मुंबई:
साख़ दाव पर लगी है। एक तरफ़ शाहरुख़ ख़ान हैं तो दूसरी तरफ़ निर्देशक संजय लीला भंसाली। दोनों एक बार फिर बॉक्स ऑफिस पर आमने-सामने हैं और एक दूसरे को चुनौती दे रहे हैं, क्योंकि 18 दिसंबर को शाहरुख़ अपनी फ़िल्म 'दिलवाले' और संजय लीला भंसाली अपनी फ़िल्म 'बाजी राव मस्तानी' को एक साथ रिलीज़ कर रहे हैं। ज़ाहिर है कि दोनों के लिए चुनौती बड़ी है। ऐसे में दोनों को ही ज़्यादा से ज़्यादा सिनेमा घरों पर कब्ज़ा करना है और अपनी फ़िल्म रिलीज़ करनी है।
अगर अभी के रुझान की तरफ़ देखें तो फ़िल्म 'दिलवाले' बढ़त बना रही है और उसे ज़्यादा सिनेमा घर मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि 'दिलवाले' को करीब 2000 से 2500 स्क्रीन मिल रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ़ 'बाजी राव मस्तानी' को क़रीब 1800 से 2000 स्क्रीन अब तक मिले हैं। ख़बरों के अनुसार, 'बाजी राव मस्तानी' के पास सिंगल स्क्रीन की संख्या ज़्यादा है और 'दिलवाले' ने ज़्यादा मल्टीप्लेक्स के स्क्रीन्स पर कब्ज़ा किया है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है सिनेमा घरों के इस बंटवारे में थोड़े और उलट फेर हो सकते हैं।
इस देश में बड़ी से बड़ी फिल्में एक बार में 5000 से 5500 स्क्रीन्स तक में रिलीज़ की जाती हैं और अब तक की सबसे बड़ी रिलीज़ इस दीवाली पर प्रदर्शित हुई सलमान ख़ान की फ़िल्म 'प्रेम रतन धन पायो' को मिली है जो करीब 5500 स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई थी। यानी अबतक देश भर में स्क्रीन्स की संख्या 5000 से 5500 तक ही है। ऐसे में अगर 2 बड़ी फिल्में एक साथ आएंगी तो एक्जि़बिटर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए सिनेमा घरों का बंटवारा करना मुश्किल होगा और जब स्क्रीन्स बंटेंगे तो कलेक्शन भी दो हिस्सों में बंटेगा यानी दोनों फिल्मों का कुछ न कुछ नुकसान होगा।
मगर इन नुकसानों की चिंता किए बिना शाहरुख़ और संजय लीला भंसाली एक दूसरे के आमने-सामने होने को तैयार हैं। लड़ाई दिलचस्प होगी, क्योंकि साल 2007 में संजय लीला भंसाली की हार हो चुकी है, जब शाहरुख़ की फ़िल्म 'ओम शांति ओम' के सामने संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'सांवरिया' फ्लॉप हुई थी। शायद संजय लीला भंसाली इस बार शाहरुख़ से बदला लेने के लिए तैयार हैं, क्योंकि ' बाजी राव मस्तानी' के प्रोमो की जमकर सराहना हो रही है।
अगर अभी के रुझान की तरफ़ देखें तो फ़िल्म 'दिलवाले' बढ़त बना रही है और उसे ज़्यादा सिनेमा घर मिल रहे हैं। बताया जा रहा है कि 'दिलवाले' को करीब 2000 से 2500 स्क्रीन मिल रहे हैं। वहीं, दूसरी तरफ़ 'बाजी राव मस्तानी' को क़रीब 1800 से 2000 स्क्रीन अब तक मिले हैं। ख़बरों के अनुसार, 'बाजी राव मस्तानी' के पास सिंगल स्क्रीन की संख्या ज़्यादा है और 'दिलवाले' ने ज़्यादा मल्टीप्लेक्स के स्क्रीन्स पर कब्ज़ा किया है। हालांकि ये भी कहा जा रहा है सिनेमा घरों के इस बंटवारे में थोड़े और उलट फेर हो सकते हैं।
इस देश में बड़ी से बड़ी फिल्में एक बार में 5000 से 5500 स्क्रीन्स तक में रिलीज़ की जाती हैं और अब तक की सबसे बड़ी रिलीज़ इस दीवाली पर प्रदर्शित हुई सलमान ख़ान की फ़िल्म 'प्रेम रतन धन पायो' को मिली है जो करीब 5500 स्क्रीन्स पर रिलीज़ हुई थी। यानी अबतक देश भर में स्क्रीन्स की संख्या 5000 से 5500 तक ही है। ऐसे में अगर 2 बड़ी फिल्में एक साथ आएंगी तो एक्जि़बिटर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के लिए सिनेमा घरों का बंटवारा करना मुश्किल होगा और जब स्क्रीन्स बंटेंगे तो कलेक्शन भी दो हिस्सों में बंटेगा यानी दोनों फिल्मों का कुछ न कुछ नुकसान होगा।
मगर इन नुकसानों की चिंता किए बिना शाहरुख़ और संजय लीला भंसाली एक दूसरे के आमने-सामने होने को तैयार हैं। लड़ाई दिलचस्प होगी, क्योंकि साल 2007 में संजय लीला भंसाली की हार हो चुकी है, जब शाहरुख़ की फ़िल्म 'ओम शांति ओम' के सामने संजय लीला भंसाली की फ़िल्म 'सांवरिया' फ्लॉप हुई थी। शायद संजय लीला भंसाली इस बार शाहरुख़ से बदला लेने के लिए तैयार हैं, क्योंकि ' बाजी राव मस्तानी' के प्रोमो की जमकर सराहना हो रही है।
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