पीएम मोदी शाहजहांपुर में रैली को संबोधित करते हुये
लखनऊ:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज उत्तर प्रदेश के शहाजहांपुर में किसान कल्याण की रैली को संबोधित किया है. उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनवाते हुये कहा कि 70 साल में अगर 4 करोड़ लोगों तक बिजली नहीं पहुंची है तो ये जिम्मेदारी किसकी है. पीएम ने कहा किसानों के लिये शुरू की गई योजनाओं के बारे में बताते हुये कहा कि अब किसानों को यूरिया के लिये लाठी नहीं खानी पड़ती है. नीम कोटिंग के बाद से यूरिया का काम खेती के कामों में हो रहा है. फैले इसका इस्तेमाल अवैध रूप से फैक्टरियों में किया जाता था.
शाहजहांपुर में PM मोदी के भाषण की 15 बड़ी बातें
- कांग्रेस संसद में कितने भी अविश्वास प्रस्ताव लेकर आती रहे लेकिन मोदी जन-जन के दिलों में बसा है. हमारी सरकार न्यू इंडिया बनाने में जुटी हुई है, कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. कोई भी क्षेत्र हो दोगुनी गति से काम हो रहा है. शाहजहांपुर में भी इन योजनाओं से लाभ पहुंच रहा है. देश के 49 करोड़ परिवार को रौशन करने की हमारी योजना है मेरा गुनाह यही है कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहा हूं. परिवारवाद के खिलाफ पूरी ताकत से खड़ा हूं
- जब दल के साथ दल हो तो दलदल हो जाता है और जितना ज्यादा दलदल होता है उतना ही कमल खिलता है. वो अपने भविष्य का आकलन के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाए, लेकिन उनका आकलन गलत था. क्योंकि देश बदल चुका है. यहां बेटियां अब जाग चुकी हैं. अब उनका फॉर्मूला कभी काम नहीं आने वाला है.
- साइकिल हो या हाथी किसी को भी अब बना साथी, लेकिन आपके स्वांग को देश जान चुका है . कल देश की जनता ने देखा कि कुछ लोगों को प्रधानमंत्री की कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिखता है, उन्हें ना देश दिखता है ना देश का गरीब दिखता है. कल संसद में हम उनसे लगातार ये पूछते रहे कि बताओ तो कि इस अविश्वास का कारण क्या है? लेकिन वो इसका कारण नहीं बता पाए.
- कल देश की जनता ने देखा कि कुछ लोगों को प्रधानमंत्री की कुर्सी के अलावा कुछ नहीं दिखता है, उन्हें ना देश दिखता है ना देश का गरीब दिखता है. हमने संकल्प लिया है जिन लोगों ने यहां के लोगों को 18वीं सदी में जीने के लिए मजबूर कर दिया हम उसे बदल कर रख देंगे. हम जल्द ही सभी घरों तक बिजली पहुंचा कर रहेंगे.
- हमने बिचौलियों और मुफ्तखोर लोगों का धंधा बंद करवा दिया ऐसे में वो हमें हटाना चाहते हैं. देश के हर गांव हर घर तक बिजली पहुंचाने का काम किया है.
- 18000 गांवों तक जब बिजली पहुंची तो उन लोगों ने ये बोलना शुरू कर दिया कि गांव में बिजली गई, लेकिन घरों तक नहीं पहुंची है.
- ऐसे में हम उनसे पूछते हैं कि अगर घर तक बिजली नहीं पहुंची थी उसका जिम्मेदारी कौन है। 70 सालों तक उन लोगों ने राज किया, लेकिन बिजली गांव और घरों तक बिजली नहीं पहुंचा सके. किसान और गरीबों की सबसे बड़ी दुश्मन है बीमारी और बीमारी से बचने के लिए प्रधानमंत्री स्वास्थ्य योजना के तहत एक परिवार को एक वर्ष में 5 लाख रुपए तक मुफ्त इलाज कराने का प्रबंध हम करने जा रहे हैं:
- इस बार पहले की तुलना में 6 गुणा अधिक गेहूं की खरीदारी की गई है. अपूर्ण और असंवेदनशील सोच ने देश और देश के किसानों का बहुत बड़ा नकुसान किया। सिंचाई से जुड़ी परियोजना को दशकों तक पिछली सरकार ने लटकाये रखी.
- अटल जी की सरकार ने ये योजना बनाई थी, लेकिन उसके बाद की सरकार ने इस पर कछुए की चाल में काम किया। हमारी सरकार ने इस पर काम किया, जिससे किसानों को फायदा मिले. पिछली सरकार विदेशों से पेट्रोल लाती रही और यहां देश में किसान परेशान होते रहे.
- सरकार ने फैसला लिया कि गन्ने से सिर्फ चीनी ही पैदा ना हो बल्कि इससे गाड़ियों के लिए ईंधन भी बने. इसके लिए गन्ने से एथेनॉल बनाने और उसे पेट्रोल में मिक्स करने का निर्णय लिया गया. धान, मक्का, दाल और तेल वाली 14 फसलों के सरकारी मूल्य में 200 रुपये से 1800 रुपये कि बढ़ोत्तरी देश के इतिहास में कभी नहीं हुई.
- मैं योगी जी और उनकी सरकार ने धान और गेहूं की खरीददारी में बढ़ोत्तरी की है. नीम कोटिंग से अब लोगों को रोजगार मिला है. नीम की फली का व्यापार शुरू हो गया है. इससे किसान की आय में वृद्धि भी होनी वाली है.
- अब यूरिया के लिये किसानों को लाठी नहीं खाने पड़ती है. अब नीम कोटिंग के बाद से यूरिया फैक्टरियों में नहीं जाता है. किसानों में वो ताकत होती है की अगर उसको पानी मिल जाए तो वो मिट्टी में से सोना पैदा कर सकता है.
- हमें उत्तर प्रदेश के किसानों की चिंता है. बीते एक साल में योगी जी सरकार बनने के बाद काम तेजी आई है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में दो लाख के करीब किसानों के खेतों में पानी पहुंचने को तैयार है. देश में सिंचाई परियोजनाओं को लेकर काम तेजी से काम चल रहा है.
- सरकार ने फैसला किया है कि गन्ने से सिर्फ चीनी ही नहीं एथेनॉल भी बनाया जाये ताकि गाड़ियों के ईंधन के तौर पर इस्तेमाल किया जाए. हमारी सरकार ने यह फैसला किया है कि देश के गन्ना किसानों को गन्ने पर लागत मूल्य के ऊपर लगभग 80% सीधा लाभ मिलेगा
- बीते 5 सालों में कोशिश की है गन्ना किसानों की एक-एक पाई उनके खाते में पहुंचे. पुरानी सरकारों ने हजारों करोड़ का बकाया छोड़ रखा था हमने उसे निपटाने की कोशिश की है. चार सालों में गन्ना किसानों के साथ-साथ और उनमें काम करने वाले कामदारों के लिये अनेक काम किया हैं.