डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम की फ़िल्म एमएसजी (द मैसेंजर ऑफ़ गॉड) के ट्रेलर को भले ही 21 लाख से ज्यादा लोगों ने पसंद किया हो, लेकिन सेंसर बोर्ड फ़िल्म को पास नहीं कर रही। बोर्ड ने अब अपनी तीसरी कमिटी ट्राइब्यूनल को फिल्म पर फ़ैसला लेने के लिए कहा है।
मुंबई में 10 सदस्यों वाली सेंसर बोर्ड की रिवाइसिंग कमिटी की फ़िल्म देखने के बाद ये आपसी राय बनी। रिवाइसिंग कमिटी की बेार्ड की सदस्य नंदिनी सरदेसाई ने कहा, 'डेरा सच्चा सौदा के राम रहीम की फ़िल्म विवादों से भरी है। ग्राफ़िक और तकनीक के मामले में फ़िल्म ज़बरदस्त है, लेकिन अगर ऐसे स्टंट्स कोई सुपरमैन या स्पाइडर मैन करता तो फ़िल्म सराही जा सकती थी पर हमें ऐसा लगता है कि यह फ़िल्म कइयों की भावनाओं को ठेंस पहुंचा सकती है। इसलिए अब हमारी तीसरी कमिटी यानी 'ट्राइब्यूनल' ही इसका फ़ैसला करेगी।
सेंसर बोर्ड ने अपने बयान में ये भी कहा कि फ़िल्म में किसी धर्म की आलोचना नहीं की गई, लेकिन इसमें जानलेवा बीमारियों को अपने जादू से ठीक करते दिखाई पड़ते हैं बाबा राम रहीम।
सेंसर बोर्ड के मुताबिक, उनकी फ़िल्म कइयों की भावानाओं को ठेंस पहुंचा सकती है, लिहाज़ा रिटायर्ड जजों से बनी सेंसर बोर्ड की तीसरी कमिटी फ़िल्म पर आखिरी फ़ैसला लेगी।
वहीं गृह मंत्रालय ने अपने एडवाइज़री में साफ़ कहा कि अगर फ़िल्म रिलीज़ हुई तो पंजाब और हरियाणा में कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है।
राम रहीम पर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए इस फ़िल्म के खिलाफ़ पंजाब और हरियाणा में सिखों का प्रदर्शन भी देखा गया।
इस बीच इस फिल्म के लेखक, निर्देशक, निर्माता और डेरा सच्चा सौदा के मुखिया गुरमीत राम रहीम सिंह ने कहा कि जिन दृष्यों पर सेंसर बोर्ड को आपत्ति है वो सीन्स सेंसर बोर्ड चाहे तो काट सकती है।
फ़िल्म के प्रति दर्शकों की उत्सुकता का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिलीज़ से हफ्ता भर पहले ही टिकट की ऑनलाइन बुकिंग साइट पर पहले वीकेंड के लिए 50 फ़ीसदी टिकट एडवांस में बुक हो चुकी हैं। फ़िल्म इस शुक्रवार रिलीज़ के लिए तैयार है पर सेंसर बोर्ड की ट्राइब्युनल से इजाज़त का इंतज़ार है।
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