अभय देओल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अभिनेता अभय देओल का कहना है कि वह अपनी गैर-मुख्यधारा की छवि को तोड़कर पर्दे पर एक्शन से सजी मुख्यधारा की फिल्में करना चाहते हैं. उन्होंने बताया कि एक्शन फिल्मों के लिए बड़े बजट की जरूरत होती है. उन्हें ऐसी अनोखी कहानी चाहिए, जिसमें शूटिंग के वक्त घायल होने की संभावना कम हो.
'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' और 'देव डी' जैसी गैर-मुख्यधारा की फिल्में करने वाले अभय को इस बात पर संदेह है कि उन्हें निर्माताओं द्वारा एक्शन फिल्म का प्रस्ताव मिलेगा.
अभय ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि मैं अलग तरह की फिल्में नहीं करना चाहता. मैंने मुख्यधारा की फिल्में सफल होने के लिए की थी. लेकिन पैसे पर निर्भर रह कर चलने वाले इस उद्योग में आपको एक सीमित दायरे में रख दिया जाता है. आप जो करने में यकीन रखते हैं, उसके लिए कठिन प्रयास करते हैं और कोशिश करते हैं कि उस दायरे तक सीमित न रहें, लेकिन नहीं चाहते हुए भी आपको उस दायरे में रहना पड़ता है.'
आगे उनका कहना है कि अब वह अपने दायरे से बाहर निकलकर एक्शन फिल्म करना चाहते हैं तो किसी और को भी उनके साथ जोखिम लेना पड़ेगा. वह इसे अकेले नहीं कर सकते.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
'जिंदगी न मिलेगी दोबारा' और 'देव डी' जैसी गैर-मुख्यधारा की फिल्में करने वाले अभय को इस बात पर संदेह है कि उन्हें निर्माताओं द्वारा एक्शन फिल्म का प्रस्ताव मिलेगा.
अभय ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि मैं अलग तरह की फिल्में नहीं करना चाहता. मैंने मुख्यधारा की फिल्में सफल होने के लिए की थी. लेकिन पैसे पर निर्भर रह कर चलने वाले इस उद्योग में आपको एक सीमित दायरे में रख दिया जाता है. आप जो करने में यकीन रखते हैं, उसके लिए कठिन प्रयास करते हैं और कोशिश करते हैं कि उस दायरे तक सीमित न रहें, लेकिन नहीं चाहते हुए भी आपको उस दायरे में रहना पड़ता है.'
आगे उनका कहना है कि अब वह अपने दायरे से बाहर निकलकर एक्शन फिल्म करना चाहते हैं तो किसी और को भी उनके साथ जोखिम लेना पड़ेगा. वह इसे अकेले नहीं कर सकते.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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