बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का आज बॉलीवुड में एक खास मुकाम है, लेकिन वह कहती हैं कि उन्हें बुलंदियों तक पहुंचने के सफर में हमेशा एक मार्गदर्शक की कमी खलती रही है।
प्रियंका यूं तो स्वयं को एक 'कच्ची फिल्म निर्माता' बताती हैं, लेकिन एक छोटी-सी किंतु अच्छी फिल्म से एक नई प्रतिभा को लॉन्च करना चाहती हैं।
प्रियंका ने फिल्म निर्माता की अपनी भूमिका के बारे में बताया, मुझे नहीं मालूम था कि मैं फिल्में बनाने वाली हूं। मैं कम बजट की फिल्में बनाना और नई प्रतिभाओं को सामने लाना चाहती हूं।
प्रियंका का कहना है कि फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखने का उनमें विचार खुद के अनुभव से आया।
उन्होंने कहा, मैं जब फिल्म जगत में आई तो मेरी उंगली पकड़ने और मुझे यह कहकर रास्ता दिखाने वाला कोई नहीं था कि 'यह सही दिशा है।' मुझे कभी कोई मार्गदर्शक नहीं मिला और न ही मेरी ऐसे लोगों से दोस्ती थी, जो फिल्मों के बारे में कुछ जानते हों।
प्रियंका ने कहा, इसलिए मेरे लिए यह एक बेहद तन्हा और डरवना सफर था। मैं एक ऐसा प्रोडक्शन हाउस बनाना चाहती थी, जहां नई प्रतिभाओं- लेखकों, निर्देशकों, संगीतज्ञों और कलाकारों को छोटी-सी, लेकिन अच्छी शुरुआत मिले।
'मैडमजी' प्रियंका के प्रोडक्शन की पहली फिल्म है, जिसका निर्देशन मधुर भंडारकर करेंगे और इसमें प्रियंका खुद मुख्य भूमिका में होंगी। फिल्म की शूटिंग नवंबर के अंत में शुरू होने की संभावना है।
इस साल 'मेरी कॉम' फिल्म से बॉक्स ऑफिस पर धाक जमाने वाली प्रियंका ने कहा, मैं तो एक कच्ची फिल्म निर्माता हूं, यहां की बड़ी फिल्मों के निर्माताओं से मेरी कोई तुलना नहीं है। 'मैडमजी' बनाना एक स्वैच्छिक निर्णय था।
प्रियंका ने कहा, पेशे के रूप में मुझे अपना काम (अभिनय) अच्छा लगता है। मैंने इसे सीखने में अपना पूरा करियर लगा दिया।
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