अभिनेता ओम पुरी को उनकी पत्नी नंदिता और नाबालिग बेटे को हर महीने 2.90 लाख रुपये का गुजारा भत्ता देने के कुटुंब अदालत के आदेश के खिलाफ फिल्म अभिनेता की याचिका बंबई उच्च न्यायालय ने खारिज कर दी है।
कुटुंब अदालत ने ओम पुरी को नंदिता को 1.25 लाख रुपये और बेटे को 50,000 रुपये का अंतरिम मासिक गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया था। इसके अलावा अदालत ने उन्हें अपने बेटे की चिकित्सा और शिक्षा संबंधी खर्च के लिए हर महीने 1.15 लाख रुपये देने का आदेश दिया था जिसे देने के लिए वह स्वेच्छा से तैयार हो गए थे।
पुरी की दलील थी कि कुटुंब अदालत का आदेश निष्पक्ष नहीं है क्योंकि जो गुजारा भत्ता उन्हें देने को कहा गया है, वह उनकी आय के अनुरूप नहीं है।
न्यायमूर्ति एमएस सोनक ने कल पुरी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उनके तर्क से असहमति जताई और कहा कि परिवार अदालत का फैसला सही है और याचिकाकर्ता की मासिक आय समेत सभी पहलुओं पर विचार करके दिया गया है।
अदालत ने पुरी के 2009 से 2012 की अवधि के आयकर रिटर्न का उल्लेख किया जिसमें उनकी सालाना आय 1.53 करोड़ रुपये से 3.34 करोड़ रुपये के बीच बताई गई है।
पुरी ने 2012 में अपनी पत्नी से तलाक की अर्जी दाखिल की थी वहीं उनसे अलग रह रही पत्नी ने अंतरिम गुजारा भत्ते के लिए आवेदन किया था। नंदिता ने कहा था कि वह गृहिणी हैं और उनके पास आय का कोई अन्य स्रोत नहीं है।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं