अहाना कुमरा इससे पहले वेब सीरीज का भी हिस्सा रह चुकी हैं.
नई दिल्ली:
आहाना कुमरा कई पुरस्कारों से नवाजी जा चुकी फिल्म 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' का हिस्सा नहीं बन पाती. अलंकृता श्रीवास्तव निर्देशित और प्रकाश झा निर्मित फिल्म की कहानी चार ऐसी महिलाओं के बारे में हैं, जो खुलकर अपनी जिंदगी का लुत्फ लेना चाहती हैं. शुरुआत में आहाना इस फिल्म का हिस्सा बनने का मौका लगभग खो चुकी थीं क्योंकि इसकी शूटिंग उसी समय होनी थी, जब वह टीवी श्रृंखला 'युद्ध' में काम कर रही थीं. आहाना को फिल्म में काम करने से मना करना पड़ा, लेकिन तभी 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' की शूटिंग की तारीखें आगे बढ़ गईं. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के अनुसार आहाना ने अपने बयान में कहा, 'सौभाग्य ने साथ दिया और यह फिल्म मुझे फिर मिली! अलंकृता की कास्टिंग टीम के सदस्यों श्रुति और पराग ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या अगस्त में मेरे पास समय है और मैं जानकर हैरान रह गई कि अभी तक फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं हुई है.'
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार अभिनेत्री ने बताया कि उन लोगों ने उनसे कहा कि वे अभी भी उन्हें फिल्म के लिए उपयुक्त मानते हैं, लेकिन उन्हें ऑडिशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा और आखिरकार उन्हें फिल्म में काम मिल गया. 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' ने टोक्यो अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में 'स्पिरिट ऑफ एशिया' अवार्ड जीता और मुंबई फिल्म महोत्सव में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में ऑक्सफैम अवार्ड जीता. यह फिल्म ग्लासगो फिल्मोत्सव में भी दिखाई जा चुकी है.
बता दें कि इस फिल्म को भारत में रिलीज होने के लिए सेंसर बोर्ड का खासा विरोध झेलना पड़ा था. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इस फिल्म को अति महिलावादी कहकर भारत में बैन कर दिया था. आखिकरा कोर्ट के दखल के बाद इस फिल्म को भारत में रिलीज करने की अनुमति दी जा चुकी है. यह फिल्म 21 जुलाई को भारत में रिलीज हो रही है.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार अभिनेत्री ने बताया कि उन लोगों ने उनसे कहा कि वे अभी भी उन्हें फिल्म के लिए उपयुक्त मानते हैं, लेकिन उन्हें ऑडिशन की प्रक्रिया से गुजरना होगा और आखिरकार उन्हें फिल्म में काम मिल गया. 'लिपस्टिक अंडर माई बुर्का' ने टोक्यो अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव में 'स्पिरिट ऑफ एशिया' अवार्ड जीता और मुंबई फिल्म महोत्सव में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने के लिए सर्वश्रेष्ठ फिल्म के रूप में ऑक्सफैम अवार्ड जीता. यह फिल्म ग्लासगो फिल्मोत्सव में भी दिखाई जा चुकी है.
बता दें कि इस फिल्म को भारत में रिलीज होने के लिए सेंसर बोर्ड का खासा विरोध झेलना पड़ा था. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने इस फिल्म को अति महिलावादी कहकर भारत में बैन कर दिया था. आखिकरा कोर्ट के दखल के बाद इस फिल्म को भारत में रिलीज करने की अनुमति दी जा चुकी है. यह फिल्म 21 जुलाई को भारत में रिलीज हो रही है.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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