से ही है। जब हम उनके साथ काम करते थे, तो अपना सबसे बेहतरीन शॉट देने के बाद हम उनकी तरफ इस उम्मीद से देखते थे कि वो तारीफ़ करेंगे मगर वो सिर्फ़ गुड बोलकर चले जाते थे।
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