नई दिल्ली:
'बॉलीवुड के महानायक' और 'सुपरस्टार ऑफ द मिलेनियम' के नामों से जाने जाने वाले दिग्गज अभिनेता अमिताभ बच्चन को उनके धीर-गंभीर व्यवहार और पितातुल्यस्वरूप के लिए भी खासा पसंद किया जाता है, और यही वजह है कि उनके चाहने वालों में कई पीढ़ियों के लोग शामिल हैं...
इस बार उन्होंने अपनी पोती आराध्या तथा नातिन नव्या नवेली के नाम एक खुला खत लिखा है, जिसमें उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने के विशेष सबक देने की कोशिश की है, जिसकी वजह से यह खत सिर्फ इन्हीं दोनों के लिए नहीं, देश की हर बेटी के लिए नसीहत साबित हो सकता है...
अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया भादुड़ी बच्चन की बेटी श्वेता तथा दामाद निखिल नंदा की पुत्री नव्या नवेली और अमिताभ-जया के अभिनेता बेटा-बहू अभिषेक व ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी आराध्या के नाम लिखे इस खत में 'बिग बी' ने दोनों बच्चियों को यह याद दिलाया है कि वह सिर्फ मशहूर मां-बाप की बेटियां नहीं हैं, परंतु चूंकि वे बेटियां हैं, सो, इस कारण से भी लोग हमेशा उन्हें बताने की कोशिश करेंगे कि उन्हें अपनी ज़िन्दगी कैसे जीनी चाहिए...
'बॉलीवुड के शहंशाह' ने 'घर के बुज़ुर्ग' की हैसियत से लिखे इस खत में नव्या और आराध्या से साफ कहा कि उन लोगों की बातें कतई मत सुनना... उन लोगों की कभी न सुनना, जो तुम्हें बताते हैं कि कैसे कपड़े पहनो, कैसे बर्ताव करो, किससे मिलना चाहिए, कहां जाना चाहिए... अमिताभ ने लिखा, "किसी को भी तुम्हें यह एहसास मत दिलाने दो कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई तुम्हारे चरित्र का बखान करती है..." अमिताभ यह भी लिखते हैं - शादी इसलिए करना, क्योंकि तुम ऐसा करना चाहती हो... अपने दोस्त खुद चुनना... अपने फैसले खुद करना... दादाजी-नानाजी आगे लिखते हैं - लोग तो बातें करेंगे ही, तुम मत सुनना...
आइए, आप भी पढ़ें, अमिताभ बच्चन का अपनी पोती-नातिन को लिखा पूरा खत...
मेरी सबसे प्यारी नव्या और आराध्या...
तुम दोनों अपने नाज़ुक कंधों पर बेहद बेशकीमती विरासतों को लेकर चल रही हो - आराध्या - तुम्हारे पास है तुम्हारे परदादा डॉ हरिवंशराय बच्चन की विरासत, और नव्या - तुम्हारे पास तुम्हारे परदादा एचपी नंदा की विरासत है...
तुम दोनों के परदादाओं ने तुम्हारे मौजूदा पारिवारिक नामों (surname) को पहचान, सम्मान और शोहरत दी...!
तुम दोनों नंदा या बच्चन हो सकती हो, लेकिन तुम लड़कियां भी हो, महिला...!
...और चूंकि तुम महिला हो, लोग अपनी सोच, अपनी सीमाएं तुम पर थोपेंगे...
वे तुम्हें बताएंगे, तुम्हें कैसी पोशाक पहननी चाहिए, तुम्हें कैसे बर्ताव करना चाहिए, तुम्हें किससे मिलना चाहिए, तुम्हें कहां जाना चाहिए, कहां नहीं...
लोगों के फैसलों की छाया में न रहना... अपनी समझ से अपने फैसले खुद करना...
किसी को भी तुम्हें यह एहसास मत दिलाने देना कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई से तुम्हारे चरित्र को जांचा या मापा जा सकता है...
तुम्हें किससे दोस्ती करनी चाहिए, इसे लेकर किसी भी और की सलाह से अपने दोस्त तय नहीं करना...
शादी सिर्फ इसी वजह से करना, क्योंकि तुम ऐसा करना चाहती हो, किसी भी और वजह से नहीं...
लोग बातें करेंगे... वे बहुत बुरी बातें भी कहेंगे... लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि तुम्हें सबकी सुननी होगी... कभी इस बात की चिंता मत करना - लोग क्या कहेंगे...!
आखिरकार, तुम्हें ही अपने फैसलों का अच्छा-बुरा परिणाम भुगतना होगा, सो, किसी भी और को अपने फैसले मत करने देना...
नव्या - तुम्हारे नाम और पारिवारिक नाम से जो विशेष पहचान तुम्हें हासिल है, वह तुम्हें उन परेशानियों से नहीं बचा सकतीं, जिनका सामना तुम्हें महिला होने के नाते करना होगा... लेकिन नकारात्मकता को खुद को निराश-हताश मत करने देना, क्योंकि इंसान में बहुत-सी अच्छाइयां भी बाकी हैं...
आराध्या - जब तक तुम इस खत को पढ़ने और समझने लायक होवोगी, तब तक मैं शायद यहां न रहूं, लेकिन मेरी समझ कहती है कि जो कुछ भी मैं कह रहा हूं, वह तब भी प्रासंगिक होगा...
महिलाओं के लिए इस दुनिया में जीना बहुत-बहुत मुश्किल हो सकता है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन हालात को बदल डालेंगी...
तुम्हारे लिए अपनी सीमाएं तय करना, अपने फैसले खुद करना, लोगों के फैसलों को नकारकर ऊपर उठना आसान नहीं होगा... लेकिन तुम... तुम सारी दुनिया की महिलाओं के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती हो...
ऐसा कर दिखाओ, और तुम्हारी उपलब्धि मेरी सारी उम्र की उपलब्धियों से कहीं ज़्यादा साबित होगी... और यह मेरे लिए बेहद सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के तौर पर नहीं, तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं...
मेरा सारा प्यार...
तुम्हारा दादाजी, तुम्हारा नाना
इस बार उन्होंने अपनी पोती आराध्या तथा नातिन नव्या नवेली के नाम एक खुला खत लिखा है, जिसमें उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने के विशेष सबक देने की कोशिश की है, जिसकी वजह से यह खत सिर्फ इन्हीं दोनों के लिए नहीं, देश की हर बेटी के लिए नसीहत साबित हो सकता है...
अमिताभ बच्चन और उनकी पत्नी जया भादुड़ी बच्चन की बेटी श्वेता तथा दामाद निखिल नंदा की पुत्री नव्या नवेली और अमिताभ-जया के अभिनेता बेटा-बहू अभिषेक व ऐश्वर्या राय बच्चन की बेटी आराध्या के नाम लिखे इस खत में 'बिग बी' ने दोनों बच्चियों को यह याद दिलाया है कि वह सिर्फ मशहूर मां-बाप की बेटियां नहीं हैं, परंतु चूंकि वे बेटियां हैं, सो, इस कारण से भी लोग हमेशा उन्हें बताने की कोशिश करेंगे कि उन्हें अपनी ज़िन्दगी कैसे जीनी चाहिए...
'बॉलीवुड के शहंशाह' ने 'घर के बुज़ुर्ग' की हैसियत से लिखे इस खत में नव्या और आराध्या से साफ कहा कि उन लोगों की बातें कतई मत सुनना... उन लोगों की कभी न सुनना, जो तुम्हें बताते हैं कि कैसे कपड़े पहनो, कैसे बर्ताव करो, किससे मिलना चाहिए, कहां जाना चाहिए... अमिताभ ने लिखा, "किसी को भी तुम्हें यह एहसास मत दिलाने दो कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई तुम्हारे चरित्र का बखान करती है..." अमिताभ यह भी लिखते हैं - शादी इसलिए करना, क्योंकि तुम ऐसा करना चाहती हो... अपने दोस्त खुद चुनना... अपने फैसले खुद करना... दादाजी-नानाजी आगे लिखते हैं - लोग तो बातें करेंगे ही, तुम मत सुनना...
आइए, आप भी पढ़ें, अमिताभ बच्चन का अपनी पोती-नातिन को लिखा पूरा खत...
मेरी सबसे प्यारी नव्या और आराध्या...
तुम दोनों अपने नाज़ुक कंधों पर बेहद बेशकीमती विरासतों को लेकर चल रही हो - आराध्या - तुम्हारे पास है तुम्हारे परदादा डॉ हरिवंशराय बच्चन की विरासत, और नव्या - तुम्हारे पास तुम्हारे परदादा एचपी नंदा की विरासत है...
तुम दोनों के परदादाओं ने तुम्हारे मौजूदा पारिवारिक नामों (surname) को पहचान, सम्मान और शोहरत दी...!
तुम दोनों नंदा या बच्चन हो सकती हो, लेकिन तुम लड़कियां भी हो, महिला...!
...और चूंकि तुम महिला हो, लोग अपनी सोच, अपनी सीमाएं तुम पर थोपेंगे...
वे तुम्हें बताएंगे, तुम्हें कैसी पोशाक पहननी चाहिए, तुम्हें कैसे बर्ताव करना चाहिए, तुम्हें किससे मिलना चाहिए, तुम्हें कहां जाना चाहिए, कहां नहीं...
लोगों के फैसलों की छाया में न रहना... अपनी समझ से अपने फैसले खुद करना...
किसी को भी तुम्हें यह एहसास मत दिलाने देना कि तुम्हारी स्कर्ट की लंबाई से तुम्हारे चरित्र को जांचा या मापा जा सकता है...
तुम्हें किससे दोस्ती करनी चाहिए, इसे लेकर किसी भी और की सलाह से अपने दोस्त तय नहीं करना...
शादी सिर्फ इसी वजह से करना, क्योंकि तुम ऐसा करना चाहती हो, किसी भी और वजह से नहीं...
लोग बातें करेंगे... वे बहुत बुरी बातें भी कहेंगे... लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि तुम्हें सबकी सुननी होगी... कभी इस बात की चिंता मत करना - लोग क्या कहेंगे...!
आखिरकार, तुम्हें ही अपने फैसलों का अच्छा-बुरा परिणाम भुगतना होगा, सो, किसी भी और को अपने फैसले मत करने देना...
नव्या - तुम्हारे नाम और पारिवारिक नाम से जो विशेष पहचान तुम्हें हासिल है, वह तुम्हें उन परेशानियों से नहीं बचा सकतीं, जिनका सामना तुम्हें महिला होने के नाते करना होगा... लेकिन नकारात्मकता को खुद को निराश-हताश मत करने देना, क्योंकि इंसान में बहुत-सी अच्छाइयां भी बाकी हैं...
आराध्या - जब तक तुम इस खत को पढ़ने और समझने लायक होवोगी, तब तक मैं शायद यहां न रहूं, लेकिन मेरी समझ कहती है कि जो कुछ भी मैं कह रहा हूं, वह तब भी प्रासंगिक होगा...
महिलाओं के लिए इस दुनिया में जीना बहुत-बहुत मुश्किल हो सकता है, लेकिन मुझे विश्वास है कि तुम जैसी महिलाएं ही इन हालात को बदल डालेंगी...
तुम्हारे लिए अपनी सीमाएं तय करना, अपने फैसले खुद करना, लोगों के फैसलों को नकारकर ऊपर उठना आसान नहीं होगा... लेकिन तुम... तुम सारी दुनिया की महिलाओं के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर सकती हो...
ऐसा कर दिखाओ, और तुम्हारी उपलब्धि मेरी सारी उम्र की उपलब्धियों से कहीं ज़्यादा साबित होगी... और यह मेरे लिए बेहद सम्मान की बात होगी कि मैं अमिताभ बच्चन के तौर पर नहीं, तुम्हारे दादा और नाना के रूप में जाना जाऊं...
मेरा सारा प्यार...
तुम्हारा दादाजी, तुम्हारा नाना
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