अभिनेता और फिल्म निर्माता जॉन अब्राहम बेहिचक होकर कहते हैं कि उनके लिए फिल्म की व्यावसायिक सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण समीक्षकों की प्रशंसा है। उन्होंने कहा कि वह अलग-अलग विषयों पर फिल्में बनाना चाहते हैं, जिनको बाद तक याद रखा जाए।
                                            
                                            क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
 हमें बताएं।
                                        
                                        
                                                                                मुंबई: 
                                        अभिनेता और फिल्म निर्माता जॉन अब्राहम बेहिचक होकर कहते हैं कि उनके लिए फिल्म की व्यावसायिक सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण समीक्षकों की प्रशंसा है। उन्होंने कहा कि वह अलग-अलग विषयों पर फिल्में बनाना चाहते हैं, जिनको बाद तक याद रखा जाए।
जॉन ने फिल्म 'विक्की डोनर' से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रहने के साथ-साथ समीक्षकों द्वारा भी बेहद सराही गई थी और इसने राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था। जॉन के निर्माण में बनी अगली फिल्म 'मद्रास कैफे' भी प्रदर्शन के लिए तैयार है।
जॉन ने बताया, "फिल्म निर्माता होने के नाते मैं फिल्मों की व्यावसायिक सफलता का ज्यादा कायल नहीं हूं। मेरे लिए समीक्षकों की सराहना महत्व रखती है। 'विक्की डोनर' और 'मद्रास कैफे' दोनों बिल्कुल अलग तरह की फिल्में हैं। मैं एक निर्माता के रूप में अलग-अलग तरह की और अच्छी फिल्में बनाना चाहता हूं, जिनकी डीवीडी आप सहेज कर रखना चाहेंगे।"
जॉन ने 'मद्रास कैफे' में मुख्य भूमिका भी निभाई है। उन्होंने कहा कि फिल्म सामान्य बजट के अन्दर बनी है, लेकिन देखने से 50 करोड़ के भारी-भरकम बजट वाली लगती है।
सुजीत सरकार निर्देशित 'मद्रास कैफे' 23 अगस्त को सिनेमाघरों में आ रही है। जॉन इस समय सह-कलाकार नरगिस फाकरी के साथ फिल्म के प्रचार में व्यस्त हैं।
                                                                        
                                    
                                जॉन ने फिल्म 'विक्की डोनर' से फिल्म निर्माण के क्षेत्र में कदम रखा था। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सफल रहने के साथ-साथ समीक्षकों द्वारा भी बेहद सराही गई थी और इसने राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीता था। जॉन के निर्माण में बनी अगली फिल्म 'मद्रास कैफे' भी प्रदर्शन के लिए तैयार है।
जॉन ने बताया, "फिल्म निर्माता होने के नाते मैं फिल्मों की व्यावसायिक सफलता का ज्यादा कायल नहीं हूं। मेरे लिए समीक्षकों की सराहना महत्व रखती है। 'विक्की डोनर' और 'मद्रास कैफे' दोनों बिल्कुल अलग तरह की फिल्में हैं। मैं एक निर्माता के रूप में अलग-अलग तरह की और अच्छी फिल्में बनाना चाहता हूं, जिनकी डीवीडी आप सहेज कर रखना चाहेंगे।"
जॉन ने 'मद्रास कैफे' में मुख्य भूमिका भी निभाई है। उन्होंने कहा कि फिल्म सामान्य बजट के अन्दर बनी है, लेकिन देखने से 50 करोड़ के भारी-भरकम बजट वाली लगती है।
सुजीत सरकार निर्देशित 'मद्रास कैफे' 23 अगस्त को सिनेमाघरों में आ रही है। जॉन इस समय सह-कलाकार नरगिस फाकरी के साथ फिल्म के प्रचार में व्यस्त हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं