मुंबई:
इस फ़िल्मी फ़्राइडे अनीस बज़्मी की 'वेलकम बैक' रिलीज़ हुई है। यह फिल्म 2007 में रिलीज़ हुई फ़िल्म 'वेलकम' की सीक्वल है, जो कामयाब रही थी। इस बार 'वेलकम बैक' में दर्शकों का वेलकम करेंगे, नाना पाटेकर, अनिल कपूर, जॉन अब्राहम, परेश रावल, डिंपल कपाड़िया, अंकिता श्रीवास्तव, श्रुति हसन, राजपाल यादव, शाइनी आहूजा और नसीरुद्दीन शाह।
'वेलकम बैक' एक कॉमेडी फ़िल्म है, जिसमें एक बार फिर पिछली फ़िल्म 'वेलकम' की तरह उदय और मजनू भाई को अपनी एक और बहन के लिए शरीफ़ लड़के की तलाश है। वो फिर से पहुंच जाते हैं अपने समधि घुंघरू के पास, जिनका एक और बेटा तो है पर वो शरीफ़ है या बदमाश ये जानने के लिए आपको फ़िल्म देखनी पड़ेगी।
'वेलकम बैक' की कहानी काफ़ी हद तक पहली वेलकम से मेल खाती है, लेकिन इसमें कुछ दिलचस्प मोड़ हैं। निर्देशक अनीस बज़्मी, लेखक राजीव कॉल और डायलॉग राइटर राज शांडिल्य की तारीफ़ करनी यहां ज़रूरी है। फ़िल्म का आख़िरी हिस्सा छोड़ दें तो फ़िल्म की स्क्रिप्ट अच्छी है और कसा हुआ स्क्रीनप्ले है। डायलॉग ठहाके लगाने पर मजबूर करते हैं। स्क्रिप्ट में कॉमेडी सीन्स बेहतरीन ढंग से बुने गए हैं। एक्टर्स की बात करें तो नाना पाटेकर और अनिल कपूर की जुगलबंदी आपको प्रभावित करेगी, वहीं जॉन आपको अपने एक्शन और कॉमेडी के ज़रिये लुभाएंगे।
'वेलकम बैक', पहली वेलकम की तुलना में भव्य है और मुझे 'वेलकम' से बेहतर लगी। फ़िल्म की कहानी को जिस तरह से आगे बढ़ाया गया, वह टीवी सीरियल के मसाले की तरह दिखे जिसमें कोई भी क़िरदार अतीत से निकल आता है। पर यह सब शायद ये सोचकर कुछ लोग भूल सकते हैं कि वह एक कॉमेडी फ़िल्म देख रहे हैं, जिसमें दिमाग़ के इस्तेमाल की शायद कुछ ख़ास ज़रूरत नहीं, ज़रूरी ये है कि दर्शकों को हंसी आए। मुझे फ़िल्म देखते वक्त काफ़ी हंसी आई, जहां नहीं आई वहां, मुस्कुराहट बनी रही, तो मेरी ओर से फ़िल्म को 3.5 स्टार्स!
'वेलकम बैक' एक कॉमेडी फ़िल्म है, जिसमें एक बार फिर पिछली फ़िल्म 'वेलकम' की तरह उदय और मजनू भाई को अपनी एक और बहन के लिए शरीफ़ लड़के की तलाश है। वो फिर से पहुंच जाते हैं अपने समधि घुंघरू के पास, जिनका एक और बेटा तो है पर वो शरीफ़ है या बदमाश ये जानने के लिए आपको फ़िल्म देखनी पड़ेगी।
'वेलकम बैक' की कहानी काफ़ी हद तक पहली वेलकम से मेल खाती है, लेकिन इसमें कुछ दिलचस्प मोड़ हैं। निर्देशक अनीस बज़्मी, लेखक राजीव कॉल और डायलॉग राइटर राज शांडिल्य की तारीफ़ करनी यहां ज़रूरी है। फ़िल्म का आख़िरी हिस्सा छोड़ दें तो फ़िल्म की स्क्रिप्ट अच्छी है और कसा हुआ स्क्रीनप्ले है। डायलॉग ठहाके लगाने पर मजबूर करते हैं। स्क्रिप्ट में कॉमेडी सीन्स बेहतरीन ढंग से बुने गए हैं। एक्टर्स की बात करें तो नाना पाटेकर और अनिल कपूर की जुगलबंदी आपको प्रभावित करेगी, वहीं जॉन आपको अपने एक्शन और कॉमेडी के ज़रिये लुभाएंगे।
'वेलकम बैक', पहली वेलकम की तुलना में भव्य है और मुझे 'वेलकम' से बेहतर लगी। फ़िल्म की कहानी को जिस तरह से आगे बढ़ाया गया, वह टीवी सीरियल के मसाले की तरह दिखे जिसमें कोई भी क़िरदार अतीत से निकल आता है। पर यह सब शायद ये सोचकर कुछ लोग भूल सकते हैं कि वह एक कॉमेडी फ़िल्म देख रहे हैं, जिसमें दिमाग़ के इस्तेमाल की शायद कुछ ख़ास ज़रूरत नहीं, ज़रूरी ये है कि दर्शकों को हंसी आए। मुझे फ़िल्म देखते वक्त काफ़ी हंसी आई, जहां नहीं आई वहां, मुस्कुराहट बनी रही, तो मेरी ओर से फ़िल्म को 3.5 स्टार्स!
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
अनिल कपूर, जॉन अब्राहम, वेलकम बैक, अनीस बज्मी, श्रुति हासन, Anil Kapoor, John Abraham, Welcome Back, फिल्म रिव्यू, Film Review