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This Article is From Aug 25, 2017

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ के सीटीमार डायलॉग

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की 'बाबूमोशाय बंदूकबाज' आज रिलीज हो गई है...कसी हुई फिल्म के साथ ही इसकेे डायलॉग भी काफी मजेदार हैं

नवाजुद्दीन सिद्दीकी की ‘बाबूमोशाय बंदूकबाज’ के सीटीमार डायलॉग
बाबूमोशाय बंदूकबाज का एक सीन
नई दिल्ली: इन दिनों बॉलीवुड में देसी फिल्मों का दौर है. इस बात का इशारा पिछले दो हफ्तों से मिल रहा है. बरेली की बर्फी और टॉयलेटः एक प्रेम कथा के तौर पर. टॉयलेट...की खासियत भी उसके डायलॉग थे. अब आज रिलीज हुई बाबूमोशाय बंदूकबाज के डायलॉग इसकी जान हैं. पूरी तरह से देसी महक से लबरेज ये डायलॉग दर्शकों को सीटी मारने के लिए मजबूर कर देंगे. आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही डायलॉग के बारे में:

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फिल्म के पहले ही सीन में जब बाबू  कॉन्ट्रेक्ट किलिंग के लिए आता है:
हम तो आउटसोर्सिंग करते हैं...यमराज की..

नेता जीजी से बातचीत के दौरान बाबू बिहारी कहता हैः
जीजी...कुत्ता जब पाला जाता है, अच्छी नस्ल का पाला जाता है.क्योंकि उसे पता होता है कहां भौंकना, कैसे भौंकना है...कितना काटना है...

जब बाबू बिहारी के चेले बांके बिहारी (जतिन गोस्वामी) की मुलाकात फुलवा (बिदिता बाग) से होती हैः
शीशी भरी गुलाब की पत्थर पर तोड़ दे, ऐसी घरवाली मिल जाए तो बाहरवाली छोड़ दें...

बाबू बिहारी फुलवा से मिलने के दौरान यह डायलॉग मारता हैः
टॉल नहीं हैं लेकिन डार्क और हैंडसम तो हैं...

बांके बिहारी बहुत ही देसी अंदाज में अपनी माशूका से कहता हैः
बैटरी मर गया था (बैटरी डेड हो गई थी)

जब जीजी बाबू से कहती है कि तू तो बहुत काला हो गया है तो बाबू कहता हैः
काला आजकल काफी डिमांड में है.

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