बॉलीवुड अभिनेता कादर खान की फाइल फोटो
मुंबई:
लंबे अर्से से सिनेमाई दर्शकों की नजरों से दूर रहने वाले मशहूर अभिनेता कादर खान का कहना है कि आजकल लोगों को बस इस बात से मतलब है कि फिल्म में सलमान खान और शाहरुख खान जैसे सुपरस्टार हैं या नहीं। उनके इस नजरिये की वजह से अच्छी फिल्मों को 'खामियाजा' भुगतना पड़ रहा है।
कादर खान (79) ने एक साक्षात्कार में बताया, 'आजकल लोगों को फिल्मों में निपुणता और खूबसूरती की तलाश नहीं होती। उन्हें सिर्फ इससे सरोकार होता है कि फिल्म में शाहरुख खान या सलमान खान सरीखे अभिनेता हैं या नहीं। इस वजह से बहुत सी अच्छी फिल्मों को नुकसान झेलना पड़ता है।'
पूर्व में दर्शकों को 'आंखें', 'हीरो नं. 1', 'कुली नं. 1' और 'हिम्मतवाला' जैसी फिल्मों से गुदगुदाने वाले कादर खान आगामी फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' से लंबे समय बाद बॉलीवुड में वापसी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं अपील करूंगा कि अगर फिल्म की विषयवस्तु अच्छी है, तो इसे सलमान या शाहरुख खान की फिल्म की तरह लें।'
यह पूछे जाने पर कि फिल्मोद्योग में क्या बदलाव आए हैं? जवाब में कादर ने कहा, 'फिल्म जगत में फिल्म लेखन और मानक दोनों ही लिहाज से एक जबर्दस्त बदलाव आया है। ऐसा नहीं है कि सिनेजगत का स्तर गिर गया है लेकिन हां, अब यहां बहुत बदलाव आ गया है।'
उन्होंने कहा, 'हाल में राजकुमार हिरानी, विशाल भारद्वाज और कबीर खान जैसे प्रतिभाशाली निर्देशक बॉलीवुड में आए हैं।'
कादर खान को लगता है कि फिल्मों में अब भारत को जिस तरह पेश किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, 'युवा कलाकारों की मौजूदगी वाली फिल्में पश्चिमी संस्कृति दिखाती हैं। हमारा भारत वैसा नहीं है, जैसा ऐसा दिखाया जा रहा है।"
बॉलीवुड द्वारा उनके लिए पद्म पुरस्कार की मांग किए जाने के बारे में उन्होंने कहा, 'अगर सरकार को लगता है कि मैंने अच्छा काम किया है, तो वह मुझे सम्मानित करेगी। यह तो लोगों का प्यार है कि वे मेरे लिए पुरस्कार की मांग कर रहे हैं।' उन्होंने हिंदी सिनेजगत में उनकी वापसी की घोषणा करने के लिए महानायक अमिताभ बच्चन का भी शुक्रिया अदा किया।
कादर खान ने कहा, 'अमितजी ने ट्विटर पर मेरी वापसी की घोषणा की। मैं इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। वह मेरे दिल के बहुत करीब हैं। मैं उन्हें इन सालों में बहुत याद किया।'
कादर खान (79) ने एक साक्षात्कार में बताया, 'आजकल लोगों को फिल्मों में निपुणता और खूबसूरती की तलाश नहीं होती। उन्हें सिर्फ इससे सरोकार होता है कि फिल्म में शाहरुख खान या सलमान खान सरीखे अभिनेता हैं या नहीं। इस वजह से बहुत सी अच्छी फिल्मों को नुकसान झेलना पड़ता है।'
पूर्व में दर्शकों को 'आंखें', 'हीरो नं. 1', 'कुली नं. 1' और 'हिम्मतवाला' जैसी फिल्मों से गुदगुदाने वाले कादर खान आगामी फिल्म 'हो गया दिमाग का दही' से लंबे समय बाद बॉलीवुड में वापसी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, 'मैं अपील करूंगा कि अगर फिल्म की विषयवस्तु अच्छी है, तो इसे सलमान या शाहरुख खान की फिल्म की तरह लें।'
यह पूछे जाने पर कि फिल्मोद्योग में क्या बदलाव आए हैं? जवाब में कादर ने कहा, 'फिल्म जगत में फिल्म लेखन और मानक दोनों ही लिहाज से एक जबर्दस्त बदलाव आया है। ऐसा नहीं है कि सिनेजगत का स्तर गिर गया है लेकिन हां, अब यहां बहुत बदलाव आ गया है।'
उन्होंने कहा, 'हाल में राजकुमार हिरानी, विशाल भारद्वाज और कबीर खान जैसे प्रतिभाशाली निर्देशक बॉलीवुड में आए हैं।'
कादर खान को लगता है कि फिल्मों में अब भारत को जिस तरह पेश किया जा रहा है, वह ठीक नहीं है।
उन्होंने कहा, 'युवा कलाकारों की मौजूदगी वाली फिल्में पश्चिमी संस्कृति दिखाती हैं। हमारा भारत वैसा नहीं है, जैसा ऐसा दिखाया जा रहा है।"
बॉलीवुड द्वारा उनके लिए पद्म पुरस्कार की मांग किए जाने के बारे में उन्होंने कहा, 'अगर सरकार को लगता है कि मैंने अच्छा काम किया है, तो वह मुझे सम्मानित करेगी। यह तो लोगों का प्यार है कि वे मेरे लिए पुरस्कार की मांग कर रहे हैं।' उन्होंने हिंदी सिनेजगत में उनकी वापसी की घोषणा करने के लिए महानायक अमिताभ बच्चन का भी शुक्रिया अदा किया।
कादर खान ने कहा, 'अमितजी ने ट्विटर पर मेरी वापसी की घोषणा की। मैं इसके लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। वह मेरे दिल के बहुत करीब हैं। मैं उन्हें इन सालों में बहुत याद किया।'
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