निर्देशक तिग्मांशु धूलिया की फिल्म 'बुलेट राजा' में सैफ अली खान, सोनाक्षी सिन्हा, जिम्मी शेरगिल, चंकी पांडे, रवि किशन, विद्युत जामवाल और गुलशन ग्रोवर ने काम किया है।
'बुलेट राजा' कहानी है, दो नौजवानों राजा मिश्रा (सैफ अली खान) और रुद्र (जिम्मी शेरगिल) की। इन दोनों को परिस्थितियां उन्हें अपराध जगत में ले आती हैं और फिर शुरू होती है खुलेआम गोलीबारी, हत्या, बदला और डबल क्रॉस का सिलसिला।
इन सबके बीच राजा यानी सैफ की जिंदगी में आती हैं, सोनाक्षी सिन्हा, जिनसे राजा को इश्क हो जाता है। फिल्म में और क्या है... यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
अब सवाल है कि फिल्म मुझे कैसी लगी? फिल्म में तिग्मांशु धूलिया ने एक बार फिर से अपने अंदाज में हीरोइज्म को जिंदा करने की कोशिश की है। फिल्म की शुरुआत में कास्टिंग से ही आप समझ जाते हैं कि तिग्मांशु 70 के दशक के सिनेमा से खासे प्रभावित हैं। फिर चाहे वह सैफ की अमिताभ स्टाइल में 'डॉन' की दौड़ती हुई तस्वीर हो, या फिर वे तस्वीरें, जिनमें 70 के सिनेमा की कास्टिंग का स्टाइल था।
फिल्म का स्क्रीनप्ले, स्क्रिप्ट, डायलॉग अपनी पकड़ बनाए रखते हैं, पर शायद तिग्मांशु का यह कहानी चुनने का फैसला गलत था, क्योंकि अब तक उत्तर प्रदेश के इर्द-गिर्द घूमती क्राइम−पॉलिटिक्स पर कई बार फिल्में देखी जा चुकी हैं।
अब दर्शकों को उसमें नयापन नहीं दिखता। सिर्फ डायलॉग मार−धाड़ और हीरो का दबंग अंदाज दर्शकों को कुछ वक्त के लिए इंटरटेन कर सकता है, पर शायद पूरी फिल्म नहीं।
इसमें कोई शक नहीं कि डायरेक्शन पर तिग्मांशु की पूरी पकड़ है, पर सैफ पर वह पूरी तरह से पकड़ नहीं बना पाए। किरदार में उतरने के लिए सैफ ने अच्छी कोशिश की है, पर वह कई जगह अपने रोल में फिट होते नजर नहीं आते, बावजूद इसके पर्दे पर जो हीरोइज़्म दिखाने की निर्देशक कोशिश कर रहे थे, उसमें वह कामयाब हुए। फिल्म में उतार-चढ़ाव अच्छा है, पर आप वह पहले ही भांप सकते हैं इसलिए उन सीन्स को देखकर शायद आप चौंके नहीं। फिल्म के कुछ किरदार मसलन रवि किशन और जेल से सिस्टम को चलाते विपिन असल जिंदगी के कई चेहरों को ताजा कर देते हैं। फिल्म के चुटकी लेते डायलॉग आपको हंसा सकते हैं। फिल्म में एक्शन अच्छा है। जिम्मी शेरगिल अपने किरदार में अच्छे लगते हैं। विद्युत जामवाल भी अपनी मौजूदगी सैफ के सामने बखूबी दर्ज करते हैं।
सोनाक्षी फिल्म में हैं, क्योंकि फिल्म में एक हीरोइन होनी भी चाहिए। कई जगह सैफ और जिम्मी या फिर सैफ के साथ विद्युत की टक्कर..अमिताभ बच्चन और विनोद खन्ना की जोड़ी याद दिलाती है। बैकग्राउंड स्कोर अच्छा है। 'तमंचे पर डिस्को' और 'डोंट टच माई बॉडी' गाने पहले ही छा चुके हैं।
चंकी पांडे और गुलशन ग्रोवर अपने−अपने किरदार के साथ न्याय करते हैं। कुल मिलाकर 'बुलेट राजा' एक ऐसी फिल्म है, जो शायद आपका मनोरंजन करने में सफल हो सकती है। मेरी ओर से फिल्म को 2.5 स्टार्स।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं