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This Article is From Jan 13, 2012

'चालीस चौरासी' की कहानी है हटकर

'चालीस चौरासी' की कहानी है हटकर
मुंबई: फिल्म 'चालीस चौरासी' में चार किरदार हैं। नसीरुद्दीन शाह यानी प्रोफेसर पंकज सूरी जेल की सजा काटकर ड्राइवर बन गए। केके मेनन यानी पिंटो कार चोर है। अतुल कुलकर्णी यानी बॉबी लड़कियों का दलाल और रवि किशन यानी शक्ति ड्रग डीलर। चारों '4084' नंबर की वैन को पुलिस वैन का रंग रूप देकर फर्जी नोट बेचने वालों को लूटने का प्लान बनाते हैं पर सामने आ जाती है असली पुलिस।

कहानी एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी नहीं पर हटकर है और प्रिडिक्टेलबल तो बिल्कुल नहीं। डायरेक्टर ह्रदय शेट्टी ने फ्रेश लुक में बेहतरीन एक्टर्स को लेकर अलग ही अंदाज में कहानी पेश की है। बड़े दिलचस्प ढंग से क्रिमिनल्स फ्लैशबैक में जाकर लौटते हैं। इनकी लापरवाही मजाक और बेवकूफियों पर आप हंसेंगे। अच्छी एडिटिंग और क्रिमिनल्स के मिजाज से मैच करते आइटम नंबर्स। हालांकि जितनी आसानी से इन्हें पुलिस वैन चुराते हुए दिखाया उस पर यकीन नहीं होता। क्लाइमैक्स पर गोलीबारी के सीन्स ज्यादा खींचे गए लेकिन क्राइम कॉमेडी थ्रिलर '4084' एक अलग एक्सपीरियेंस तो है ही। '4084' के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार।

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