यह ख़बर 20 मई, 2011 को प्रकाशित हुई थी

404: डर और दहशत का माहौल...

खास बातें

  • 404… अभिमन्यु मेडिकल कॉलेज में पढ़ने आया छात्र है जो रेगिंग का विरोध करता है।
नई दिल्ली:

डायरेक्टर − प्रवाल रमनकलाकार − राजवीर अरोड़ा और निशिकांत कामत 404… अभिमन्यु मेडिकल कॉलेज में पढ़ने आया छात्र है जो रेगिंग का विरोध करता है। सीनियर्स का गुस्सा बाकी रूम मेट्स पर ना बरसे यह सोचकर अभिमन्यु हॉस्टल के रूम नंबर 404 को खुलवाकर अकेला रहने लगता है। रुम नंबर 404 एक छात्र की खुदकुशी के बाद तीन-चार साल से बंद है और छात्र इसे भुतहा रूम मानते हैं। मनोविज्ञान के प्रोफेसर डॉ. अनिरुद्ध अभिमन्यु के कदम का समर्थन करते हैं ताकि बाकी स्टूडेंट्स समझ सकें कि भूत-प्रेत सिर्फ दिमाग का वहम है। लेकिन होता उल्टा है। खुदकुशी कर चुका छात्र अभिमन्यु को दिखने लगता है। क्या यह सचमुच का भूत है या साज़िश... सस्पेंस बताकर हम आपका मज़ा किरकिरा नहीं करेंगे। डायरेक्टर प्रवाल रमन की 404 एक साइक्लॉजिकल थ्रिलर है जो धीरे-धीरे डर और दहशत का माहौल बनाती है और इसमें समीरुद्दीन का बैकग्राऊंड म्यूज़िक काफी कारगर है। राजवीर अरोड़ा निशिकांत कामत और इमाद शाह की अच्छी एक्टिंग। सिनेमेटोग्राफी बेहतरीन। 404 धीमी फिल्म है लेकिन आखिरी बीस मिनट ज़ोरदार हैं जब सस्पेंस का खुलासा होता है और यहीं 404 दूसरी फिल्मों से हटकर खड़ी हो जाती है। अगर आपमें एक स्लो फिल्म को देखने का सब्र है तो 404 आपके लिए है। फिल्म के लिए मेरी रेटिंग है 2.5 स्टार।  


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