मनोज वाजपेयी का फाइल फोटो...
मुंबई:
अभिनेता मनोज वाजपेयी के अभिनय की आलोचकों ने सराहना की है और उन्हें दो बार राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है, लेकिन उनका कहना है कि एक समय ऐसा था जब उन्हें अपने अभिनय के बारे में अपने परिवार को बताने में झिझक हो रही थी।
वाजपेयी ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'जिस जगह से मैं आया हूं वहां पर अभिनय को कमतर काम माना जाता है। जिस समय मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने और थियेटर करने के वास्ते दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी थी तो मेरे पास अपने माता-पिता या दोस्तों से यह कहने का साहस नहीं था कि मैं एक अभिनेता बनना चाहता हूं।' 'अलीगढ़' के अभिनेता अपनी फिल्म 'बुधिया सिंह - बॉर्न टू रन' के गीत लॉन्च करने मौके पर बोल रहे थे।
सौमेन्द्र पधि के निर्देशन में बनी यह फिल्म बुधिया सिंह के जीवन पर आधारित है, जिसने केवल पांच साल की उम्र में 48 मैराथन में हिस्सा लिया था। फिल्म में वाजपेयी ने बुधिया के कोच की भूमिका निभाई है और यह पांच अगस्त को प्रदर्शित होगी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
वाजपेयी ने यहां संवाददाताओं को बताया, 'जिस जगह से मैं आया हूं वहां पर अभिनय को कमतर काम माना जाता है। जिस समय मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने और थियेटर करने के वास्ते दिल्ली के लिए ट्रेन पकड़ी थी तो मेरे पास अपने माता-पिता या दोस्तों से यह कहने का साहस नहीं था कि मैं एक अभिनेता बनना चाहता हूं।' 'अलीगढ़' के अभिनेता अपनी फिल्म 'बुधिया सिंह - बॉर्न टू रन' के गीत लॉन्च करने मौके पर बोल रहे थे।
सौमेन्द्र पधि के निर्देशन में बनी यह फिल्म बुधिया सिंह के जीवन पर आधारित है, जिसने केवल पांच साल की उम्र में 48 मैराथन में हिस्सा लिया था। फिल्म में वाजपेयी ने बुधिया के कोच की भूमिका निभाई है और यह पांच अगस्त को प्रदर्शित होगी।
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