नई दिल्ली:
नेपाल के काठमांडू में 16 अगस्त 1970 को जन्मीं फिल्म अभिनेत्री मनीषा कोइराला आज 46 साल की हो गईं. उन्होंने बालीवुड की करीब 50 फिल्मों में अभिनय किया. वैसे तो उनकी कई फिल्में लोकप्रिय हुईं लेकिन '1942 ए लव स्टोरी' उनकी खास यादगार फिल्म है जिसने उन्हें सफलता के शिखर पर पहुंचाया.
मनीषा कोइराला ने फिल्मी सफर की शुरुआत सन 1991 में सुभाष घई की फिल्म सौदागर से की थी. यह फिल्म उस साल की सबसे हिट फिल्म रही थी. इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा. 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....' सन 1993 में आई फिल्म '1942 ए लव स्टोरी' के इस गीत ने वास्तव में मनीषा को हिन्दी फिल्म संसार में नई पहचान दी. उनकी यह फिल्म न सिर्फ सुपर हिट हुई बल्कि उन्हें इसी फिल्म ने लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. मनीषा कोइराला इससे पहले 1991 से 1993 के बीच 'सौदागर' के अलावा 'यलगार' और 'इंसानियत के देवता' में आ चुकी थीं.
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म '1942 ए लव स्टोरी' की पटकथा संजय लीला भंसाली की थी और मनीषा के साथ हीरो अनिल कपूर थे. राहुल देव बर्मन ने इस फिल्म में संगीत दिया था. देश की आजादी की लड़ाई की कहानी की पृष्ठभूमि के साथ प्रेम कथा इस फिल्म की कहानी थी. फिल्म का संगीत जहां शानदार था वहीं इसमें मनीषा कोइराला का अभिनय भी दमदार था.'1942 ए लव स्टोरी' के बाद मनीषा कोइराला को कई फिल्में मिलीं. इनमें से 'बॉम्बे', 'क्रिमनल', 'खामोशी', 'कच्चे धागे', 'अग्निसाक्षी', 'मोक्ष', 'मन' जैसी फिल्मों ने खासी सफलता पाई. सन 2007 में आई फिल्म 'अनवर' उनकी आखिरी फिल्म थी. सन 1996 में आई फिल्म 'खामोशी' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का स्क्रीन अवार्ड मिला. हिन्दी फिल्मों के अलावा उन्होंने नेपाली, तमिल,तेलुगू और मलयालम फिल्मों में भी काम किया है.
मनीषा कोइराला की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है. उनके पिता प्रकाश कोइराला नेपाल में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. वे नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बिश्वेश्वर प्रसाद कोइराला की नातिन हैं. मनीषा भरतनाट्यम और मणिपुरी नृत्यों में पारंगत हैं. बनारस और दिल्ली में शिक्षा लेने वालीं मनीषा मॉडलिंग करने का बाद फिल्म इंडस्ट्री में आईं. नेपाल के व्यवसायी सम्राट दहाल से वर्ष 2010 में उनकी शादी हुई लेकिन 2012 में अलगाव हुआ और फिर तलाक हो गया. सन 2012 में वे कैंसर से पीड़ित हो गईं. इलाज के बाद वे कैंसर से मुक्त हो चुकी हैं. उनकी फिल्मों में वापसी की खबरें आ रही हैं. दर्शकों को उनका इंतजार है.
मनीषा कोइराला ने फिल्मी सफर की शुरुआत सन 1991 में सुभाष घई की फिल्म सौदागर से की थी. यह फिल्म उस साल की सबसे हिट फिल्म रही थी. इसके बाद उन्होंने मुड़कर नहीं देखा. 'एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा....' सन 1993 में आई फिल्म '1942 ए लव स्टोरी' के इस गीत ने वास्तव में मनीषा को हिन्दी फिल्म संसार में नई पहचान दी. उनकी यह फिल्म न सिर्फ सुपर हिट हुई बल्कि उन्हें इसी फिल्म ने लोकप्रियता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया. मनीषा कोइराला इससे पहले 1991 से 1993 के बीच 'सौदागर' के अलावा 'यलगार' और 'इंसानियत के देवता' में आ चुकी थीं.
विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म '1942 ए लव स्टोरी' की पटकथा संजय लीला भंसाली की थी और मनीषा के साथ हीरो अनिल कपूर थे. राहुल देव बर्मन ने इस फिल्म में संगीत दिया था. देश की आजादी की लड़ाई की कहानी की पृष्ठभूमि के साथ प्रेम कथा इस फिल्म की कहानी थी. फिल्म का संगीत जहां शानदार था वहीं इसमें मनीषा कोइराला का अभिनय भी दमदार था.'1942 ए लव स्टोरी' के बाद मनीषा कोइराला को कई फिल्में मिलीं. इनमें से 'बॉम्बे', 'क्रिमनल', 'खामोशी', 'कच्चे धागे', 'अग्निसाक्षी', 'मोक्ष', 'मन' जैसी फिल्मों ने खासी सफलता पाई. सन 2007 में आई फिल्म 'अनवर' उनकी आखिरी फिल्म थी. सन 1996 में आई फिल्म 'खामोशी' के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का स्क्रीन अवार्ड मिला. हिन्दी फिल्मों के अलावा उन्होंने नेपाली, तमिल,तेलुगू और मलयालम फिल्मों में भी काम किया है.
मनीषा कोइराला की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है. उनके पिता प्रकाश कोइराला नेपाल में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. वे नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री बिश्वेश्वर प्रसाद कोइराला की नातिन हैं. मनीषा भरतनाट्यम और मणिपुरी नृत्यों में पारंगत हैं. बनारस और दिल्ली में शिक्षा लेने वालीं मनीषा मॉडलिंग करने का बाद फिल्म इंडस्ट्री में आईं. नेपाल के व्यवसायी सम्राट दहाल से वर्ष 2010 में उनकी शादी हुई लेकिन 2012 में अलगाव हुआ और फिर तलाक हो गया. सन 2012 में वे कैंसर से पीड़ित हो गईं. इलाज के बाद वे कैंसर से मुक्त हो चुकी हैं. उनकी फिल्मों में वापसी की खबरें आ रही हैं. दर्शकों को उनका इंतजार है.
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