नसीरूद्दीन शाह का फाइल फोटो...
नई दिल्ली:
बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना को लेकर अभिनेता नसीरूद्दीन शाह ने एक बार फिर अपनी राय रखी. उन्होंने बीते मंगलवार शाम को मुंबई के प्रसिद्ध लिबर्टी सिनेमा में आयोजित एक कार्यक्रम में राजेश खन्ना को लेकर अपने विचार रखे और बताया कि 'कैसे फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बनाया, इस्तेमाल किया और दरकिनार कर दिया.'
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर के अनुसार नसीरूद्दीन शाह ने कहा कि 'हिंदी फिल्मों में साहित्यिक चोरी के शुरू होने की शुरुआत 70 के दशक में शुरू हुई- संगीत, पटकथा लेखन, कहानी, एक्टिंग से लेकर सबकुछ. राजेश खन्ना के अलावा 70 के दशक के लोकप्रिय सितारे कौन थे? जॉय मुखर्जी, विश्वजीत चटर्जी. क्या कोई इन सज्जनों को याद करता है? ये भी बेहद बड़े सितारे थे. इनमें जितेंद्र भी थे. देव आनंद, राज कपूर और दिलीप कुमार की त्रिमूर्ति की लोकप्रियता घट रही थी. फिल्म इंडस्ट्री को एक नए आइकन की तलाश थी और राजेश खन्ना ने इस भूमिका को पूरा किया. सच तो यह है कि फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बनाया, इस्तेमाल किया और दरकिनार कर दिया, जब वह पैसे बनाने की मशीन नहीं रहे.'
इससे पहले राजेश खन्ना को लेकर उनके द्वारा किए गए कमेंट पर मचे बवाल को लेकर नसीर ने समझाया कि 'हर कोई जो मेरे वक्तव्य से नाराज हुआ, उनमें से किसी ने भी कोई खंडन किया कि मैंने क्या कहा.' उन सभी ने कहा, 'आप कैसे इस तरह की बात कह सकते हैं. गुज़र चुके लोगों का लिहाज़ करना चाहिए था.' उन्होंने कहा, 'मेरा सवाल है कि जब राजेश खन्ना जिंदा थे तक फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना के लिए क्या सम्मान था. उनके बंगले के सामने हजारों लोग खड़े रहते थे. क्या यह उन्हें एक महान अभिनेता बनाता था?'
जब आयोजक ने उनसे राजेश खन्ना आनंद, आराधना जैसी सफल फिल्मों को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था कि 'निश्चित रूप से, मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं. मैं कुछ मिलाकर उनके योगदान के बारे में बात कर रहा हूं. मुझे आनंद और आराधना में उनकी भूमिका को बेहद पसंद करता हूं.'
हालांकि बाद में उन्होंने इस मुद्दे पर राजेश खन्ना को लेकर पूर्व में दिए बयान पर कहा कि मैं उनके परिवार से माफी चाहता हूं, क्योंकि मैं उनकी भावनाओं को समझ सकता हूं.
उल्लेखनीय है कि पहले नसीर ने फिल्मों के स्तर को गिरने के लिए राजेश खन्ना को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था, 'यह 70 का दशक था जब हिंदी फिल्मों का स्तर औसत हो गया था. यह उस समय की बात है जब राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में अपना कदम रखा था. वह बहुत सफल हुए, लेकिन मेरे लिए उनका अभिनय काफी सीमित था. वास्तव में वह एक 'कमजोर अभिनेता' थे. मैं जितने लोगों से मिला हूं, उनमें से बौद्धिक तौर पर वह मुझे सबसे कम जागरुक लगे. फिर उनके साधारण अभिनय की छाप पूरे बॉलीवुड पर पड़ गई.'
उसके बाद ट्विंकल खन्ना ने नसीरुद्दीन शाह के उस बयान पर नाराज़गी जताई थी, जिसमें उन्होंने सुपर स्टार माने जाने वाले राजेश खन्ना को 'कमज़ोर' अभिनेता कह दिया था. ट्विंकल ने ट्वीट करके शाह से कहा था कि उन्हें कम से कम गुज़र चुके लोगों का लिहाज़ करना था.
नसीरुद्दीन शाह द्वारा राजेश खन्ना पर दिए गए ब्यान से काका की पत्नी डिंपल कपाड़िया भी दुखी हुई और उन्हें भी बुरा लगा है.
इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित एक खबर के अनुसार नसीरूद्दीन शाह ने कहा कि 'हिंदी फिल्मों में साहित्यिक चोरी के शुरू होने की शुरुआत 70 के दशक में शुरू हुई- संगीत, पटकथा लेखन, कहानी, एक्टिंग से लेकर सबकुछ. राजेश खन्ना के अलावा 70 के दशक के लोकप्रिय सितारे कौन थे? जॉय मुखर्जी, विश्वजीत चटर्जी. क्या कोई इन सज्जनों को याद करता है? ये भी बेहद बड़े सितारे थे. इनमें जितेंद्र भी थे. देव आनंद, राज कपूर और दिलीप कुमार की त्रिमूर्ति की लोकप्रियता घट रही थी. फिल्म इंडस्ट्री को एक नए आइकन की तलाश थी और राजेश खन्ना ने इस भूमिका को पूरा किया. सच तो यह है कि फिल्म इंडस्ट्री ने उन्हें बनाया, इस्तेमाल किया और दरकिनार कर दिया, जब वह पैसे बनाने की मशीन नहीं रहे.'
इससे पहले राजेश खन्ना को लेकर उनके द्वारा किए गए कमेंट पर मचे बवाल को लेकर नसीर ने समझाया कि 'हर कोई जो मेरे वक्तव्य से नाराज हुआ, उनमें से किसी ने भी कोई खंडन किया कि मैंने क्या कहा.' उन सभी ने कहा, 'आप कैसे इस तरह की बात कह सकते हैं. गुज़र चुके लोगों का लिहाज़ करना चाहिए था.' उन्होंने कहा, 'मेरा सवाल है कि जब राजेश खन्ना जिंदा थे तक फिल्म इंडस्ट्री में राजेश खन्ना के लिए क्या सम्मान था. उनके बंगले के सामने हजारों लोग खड़े रहते थे. क्या यह उन्हें एक महान अभिनेता बनाता था?'
जब आयोजक ने उनसे राजेश खन्ना आनंद, आराधना जैसी सफल फिल्मों को लेकर सवाल किया तो उनका जवाब था कि 'निश्चित रूप से, मैं इससे इनकार नहीं कर रहा हूं. मैं कुछ मिलाकर उनके योगदान के बारे में बात कर रहा हूं. मुझे आनंद और आराधना में उनकी भूमिका को बेहद पसंद करता हूं.'
हालांकि बाद में उन्होंने इस मुद्दे पर राजेश खन्ना को लेकर पूर्व में दिए बयान पर कहा कि मैं उनके परिवार से माफी चाहता हूं, क्योंकि मैं उनकी भावनाओं को समझ सकता हूं.
उल्लेखनीय है कि पहले नसीर ने फिल्मों के स्तर को गिरने के लिए राजेश खन्ना को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने कहा था, 'यह 70 का दशक था जब हिंदी फिल्मों का स्तर औसत हो गया था. यह उस समय की बात है जब राजेश खन्ना ने बॉलीवुड में अपना कदम रखा था. वह बहुत सफल हुए, लेकिन मेरे लिए उनका अभिनय काफी सीमित था. वास्तव में वह एक 'कमजोर अभिनेता' थे. मैं जितने लोगों से मिला हूं, उनमें से बौद्धिक तौर पर वह मुझे सबसे कम जागरुक लगे. फिर उनके साधारण अभिनय की छाप पूरे बॉलीवुड पर पड़ गई.'
उसके बाद ट्विंकल खन्ना ने नसीरुद्दीन शाह के उस बयान पर नाराज़गी जताई थी, जिसमें उन्होंने सुपर स्टार माने जाने वाले राजेश खन्ना को 'कमज़ोर' अभिनेता कह दिया था. ट्विंकल ने ट्वीट करके शाह से कहा था कि उन्हें कम से कम गुज़र चुके लोगों का लिहाज़ करना था.
नसीरुद्दीन शाह द्वारा राजेश खन्ना पर दिए गए ब्यान से काका की पत्नी डिंपल कपाड़िया भी दुखी हुई और उन्हें भी बुरा लगा है.
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