येदियुरप्‍पा के बहुमत वाली चिट्ठी आज सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी पेश, 10 बातें

कर्नाटक में 222 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें से भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडी-एस को 38 सीटें मिली थीं.

येदियुरप्‍पा के बहुमत वाली चिट्ठी आज सुप्रीम कोर्ट में की जाएगी पेश, 10 बातें

बीएस येदियुरप्‍पा ने गुरुवार को ली कर्नाटक के सीएम पद की शपथ

नई दिल्ली: कर्नाटक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के शपथ ग्रहण के बाद सुप्रीम कोर्ट आज कांग्रेस और जेडीएस की याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस सीकरी, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोबडे की तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करेगी. दोनों दलों ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता देने के राज्यपाल के फ़ैसले को चुनौती दी है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में बुधवार रात को हुई सुनवाई के दौरान बीजेपी नेता बी एस येद्दियुरप्पा के कनार्टक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था. देर रात दो बजकर 11 मिनट से गुरुवार सुबह पांच बजकर 28 मिनट तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने ने यह स्पष्ट किया कि राज्य में शपथ ग्रहण और सरकार के गठन की प्रक्रिया उस के समक्ष लंबित मामले के अंतिम फैसले के दायरे में आएगी.

10 बातें

  1. न्यायमूर्ति ए के सीकरी , न्यायमूर्ति एस के बोबडे और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ ने आदेश दिया था कि बीजेपी ने कर्नाटक में सरकार बनाने का दावा करने के लिए राज्य के राज्यपाल वजुभाई वाला के समक्ष विधायकों के समर्थन का जो पत्र दिया है वह उसके समक्ष पेश किया जाए. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और येदियुरप्पा से राज्यपाल को बहुमत के समर्थन वाली चिट्ठी पेश करने के निर्देश दिए थे.

  2. कोर्ट में कर्नाटक से जुड़ी एक और याचिका पर सुनवाई होनी है, जिसमें विधानसभा में फ़्लोर टेस्ट तक एक एंग्लो इंडियन विधायक को मनोनीत न करने की मांग की गई है. मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल की सलाह पर राज्यपाल एंग्लो इंडियन विधायक को मनोनीत करते हैं.

  3. वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने कर्नाटक में भाजपा को सरकार बनाने का आमंत्रण देने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. उन्होंने राज्यपाल के फैसले को ‘संवैधानिक शक्ति का घोर दुरुपयोग’ बताया. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के नेतृत्व वाली पीठ ने तत्काल सुनवाई के लिए दायर की गई जेठमलानी की याचिका पर विचार किया और कहा कि शुक्रवार को मामले की सुनवाई करने वाली तीन सदस्यीय विशेष पीठ इस पर सुनवाई करेगी.  

  4. येदियुरप्पा के शपथग्रहण के बाद बीजेपी अब बहुमत साबित करने की तैयारी में है. ऐसे में विधायकों की जोड़-तोड़ की काफ़ी संभावना है. विधायकों को इस टूट से बचाने के लिए कांग्रेस और जेडीएस अपने सभी विधायकों को हैदराबाद ले गई है. 

  5. इससे पहले कांग्रेस अपने विधायकों को केरल के कोच्चि ले जाने की तैयारी में थी. 3 चार्टर्ड प्लेन से विधायकों को कोच्चि ले जाना था, लेकिन कांग्रेस का आरोप है कि DGCA ने चार्टर्ड प्लेन को उड़ान भरने की इजाज़त नहीं दी. 

  6. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने ट्विटर पर इस मामले में सफ़ाई दी. एक पत्रकार के सवाल के जवाब में कहा, घरेलू चार्टर्ड फ़्लाइट को डीजीसीए की मंज़ूरी की ज़रूरत नहीं होती है. लोकल एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल की मंज़ूरी के बाद वो उड़ान भर सकता है.

  7. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस-जेडीएस ने राज्यपाल को विधायकों के समर्थन की जो चिट्ठी दी है उसमें कई दस्तखत फर्ज़ी हैं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने भी ये बात कही थी.

  8. सीएम पद की शपथ लेने के बाद बीएस येदियुरप्‍पा ने कहा कि तीसरी बार मुख्यमंत्री पद संभालने के लिए मैं लोगों को बधाई देता हूं. मुझे खेद है कि कांग्रेस और जेडीएस ने एक अपवित्र गठबंधन बनाया. उन्‍होंने कहा कि मैं सभी 224 विधायकों का समर्थन चाहता हूं. मुझे यकीन है कि वे अपने विवेक के अनुसार मतदान करेंगे. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है इसलिए मैं इस मुद्दे पर चर्चा नहीं करना चाहता हूं. मुझे विश्वास है कि विश्‍वास मत हासिल करूंगा और पांच साल सरकार चलाऊंगा.

  9. कांग्रेस का दावा, बी एस येदियुरप्पा एक दिन के मुख्यमंत्री, उनके पास बहुमत साबित करने के लिए संख्याबल नहीं. कर्नाटक के राज्यपाल ने भाजपा को सरकार के गठन के लिए आमंत्रित कर और येदियुरप्पा को शपथ लेने की मंजूरी देकर दो बार संविधान ‘मुठभेड़’ में हत्या की.

  10. कर्नाटक में 222 सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें से भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 और जेडी-एस को 38 सीटें मिली थीं. दो निर्दयलीय विधायकों में से एक ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की थी, लेकिन उसे गुरुवार को विधानसभा के सामने गांधी की प्रतिमा के सामने कांग्रेस व जेडी-एस के धरने में शामिल देखा गया. धरने में पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा भी शामिल हुए. इस तरह कर्नाटक के नाटक का पटाक्षेप जल्द होने के आसार नहीं हैं.