इन 5 वजहों से TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू ने छोड़ा NDA का साथ

तेलगू देशम पार्टी यानी टीडीपी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार को झटका देते हुए एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है.

इन 5 वजहों से  TDP चीफ चंद्रबाबू नायडू ने छोड़ा NDA का साथ

चंद्रबाबू नायडू (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: टीडीपी यानी तेलगू देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने मोदी सरकार को झटका देते हुए एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अपना नाता तोड़ लिया है. यानी अब टीडीपी, एनडीए का हिस्सा नहीं है. बताया जा रहा है कि टीडीपी ने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा न दिये जाने की वजह से लिया है. इतना ही नहीं, एनडीए से अलग होने के बाद मोदी सरकार के खिलाफ टीडीपी अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी तैयारी कर चुकी है.

गठबंधन टूटने की 5 वजहें

  1. चंद्रबाबू नायडू काफी समय से आंध्र प्रदेश के लिए मोदी सरकार से विशेष राज्य के दर्जे की मांग कर रहे थे. इस वजह से नायडू मोदी सरकार ने नाराज थे. TDP मांग थी कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जे के तहत केंद्रीय सहायता उपलब्ध करवाई जाए, जिसका वादा राज्य में से काटकर नया राज्य तेलंगाना गठित करते हुए किया गया था.

  2. केंद्र ने विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को ठुकरा दिया था. अरुण जेटली ने कहा कि ज़ज्बात के आधार पर राज्यों को फंड्स नहीं दिये जा सकते हैं, केन्द्र सरकार के फंड्स पर सभी सरकारों का बराबरी का हक है. जेटली ने साफ किया कि जो भी वायदा सरकार ने आंध्र प्रदेश को लेकर किया था वो पूरा किया गया है.

  3. चंद्रबाबू नायडू करोड़ों रुपये का केंद्रीय सहायता पैकेज चाहते थे, जिसका वादा कांग्रेस-नीत UPA सरकार के कार्यकाल में किया गया था. राज्य के राजनैतिक दलों का कहना है कि बंटवारे (आंध्र प्रदेश से तेलंगाना का अलग होना) से आंध्र प्रदेश को राजस्व के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है.

  4. केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में आंध्र प्रदेश के लिए 'विशेष पैकेज' की घोषणा की थी, लेकिन TDP का दावा है कि पैकेज के तहत कभी कोई राशि जारी नहीं की गई. चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि वह विशेष पैकेज पर इसलिए सहमत हो गए थे, क्योंकि केंद्र सरकार ने वादा किया था आइंदा किसी भी राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया जाएगा.

  5. अगले साल आंध्र प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले टीडीपी इस मुद्दे पर काफी दबाव में अपने आप को महसूस कर रही है. विपक्षी पार्टियां मसलन वाईएसआर कांग्रेस अक्सर विशेष राज्य का दर्जा न दिये जाने पर हमला बोलती रही है. हमला बोलने की एक वजह इसलिए भी थी क्योंकि टीडीपी केंद्र में सहयोगी पार्टी भी थी.