पहलाज निहलानी से बात करते तेजस मेहता
नई दिल्ली:
सीबीएफसी या फिल्म सेंसर बोर्ड के प्रमुख पहलाज निहलानी ने फिल्मकार अनुराग कश्यप द्वारा खुद को तानाशाह बताए जाने पर और यह आरोप लगाए जाने पर कि फिल्म में यह कट पंजाब चुनाव के मद्देनजर लगाए गए हैं, कहा कि इन कट्स का पंजाब चुनाव से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्म के बारे में अनुराग कश्यप के आरोप बेबुनियाद हैं।
पहलाज निहलानी ने कहा कि आम आदमी पार्टी से फिल्म को फंड की बात कही, क्योंकि उन्होंने ऐसा सुना था। फिल्मकारों कके उनसे माफी मांगने की मांग पर उन्होंने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, क्योंकि जो सुना वहीं कहा।
एनडीटीवी से बात करते हुए निहलानी ने कहा कि बोर्ड के निर्णय को कोई राजनीतिक दबाव नहीं बदल सकता। उन्होंने कहा कि फिल्म से पंजाब, राजनीति और चुनाव के जिक्र को बाहर करने के निर्णय का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। फिल्म के टाइटल में पंजाब शब्द का जिक्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिल्म में कट समिति की सलाह के बाद लिया जाता है।
फिल्म देखने के बाद ही यह समझ पाएंगे कि क्यों पंजाब शब्द हटाया गया
उन्होंने कहा कि केवल पूरी फिल्म देखने के बाद ही यह समझ पाएंगे कि क्यों पंजाब शब्द हटाया गया है। जहां तक यह आरोप है कि अकाली और बीजेपी की साझा सरकार को बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है क्योंकि राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और नई संभावनाओं भरी आम आदमी पार्टी यह आरोप लगा रही है कि राज्य में ड्रग्स का कारोबार फैला हुआ है, तो निहलानी ने कहा कि यहां चुनाव अभी कई महीनों बाद हैं।
फिल्म से पंजाब शब्द को नहीं हटाया जा सकता
बता दें कि अनुराग कश्यप जो फिल्म के निर्माताओं में से एक हैं, ने कहा कि फिल्म से पंजाब शब्द को नहीं हटाया जा सकता है क्योंकि फिल्म पंजाब में ड्रग्स के प्रयोग पर आधारित है और पंजाब शब्द पूरी तरह से फिल्म के लिए अतिआवश्यक है। कश्यप ने अपने ट्वीट और इंटरव्यू में निहलानी पर अपने गुस्से का इजहार किया और कहा कि फिल्म रिलीज होने में केवल नौ दिन बचे हैं और फिल्म में इतने बदलाव कर दिए गए हैं। यह पूरी तरह तानाशाही रवैया है। उन्होंने निहलानी पर नॉर्थ कोरिया की तरह बर्ताव करने का आरोप तक लगा दिया।
कश्यप को बोलने की आजादी है
इस आरोप के जवाब में निहलानी ने कहा कि वह ऐसा कह सकते हैं कि मेरे कार्यकाल में एनबीएफसी नॉर्थ कोरिया की तरह है क्योंकि उन्हें बोलने की आजादी है। सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने इस बात से भी इनकार किया कि बोर्ड ने अपने निर्णयों को बताने में देरी की। उन्होंने कहा कि बोर्ड को बुधवार को फिल्म दी गई है और शुक्रवार को फिल्म देखी गई। बाद के दो दिन के वीकेंड था। इसलिए कोई देरी नहीं हुई है। मंगलवार से फिल्म में कट की लिस्ट तैयार है। अनुराग कश्यप ले सकते हैं।
नहीं मिली निर्णय की कॉपी
अनुराग कश्यप ने कहा कि उन्होंने सेंसर बोर्ड के निर्णय के खिलाफ अभी तक फिल्म प्राधिकरण में जाने का निर्णय नहीं लिया है क्योंकि उन्हें अभी तक कट के बारे में लिखित में सूचित नहीं किया गया है।
पहलाज निहलानी ने कहा कि आम आदमी पार्टी से फिल्म को फंड की बात कही, क्योंकि उन्होंने ऐसा सुना था। फिल्मकारों कके उनसे माफी मांगने की मांग पर उन्होंने कहा कि मैं माफी नहीं मांगूंगा, क्योंकि जो सुना वहीं कहा।
एनडीटीवी से बात करते हुए निहलानी ने कहा कि बोर्ड के निर्णय को कोई राजनीतिक दबाव नहीं बदल सकता। उन्होंने कहा कि फिल्म से पंजाब, राजनीति और चुनाव के जिक्र को बाहर करने के निर्णय का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। फिल्म के टाइटल में पंजाब शब्द का जिक्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिल्म में कट समिति की सलाह के बाद लिया जाता है।
फिल्म देखने के बाद ही यह समझ पाएंगे कि क्यों पंजाब शब्द हटाया गया
उन्होंने कहा कि केवल पूरी फिल्म देखने के बाद ही यह समझ पाएंगे कि क्यों पंजाब शब्द हटाया गया है। जहां तक यह आरोप है कि अकाली और बीजेपी की साझा सरकार को बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है क्योंकि राज्य में मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस और नई संभावनाओं भरी आम आदमी पार्टी यह आरोप लगा रही है कि राज्य में ड्रग्स का कारोबार फैला हुआ है, तो निहलानी ने कहा कि यहां चुनाव अभी कई महीनों बाद हैं।
फिल्म से पंजाब शब्द को नहीं हटाया जा सकता
बता दें कि अनुराग कश्यप जो फिल्म के निर्माताओं में से एक हैं, ने कहा कि फिल्म से पंजाब शब्द को नहीं हटाया जा सकता है क्योंकि फिल्म पंजाब में ड्रग्स के प्रयोग पर आधारित है और पंजाब शब्द पूरी तरह से फिल्म के लिए अतिआवश्यक है। कश्यप ने अपने ट्वीट और इंटरव्यू में निहलानी पर अपने गुस्से का इजहार किया और कहा कि फिल्म रिलीज होने में केवल नौ दिन बचे हैं और फिल्म में इतने बदलाव कर दिए गए हैं। यह पूरी तरह तानाशाही रवैया है। उन्होंने निहलानी पर नॉर्थ कोरिया की तरह बर्ताव करने का आरोप तक लगा दिया।
कश्यप को बोलने की आजादी है
इस आरोप के जवाब में निहलानी ने कहा कि वह ऐसा कह सकते हैं कि मेरे कार्यकाल में एनबीएफसी नॉर्थ कोरिया की तरह है क्योंकि उन्हें बोलने की आजादी है। सेंसर बोर्ड के प्रमुख ने इस बात से भी इनकार किया कि बोर्ड ने अपने निर्णयों को बताने में देरी की। उन्होंने कहा कि बोर्ड को बुधवार को फिल्म दी गई है और शुक्रवार को फिल्म देखी गई। बाद के दो दिन के वीकेंड था। इसलिए कोई देरी नहीं हुई है। मंगलवार से फिल्म में कट की लिस्ट तैयार है। अनुराग कश्यप ले सकते हैं।
नहीं मिली निर्णय की कॉपी
अनुराग कश्यप ने कहा कि उन्होंने सेंसर बोर्ड के निर्णय के खिलाफ अभी तक फिल्म प्राधिकरण में जाने का निर्णय नहीं लिया है क्योंकि उन्हें अभी तक कट के बारे में लिखित में सूचित नहीं किया गया है।
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