भारत का सबसे लंबा पुल, जिसकी लंबाई करीब 9 किलोमीटर है, का उद्घाटन संभवत: अब से साल भर बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने पीएम मोदी को शनिवार को इसका निमंत्रण दिया है. बीजेपी ने 2016 में असम में सत्ता पर कब्जा जमाया था तब पूर्वोत्तर के 8 राज्यों में से पहली बार किसी राज्य में बीजेपी की सरकार बनी थी.
10 प्वाइंट में जानें भारत में बन रहे सबसे लंबे पुल के बारे में...
ढोला-सादिया पुल का निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक लोहित नदी पर किया गया है.
असम में यह पुल सादिया में स्थित है जो राज्य की राजधानी गुवाहाटी से 540 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. इस पुल का दूसरा सिरा ढोला में है जो कि अरुणाचल प्रदेश की राजधानी इटानगर से करीब 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
इसकी लंबाई 9 किलोमीटर से थोड़ी अधिक है और इस तरह ये मुंबई के मशहूर बांद्रा-वर्ली सी लिंक से 30 फीसदी ज्यादा लंबा है. पुल के एक बार शुरू हो जाने के बाद असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय करीब 4 घंटे कम हो जाएगा. वर्तमान में अरुणाचल में कोई भी हवाई अड्डा कार्यरत नहीं है.
पुल का निर्माण 2011 में शुरू हुआ, तब राज्य में कांग्रेस सत्ता में थी. इस परियोजना की लागत करीब 950 करोड़ रुपये है.
अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच सड़क संपर्क बहुत अच्छा नहीं है. वर्तमान में असम के इस हिस्से से अरुणाचल प्रदेश जाने वालों के लिए नाव ही एक मात्र सहारा है.
इस पुल का सेना के लिए बड़ा रणनीतिक महत्व है. इस पुल के इस्तेमाल से चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में सैनिकों का पहुंचना कहीं ज्यादा आसान हो जाएगा.
पुल को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि इस पर सेना के टैंक भी आसानी से गुजर सकें.
सेना की टुकड़ी असम के तिनसुकिया से अरुणाचल प्रदेश में प्रवेश करती है लेकिन वर्तमान में उस इलाके में ऐसा कोई भी मजबूत पुल नहीं है जिसे पार कर के टैंक वहां पहुंच सकें.
इस पुल का निर्माण चीन की सीमा से लगे अरुणाचल प्रदेश में सड़क संपर्क को बेहतर बनाने के लिए साल 2015 में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए 15000 करोड़ के पैकेज का हिस्सा था.