मशहूर निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट को नए कलाकारों के साथ फिल्में बनाने में मजा आता है। उनका मानना है कि नए लोगों के साथ फिल्म बनाने से सफलता और असफलता दोनों का श्रेय उनके सिर ही जाता है।
नए कलाकारों के साथ महेश भट्ट की एक और फिल्म 'खामोशियां' रिलीज होने जा रही है। इसके प्रचार के दौरान महेश भट्ट ने कहा कि नए लोगों के साथ फिल्म बनाना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि आपको उसके किसी स्टारडम या शोहरत का कोई फायदा मिलने वाला नहीं। इसलिए आप अच्छी कहानी और अच्छा कंटेंट ढूंढने की कोशिश करते हैं और अच्छी फिल्म बनाने की कोशिश करते हैं।
करीब 15 सालों से भट्ट कैंप इस फलसफे पर अमल कर रहा है और नए लोगों के साथ फिल्में बनाता रहा है। इतना ही नहीं, कई बार ऐसे कलाकारों के साथ फिल्में बनाते हैं, जिनकी पहले की फिल्में फ्लॉप हो चुकी हैं या फिर उन्हें शोहरत नहीं मिली हैं। भट्ट कैंप में नए गायक, नए संगीतकार या फिर फिल्म से जुड़े तकनीकी लोगों का भी स्वागत किया जाता है।
महेश भट्ट कहते हैं कि नए लोगों के साथ काम करने में मजा आता है, क्योंकि इनके अंदर नई ऊर्जा होती है। कई बार नए निर्देशक, नए गीतकार, नए संगीतकार कुछ नई चीजें लेकर आते हैं। नए एक्टर्स में कुछ करने का जोश होता है और इनके नखरे भी नहीं होते।
वैसे नए लोगों के साथ अगर अच्छी कहानी और बेहतर संगीत के साथ फिल्म बनाई जाए और आज के दौर के हिसाब से प्रचार हो, तो फिल्म फायदा भी ज्यादा देती है। नुकसान का खतरा कम होता है, क्योंकि बड़े स्टार के साथ बड़े बजट की फिल्में नाकाम होने पर ज्यादा नुकसान देती हैं। अगर महेश भट्ट की फिल्मों की बात करें. तो करीब 10 करोड़ में बनी 'आशिकी 2' ने 100 करोड़ से ज़्यादा का कारोबार किया था। शायद यही वजह है कि सालों से भट्ट कैंप नए लोगों के साथ फिल्म बनाना बेहतर विकल्प समझता है।
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