यह ख़बर 24 मई, 2012 को प्रकाशित हुई थी

एनिमेशन फिल्म अर्जुन को मिले 3.5 स्टार

खास बातें

  • फिल्म महाभारत के महान योद्धा अर्जुन पर है। डायरेक्टर अर्नब चौधरी की इस फिल्म में बड़े ही आलीशान एनिमेटेड सेट्स हैं।
मुंबई:

तीन साल में बनी हिंदी एनिमेशन फिल्म अर्जुन आ गई है। फिल्म महाभारत के महान योद्धा अर्जुन पर है। डायरेक्टर अर्नब चौधरी की इस फिल्म में बड़े ही आलीशान एनिमेटेड सेट्स हैं। चाहे पांडवों को भस्म करने के लिए तैयार लाक्षागृह महल हो या बर्फीले पर्वत की देवभूमि जहां अर्जुन ने घोर तपस्या की। द्रौपदी के स्वयंवर के दौरान जलकुंड में छलांग लगाकर मछली को बेधने का सीन तो कमाल का है।

फिल्म में एक्शन ड्रामा कॉमेडी सब है। शकुनि बुरा है। वह गधे की सवारी करता है। गुरुदक्षिणा मांगते वक्त द्रोण अर्जुन को लात मारकर चौंका देते हैं। द्रोण और अर्जुन के बीच कमाल फाइट सीन हैं। जहां एनिमेशन की क्वालिटी बेहतर है वहीं झक सफेद आंखों में धृतराष्ट्र जैसे किरदारों के लुक्स दिलचस्प हैं। युधिष्ठिर ज़रूर कमज़ोर दिखाई पड़ते हैं।

बहरहाल फिल्म, अर्जुन के बचपन से शुरू होकर पांडवों के अज्ञातवास पर खत्म हो जाती है। ये एंड कई लोगों को झटका दे सकता है क्योंकि अर्जुन के जीवन की दो सबसे अहम घटनाएं हैं। कुरूक्षेत्र में गीता का ज्ञान और महाभारत युद्ध। ये सब सीक्वल में देखा जाएगा क्योंकि अर्जुन के जीवन का कैनवास महाभारत जितना विशाल है। फिर भी स्क्रिप्ट में कसावट लाकर अर्जुन की ज़िंदगी की कुछ ज़रूरी घटनाएं जोड़ी जा सकती थीं। बच्चे को अर्जुन की कहानी सुना रही महिला के दृश्य काटे जाते तो कई सीन्स को जल्दबाजी में समेटना नहीं पड़ता।

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द्रौपदी के चीरहरण ने महाभारत में रीवेंज ड्रामा को जन्म दिया लेकिन डायरेक्टर ने यह सीन नहीं दिखाया। ना ही अर्जुन के जन्म की दिलचस्प दास्तान कही। शायद इसीलिए कि फिल्म बच्चों की है। जो भी हो बच्चों को ज़रूर दिखाइए, 'अर्जुन'। फिल्म के लिए एनडीटीवी के विजय वशिष्ठ की रेटिंग है 3.5 स्टार।