भारत में अभिव्यक्ति की आज़ादी और सेंसरशिप पर लगातार बहस चल रही है, इस बीच जब पारिवारिक फिल्में बनाने वाले सूरज बड़जात्या की फिल्म पर भी सेंसर की कैंची चल जाए तो लोगों की भौंहे उठना स्वाभाविक है। सलमान खान और सोनम कपूर अभिनीत प्रेम रतन धन पायो पर सेंसर ने तीन बार कैंची चलाई है। इस शुक्रवार रिलीज़ हो रही फिल्म में सेंसर को उस सीन पर आपत्ती थी जिसमें 'रखैल' शब्द का इस्तेमाल किया गया था।
U सर्टिफिकेट मिलने वाली इस फिल्म में राम-लीला के एक सीन पर भी सेंसर की गाज गिरी है, यही नहीं हिंसा को वजह बताते हुए एक और सीन को काटा गया है जिसमें एक शख्स को फांसी पर चढ़ते हुए दिखाया गया है। राजश्री प्रॉडक्शन्स की फिल्में आमतौर पर अपने पारिवारिक विषय के लिये जानी जाती हैं लेकिन यह हैरानी की बता लगती है कि जब सूरज बड़जात्या की फिल्में भी भारतीय सेंसर बोर्ड के नियमों पर सटीक नहीं बैठीं तो बाकी फिल्मों का क्या होगा।
फिल्मकारों की प्रतिक्रिया
इस फिल्म पर लगाई गई सेंसरशिप के बाद फिल्म इंडस्ट्री में प्रतिक्रियाओं का दौर चल पड़ा है। एक तरफ महेश भट्ट ने इसे सेंसर बोर्ड के सदस्यों का दकियानूसी रवैया बताया है, वहीं फिल्मकार श्याम बेनेगल ने कहा कि कुछ लोग इस तरह के नियम बनाते वक्त अपनी निजी सोच को आड़े ले आते हैं।
उधर फंस गए रे ओबामा और जॉली एलएलबी बनाने वाले सुभाष कपूर का कहना है कि सेंसर बोर्ड को वक्त के साथ बदलने की जरूरत है। ऐसा पहले भी हुआ है कि फिल्मकारों को अपनी फिल्म से जुड़े सेंसर के फैसलों पर आपत्ति हुई है। फिल्म उद्योग के लोगों को बोर्ड के साथ मिलकर एक बातचीत करनी चाहिए ताकि सेंसर से जुड़े तमाम मुद्दों पर बात हो सके।
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