
इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की उपस्थिति में पीएम नरेंद्र मोदी ने आईक्रिएट कैम्पस को देश के नाम समर्पित किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जिस प्रकार किसान एक छोटा सा पौधा लगता है तो आने वाली कई पीढि़यां उसका फल पाते रहती है उसी प्रकार का अनुभव आज आईक्रिएट के लोकापर्ण पर हो रही है.
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इस्राइल के अनुभव का फायदा आईक्रिएट को मिले. इस्राइल की टेक्नोलॉजी पूरे विश्व को प्रभावित करती रही है. वाटर कंजर्वेशन, फूड प्रोसेसिंग से लेकर कितने ही विषय हैं जिनमें भारत और इस्राइल की साझेदारी हो सकती है.
इस्राइल ने साबित किया है कि देश का आकार नहीं, देश के लोगों का संकल्प देश को आगे ले जाता है. जितने बड़े सपने होंगे उतने बड़े उसके नतीजे होंगे. इस देश को मिले नोबोल पुरस्कार इस बात की गवाही देते हैं.
अल्बर्ट आइंस्टीन का काफी महत्वपूर्ण कथन है- 'इमेजिनेशन इज मोर इंपोर्टेंट दैन नॉलेज'. इन सपनों को कभी थमने नहीं देना है. संकोच इनोवेशन का दुश्मन है. सफलता की पहली शर्त होती है साहस. जो साहस कर सकता है वह कोई भी निर्णय ले सकता है.
अधिकतर लोग कालिदास और मेघदूत के शाकुंतला के विषय में तो जानते हैं लेकिन उनके 'मालविकाग्निमित्रम्' संस्कृत नाटक में उन्होंने नये पुराने को लेकर काफी शानदार तरीके से वर्णन किया है.
पुराणमित्येव न साधु सर्वं न चापि काव्यं नवमित्यवद्यम़्।
सन्त: परीक्ष्यान्यतरद्भजन्ते मूढ: परप्रत्ययनेयबुद्धि:॥
अर्थात् केवल किसी चीज के पुराने होने भर से वह अच्छी होगी यह आवश्यक नहीं है, इसी प्रकार अगर कोई चीज नई हो तो जरूरी नहीं है कि वह बुरी होगी. अच्छे लोग गुण के आधार पर यह तय करते हैं जबकि बुरे लोग दूसरे के कहे सुने पर इसका निर्धारण करते हैं.जब आई क्रिएट का निर्माण हो रहा था तो आई को छोटा रखा गया. आई का बड़ा होना सबसे बड़ा नुकसान होता है. यह अहंकार को दर्शता है. इसलिए इसको इससे मुक्त रखा गया है. इसकी शुरुआत छोटे आई से हुई लेकिन इसका सपना बड़ा रखा गया. हमारा सपना था छोटे आई से शुरू कर बड़े आई तक पहुंचना. मेरा लक्ष्य था एक आदमी से शुरू कर इसे देश के लोगों तक पहुंचाना.
देश में इनोवेशन, क्रिएटिविटी इत्यादि की बहुत जरूरत है. इसी को देखते हुए देश में स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया, मुद्रा जैसी कई योजनाएं चलाई जा रही हैं.