फिल्म के दृश्य से ली गई तस्वीर
मुंबई:
फिल्म 'बाहुबली' का निर्देशन किया है, दक्षिण के मशहूर निर्देशक एसएस राजामौली ने और इसमें मुख्य भूमिकाएं निभाई हैं, प्रभास, राणा दगुबत्ती, नस्सर, तमन्ना भाटिया, अनुष्का शेट्टी और रामया ने।
इसका हिन्दी डब वर्ज़न डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं, करण जौहर। इस फिल्म को दो भागों में बनाया गया है और इसका दूसरा भाग 2016 में रिलीज होगा।
'बाहूबली' एक पीरियड फिल्म है और साथ ही इसे हिन्दुस्तानी सिनेमा की सबसे महंगी फिल्म माना जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि यह फिल्म बहुत ही भव्य है, इसके स्पेशल इफेक्ट्स कमाल के हैं और फिल्म एक विज्युअल ट्रीट है यानी आप इसका फ़िल्मांकन देखकर हैरान रह जाएंगे। कला निर्देशन, संगीत, एक्शन, फिल्मांकन इन सबकी जितनी तारीफ की जाए कम है।
सोहराब मोदी की फिल्म 'सिकन्दर' के बाद मुझे किसी फिल्म के युद्ध के दृश्य पसंद आए हैं तो वह है 'बाहूबली'। तकनीक ने इस फिल्म में दृश्यों को एक नया आयाम दिया है। फिल्म की कास्टिंग भी एक दम सटीक है और सभी का काम भी सराहनीय है सिवाय अनुष्का शेट्टी के जिनका मेकअप और अभिनय दोनों ही छाप नहीं छोड़ते।
इस फिल्म की दूसरी खामी है, इसका मध्यांतर से पहले का हिस्सा, जो काफी ढीला है। इसे देखने के दो नज़रिए हैं। पहला यह कि हो सकता है निर्देशक ने स्क्रीन प्ले फिल्म के दो भागों के नजरिये से लिखवाया हो, जिसकी वजह से फिल्म के इस भाग का पहला हिस्सा सिर्फ किरदारों को जमाने में ही लग जाता है और दूसरा नजरिया यह कि निर्देशक को दक्षिण के दर्शकों को रिझाने के लिए थोड़ा हीरोइज्म भी रखना था, पर मेरे ख्याल से वह स्क्रीन प्ले को और कस सकते थे।
बाकी फिल्म देखते वक्त इसकी भव्यता के अलावा आपका ध्यान शायद ही कहीं और जाए। तो मैं कहूंगा कि यह फिल्म आपको देखनी चाहिए, क्योंकि हिन्दुस्तानी सिनेमा का इतिहास फिल्म एक कदम और आगे बढ़ाती है। मेरी तरफ से इसे 3.5 स्टार्स।
इसका हिन्दी डब वर्ज़न डिस्ट्रीब्यूट कर रहे हैं, करण जौहर। इस फिल्म को दो भागों में बनाया गया है और इसका दूसरा भाग 2016 में रिलीज होगा।
'बाहूबली' एक पीरियड फिल्म है और साथ ही इसे हिन्दुस्तानी सिनेमा की सबसे महंगी फिल्म माना जा रहा है। इसमें कोई शक नहीं है कि यह फिल्म बहुत ही भव्य है, इसके स्पेशल इफेक्ट्स कमाल के हैं और फिल्म एक विज्युअल ट्रीट है यानी आप इसका फ़िल्मांकन देखकर हैरान रह जाएंगे। कला निर्देशन, संगीत, एक्शन, फिल्मांकन इन सबकी जितनी तारीफ की जाए कम है।
सोहराब मोदी की फिल्म 'सिकन्दर' के बाद मुझे किसी फिल्म के युद्ध के दृश्य पसंद आए हैं तो वह है 'बाहूबली'। तकनीक ने इस फिल्म में दृश्यों को एक नया आयाम दिया है। फिल्म की कास्टिंग भी एक दम सटीक है और सभी का काम भी सराहनीय है सिवाय अनुष्का शेट्टी के जिनका मेकअप और अभिनय दोनों ही छाप नहीं छोड़ते।
इस फिल्म की दूसरी खामी है, इसका मध्यांतर से पहले का हिस्सा, जो काफी ढीला है। इसे देखने के दो नज़रिए हैं। पहला यह कि हो सकता है निर्देशक ने स्क्रीन प्ले फिल्म के दो भागों के नजरिये से लिखवाया हो, जिसकी वजह से फिल्म के इस भाग का पहला हिस्सा सिर्फ किरदारों को जमाने में ही लग जाता है और दूसरा नजरिया यह कि निर्देशक को दक्षिण के दर्शकों को रिझाने के लिए थोड़ा हीरोइज्म भी रखना था, पर मेरे ख्याल से वह स्क्रीन प्ले को और कस सकते थे।
बाकी फिल्म देखते वक्त इसकी भव्यता के अलावा आपका ध्यान शायद ही कहीं और जाए। तो मैं कहूंगा कि यह फिल्म आपको देखनी चाहिए, क्योंकि हिन्दुस्तानी सिनेमा का इतिहास फिल्म एक कदम और आगे बढ़ाती है। मेरी तरफ से इसे 3.5 स्टार्स।
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