प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड की राजधानी रांची के प्रभात तारा मैदान में जन आरोग्य योजना आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ कर दिया है. यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है. इसके साथ ही इसे पीएम मोदी का एक बड़ा चुनावी दांव भी माना जा रहा है. इस योजना के लाभार्थियों को सरकारी अस्पतालों और संबंधित निजी अस्पतालों में 5 लाख तक फ्री में इलाज दिया जा सकेगा. पीएम मोदी ने रांची में इस योजना की तारीफ करते हुए कहा कि यह योजना देश में 25 सितंबर से लागू हो जाएगी. बताया जा रहा है इस योजना में देश के 15000 अस्पताल जोड़े गए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि देश के 50 करोड़ से ज्यादा भाई-बहनों को 5 लाख रुपए तक का हेल्थ-एश्योरेंस देने वाली ये दुनिया की सबसे बड़ी योजना है. इस योजना के लाभार्थियों की संख्या पूरे यूरोपियन यूनियन की कुल आबादी के बराबर है. उन्होंने कहा कि जिनकी कमाई 10 हजार रुपये से कम है उनको इस योजना का लाभ मिल सकेगा.
स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ी 10 बड़ी बातें
- इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य प्रत्येक परिवार को सालाना पांच लाख रुपये की कवरेज दिया जाएगा. इससे 10.74 करोड़ गरीब परिवार लाभान्वित होंगे.
- इन परिवारों के लोग द्वितीयक और तृतीयक श्रेणी के तहत पैनल के अस्पतालों में जरूरत के हिसाब से भर्ती हो सकते हैं. वैसे इस योजना का नाम बदलकर प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान कर दिया गया है.
- यह योजना लाभार्थियों को नकदी रहित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराएगी. इससे अस्पताल में भर्ती होने पर आने वाले खर्च में कमी आएगी जो लोगों को और निर्धन बना देता है.
- इससे भयंकर स्वास्थ्य समस्याओं के दौरान उत्पन्न वित्तीय जोखिम कम होगा. पात्र लोग सरकारी और सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं.
- इस योजना के दायरे में गरीब, वंचित ग्रामीण परिवार और शहरी श्रमिकों की पेशेवर श्रेणियां आएंगी. नवीनतम सामाजिक आर्थिक जातीय जनगणना (एसईसीसी) के हिसाब से गांवों में ऐसे 8.03 करोड़ और शहरों में 2.33 परिवार हैं. योजना का लाभ करीब 50 करोड़ लोगों को मिलेगा.
- एसईसीसी के डाटाबेस में वंचना के आधार पर पात्रता तय की जा रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में वंचना की श्रेणियों (डी1,डी2,डी3,डी4,डी5, डी6 और डी7) के आधार पर लाभार्थियों की पहचान की गयी है.
- शहरी क्षेत्रों में 11 पेशवेर मापदंड पात्रता तय करेंगे. इसके अलावा जिन राज्यों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना है, उसके लाभार्थी भी इस नयी योजना के अंतर्गत आएंगे.
- इस योजना से 27 राज्य जुड़े हैं. दिल्ली, तेलंगाना और ओडिशा ने इस योजना से जुड़ने के लिये मना कर दिया है.
- योजना से 15000 अस्पताल जोड़े जाएंगे. अभी तक 13 हजार अस्पताल जोड़े गए हैं.
- माना जा रहा है कि भारत जैसे देश में जहां महंगी होती मेडिकल सेवाएं के बीच आम आदमी को गरीब बना रही हैं, यह योजना मोदी सरकार के लिये गेम चेंजर साबित हो सकती है.
इनपुट : भाषा