यह ख़बर 25 मई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

यरवदा जेल में संजय दत्त की 'तीसरी पारी'...

खास बातें

  • कैदी नंबर 16656 का बिल्ला पहन रहे संजय दत्त को सुरक्षा कारणों से एक अलग कोठरी में रखा जा रहा है। जेल अधिकारियों को संजय के उस अनिवार्य शारीरिक श्रम पर फैसला करना है, जो उन्हें एक कैदी होने के नाते करना होगा।
पुणे:

यरवदा केंद्रीय कारागार की ऊंची-ऊंची दीवारों के पीछे सन्नाटा पसरा हुआ है और यहां से गुजरने वाले लोग अभिनेता संजय दत्त की झलक पाने को जेल के दरवाजों पर नजरें टिकाए हुए हैं, जिन्हें 42 महीने की सजा के लिए यहां लाया गया है।

संजय दत्त को 1993 मुंबई शृंखलाबद्ध विस्फोट से जुड़े एक मामले में बची हुई सजा काटने के लिए 22 मई को तड़के इस ऐतिहासिक जेल में लाया गया, जहां कभी महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान कैद रहे थे। संजय दत्त को मुंबई की आर्थर रोड जेल से यहां लाने के बाद अब जेल अधिकारियों को अभिनेता के उस अनिवार्य शारीरिक श्रम पर फैसला करना है, जो उन्हें एक
कैदी होने के नाते करना होगा।

जेल के एक अधिकारी ने कहा, उन्हें सुरक्षा कारणों से एक अलग कोठरी में रखा जा रहा है। हम जेल मैनुअल के अनुसार उन्हें काम दिए जाने पर फैसला करेंगे। सूत्रों ने कहा कि 'कैदी संख्या 16656' का बिल्ला पहन रहे संजय दत्त तीसरी बार यरवदा जेल में आए हैं। संजय दत्त खुद में सीमित रहते हैं और तय दिनचर्या का पालन करते हैं, जिसमें सुबह साढ़े सात बजे नाश्ता, साढ़े 11 बजे बजे दोपहर का भोजन और शाम साढ़े छह बजे रात का भोजन शामिल है।

उन्होंने 16 मई को आत्मसमर्पण के बाद आर्थर रोड जेल में छह रातें बिताई थीं। एक अधिकारी ने कहा कि उनसे एक सामान्य दोषी कैदी जैसा व्यवहार होगा और उन्हें केवल वे छूट दी जाएंगी, जो अदालत द्वारा उन्हें एक महीने के लिए दी गई हैं। संजय दत्त पिछली बार जब यरवदा जेल में थे, तो उन्हें जेल में कुर्सियां बुनने का काम दिया गया था। इस जेल में अच्छी मात्रा में लकड़ी का फर्नीचर तैयार होता है, जो बाहर बेचा जाता है।

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एक निर्देशक की निगरानी में टोकरी बनाने वाले दत्त को 12.50 रुपये प्रति दिन के हिसाब से भुगतान किया गया था। जेल में इस दर से अकुशल श्रमिक को वेतन का भुगतान किया जाता है। मुंबई विस्फोट मामले से जुड़े अवैध हथियार रखने के एक मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा पांच साल की सजा की पुष्टि होने के बाद ‘मुन्नाभाई’ को बाकी की सजा यहां काटनी है। दत्त 2007 में दो बार इस जेल में बंद हो चुके हैं। दत्त की कोठरी बैरक संख्या तीन में स्थित है और दत्त के मित्र तथा सह-दोषी यूसुफ नलवाला को भी इसी बैरक में एक अन्य कोठरी में रखा गया है।