यह ख़बर 14 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

रिव्यू : 'लव इन बिहार' को 3 स्टार

खास बातें

  • 'जो डूबा सो पार…' का फर्स्ट हाफ इंप्रेसिव है लेकिन सेकेंड हाफ में फिल्म प्रेमिका को बचाने की कोशिश करते प्रेमी के चलते पुराने ढर्रे पर चल निकलती है।
Mumbai:

'जो डूबा सो पार…इट्स लव इन बिहार। फिल्म बिहार में सेट है। बदमाश स्टूडेंट केशू को जब स्कूल से निकाल दिया जाता है तो वो अपने ट्रक ड्राइवर पिता के साथ काम करने लगता है। तभी फिरंगी लड़की सपना…मधुबनी पेंटिंग की रिसर्च के लिए बिहार आती है और केशू उसके प्यार में पढ़ जाता है।  केशू के प्यार की मासूमियत और जुनून के साथ 'जो डूबा सो पार…' का फर्स्ट हाफ इंप्रेसिव है लेकिन सेकेंड हाफ में फिल्म प्रेमिका के अपहरण और उसे बचाने की कोशिश करते प्रेमी के चलते पुराने ढर्रे पर चल निकलती है। क्यों सपना को छुड़ाने के लिए…दोस्त मामूली से शराबी दरोगा की मदद मांगते हैं। दरोगा…कैसे आसानी से अपने एसपी को गिरफ्तार करवा देता है। लगता है फिल्म जल्दबाजी में समेटी गई लेकिन डायरेक्टर प्रवीण कुमार की इस फिल्म में बिहार को इतनी अच्छी तरह से फिल्माया गया कि आप खुद को बिहार में खड़ा पाएंगे। रिक्शे पर लगे लाउडस्पीकर गली कूचे में बजते हारमोनियम, फेरीवाले और इस सबके बीच अपहरण। लीड एक्टर आनंद तिवारी, रजत कपूर, विनय पाठक, पीतोबाश त्रिपाठी के बिहारी अंदाज में डायलॉग डिलीवरी कमाल की है। फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 3 स्टार।


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