मुंबई:
बॉलीवुड फिल्मकार करण जौहर का कहना है कि वह बॉलीवुड में परिवारवाद के सबसे बड़े राजदूत हैं, परिवारवाद की वजह से ही आज वह बॉलीवुड में फिल्म निर्देशक हैं।
करण ने कहा कि उनके पिता यश जौहर फिल्म निर्माता थे और फिल्म निर्देशक यश चोपड़ा से उनके पारिवारिक संबंध थे इसीलिए उन्हें बॉलीवुड में आने का मौका मिला।
करण (40) मंगलवार को फिक्की फ्रेम्स समारोह में मौजूद थे। उन्होंने कहा, अगर ईमानदारी से कहूं तो मैं भी फिल्मों में नहीं होता अगर मेरे पारिवारिक सम्पर्क नहीं होते। मैं यहां हूं, क्योंकि मेरे पिता फिल्म निर्माता थे और पारिवारिक संपर्कों की वजह से निर्देशक आदित्य चोपड़ा ने अपनी एक फिल्म में मुझे सहायक निर्देशक रखा था।
उन्होंने कहा, मेरे पिता यश चोपड़ा को जानते थे और इस वजह से भाई-भतीजावाद के चलते मैं भी फिल्म निर्देशक बन गया। मैं कहूंगा कि मैं तो भाई-भतीजावाद का राजदूत हूं।
यह पूछे जाने पर कि फिल्मकार के अलावा वह और क्या बनते, करण ने कहा, मैं शायद फैशन डिजाइनर बनता या फिर विज्ञापन के क्षेत्र में होता।
करण ने यह भी कहा कि सिनेमा जगत का ऋण उतारने के लिए वह फिल्म जगत के बाहर के निर्देशकों को मौका देने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ उन फिल्मकारों को मौका देना चाहता हूं, जो फिल्म जगत से नहीं हैं। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व होता है कि धर्मा प्रोडक्शन के जरिये मैंने 12 नए निर्देशकों को मौका दिया है और इनमें से आठ निर्देशक बाहर के थे।
करण ने कहा कि उनके पिता यश जौहर फिल्म निर्माता थे और फिल्म निर्देशक यश चोपड़ा से उनके पारिवारिक संबंध थे इसीलिए उन्हें बॉलीवुड में आने का मौका मिला।
करण (40) मंगलवार को फिक्की फ्रेम्स समारोह में मौजूद थे। उन्होंने कहा, अगर ईमानदारी से कहूं तो मैं भी फिल्मों में नहीं होता अगर मेरे पारिवारिक सम्पर्क नहीं होते। मैं यहां हूं, क्योंकि मेरे पिता फिल्म निर्माता थे और पारिवारिक संपर्कों की वजह से निर्देशक आदित्य चोपड़ा ने अपनी एक फिल्म में मुझे सहायक निर्देशक रखा था।
उन्होंने कहा, मेरे पिता यश चोपड़ा को जानते थे और इस वजह से भाई-भतीजावाद के चलते मैं भी फिल्म निर्देशक बन गया। मैं कहूंगा कि मैं तो भाई-भतीजावाद का राजदूत हूं।
यह पूछे जाने पर कि फिल्मकार के अलावा वह और क्या बनते, करण ने कहा, मैं शायद फैशन डिजाइनर बनता या फिर विज्ञापन के क्षेत्र में होता।
करण ने यह भी कहा कि सिनेमा जगत का ऋण उतारने के लिए वह फिल्म जगत के बाहर के निर्देशकों को मौका देने की कोशिश करते हैं। उन्होंने कहा, मैं सिर्फ उन फिल्मकारों को मौका देना चाहता हूं, जो फिल्म जगत से नहीं हैं। मुझे यह कहते हुए बहुत गर्व होता है कि धर्मा प्रोडक्शन के जरिये मैंने 12 नए निर्देशकों को मौका दिया है और इनमें से आठ निर्देशक बाहर के थे।
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