राफेल डील पर विवाद : नागपुर में प्लांट, नए सीईओ संपथकुमारन एसटी और 10 बड़ी बातें

बुधवार को 'मीडियापार्ट' ने दसॉल्ट एविऐशन के आंतरिक दस्तावेज के हवाले से खबर दी थी कि विमानन कंपनी 36 राफेल लड़ाकू विमानों का करार करने के लिए समझौते के तहत रिलायंस डिफेंस के साथ संयुक्त उपक्रम शुरू करने के लिए मजबूर थी.

राफेल डील पर विवाद : नागपुर में प्लांट, नए सीईओ संपथकुमारन एसटी और 10 बड़ी बातें

नागपुर में बन रहा है राफेल विमान का बनाने का प्लांट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को राफेल सौदे में भूमिका पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जांच की मांग की और आरोप लगाया कि वह एक ‘‘भ्रष्ट व्यक्ति’’ हैं. जिन्होंने 36 लड़ाकू विमानों की खरीद में अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया. कांग्रेस अध्यक्ष ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की फ्रांस की तीन दिन की वर्तमान यात्रा को सरकार द्वारा राफेल सौदे पर 'पर्दा डालने की कोशिश' का हिस्सा बताया. भाजपा ने राहुल पर जोरदार पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह 'सरासर झूठ बोल रहे हैं' और अपना राजनीतिक करियर चमकाने के लिए 'दुष्प्रचार की राजनीति' कर रहे हैं. भाजपा ने राहुल गांधी को 'मसखरा शहजादा' करार देते हुए आरोप लगाया कि वह 'स्वयं एक बिचौलिये के परिवार से आते हैं' और उनके पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी एक रक्षा सौदे में 'आधिकारिक रूप से बिचौलिया' थे. पिछले महीने फ्रांसीसी ऑनलाइन जर्नल 'मीडियापार्ट' ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के हवाले से कहा था कि फ्रांस के पास दसॉल्ट के लिए भारतीय सहयोगी कंपनी के चयन को लेकर कोई विकल्प' नहीं था और भारत सरकार ने फ्रांसीसी विमानन कंपनी के सहयोगी के रूप में भारतीय कंपनी के नाम का प्रस्ताव रखा था

10 बड़ी बातें

 
  1. वहीं दसॉल्ट कंपनी के सीईओ एरिक ट्रेपियर ने कहा है कि रिलायंस के साथ दसॉल्ट एविएशन का संयुक्त उपक्रम राफेल लड़ाकू विमान करार के तहत करीब 10 फीसदी ऑफसेट निवेश का प्रतिनिधित्व करता है. 

  2. ट्रेपियर ने कहा कि हम करीब 100 भारतीय कंपनियों के साथ बातचीत कर रहे हैं जिनमें करीब 30 ऐसी हैं जिनके साथ हमने पहले ही साझेदारी की पुष्टि कर दी है. 

  3. मीडिया में आई कई खबरों में कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मेदी ने दसाल्ट को मजबूर किया था कि वह रिलायंस को अपने साझेदार के तौर पर चुने जबकि रिलायंस के पास उड्डयन क्षेत्र में कोई अनुभव नहीं था.

  4. वहीं एफपी न्यूज एजेंसी से बातचीत में दसॉल्ट की ओर से नई जानकारी दी गई है. विवादों के बाद भी इस डील को लेकर काम शुरू हो गया है. 

  5. दसॉल्ट ने रिलायंस के साथ मिलकर नागपुर में यह प्रोजक्ट लगा रही है. इसके लिए एक भारतीय सीईओ संपथकुमारन को नियुक्त कर लिया है. 

  6. पहले चरण में एक अस्थाई हैंगर (विमानों को रखने की जगह) बनाया गया है. जहां पर उत्पादन से जुड़े यंत्र रखे जाएंगे. इसको मार्च 2018 में बना लिया गया है.

  7. अप्रैल 2018 में यहां काम शुरू कर दिया गया. इस दौरान दसॉल्ट के वरिष्ठ अधिकारी और स्थानीय अधिकारी मौजूद थे. 

  8. दसॉल्ट ने बताया है कि इस प्रोजेक्ट के लिए कुछ मैनेजरों की भी भर्ती कर ली गई है. वहीं सीईओ संपथकुमारन के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया है कि उनको विमानन क्षेत्र में 20 सालों का अनुभव है.

  9. साल 2018 के आखिरी तक Falcon 2000 विमानों के पुर्जे इसमें बनाना शुरू कर दिया जाएगा. वहीं इस प्रोजेक्ट का दूसरा चरण जुलाई 2018 में शुरू कर लिया गया था. जिसके तहत एक स्थाई बिल्डिंग का निर्माण काम शुरू किया गया जिसको जुलाई 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा. इसी बिल्डिंग से सारी गतिविधियां संचालित की जाएंगी.

  10. वहीं कंपनी की ओर से यह भी बताया गया है कि नागपुर इसलिए चुना गया है क्योंकि यह भारत के बीच में है और यहां पर जमीन आसानी से उपलब्ध हो गई है साथ ही एक एयरपोर्ट रनवे भी सीधे पहुंच में है.