आसियान सम्मेलन से पहले भारत ने बदली अपनी पॉलिसी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
VIDEO: गणतंत्र दिवस पर पहली बार आसियान देशों की झांकी
राजधानी दिल्ली में गुरुवार से शुरू होने वाले भारत-आसियान वार्ता में शामिल होने के लिए 10 आसियान राष्ट्रों के प्रमुख बुधवार को नई दिल्ली पहुंचने लगे हैं. सभी दस आसियान देशों के प्रमुख 26 जनवरी को नयी दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे. आसियान के सदस्य देशों में लाओस, कंबोडिया, ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं. यह आयोजन दक्षिणपूर्व एशियाई गुट के साथ भारत के 25 वर्षों के संबंधों को चिह्नित करेगा. इस वक्त भारत 'लुक ईस्ट' नीति को 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी में बदलना चाहता है.
10 खास बातें
- रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इरादा है कि 'लुक ईस्ट' नीति अब 'एक्ट ईस्ट' पॉलिसी में बदलना होगा. उन्होंने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान आसियान के 10 नेताओं की मौजूदगी से भारत निश्चित रूप से अपनी 'एक्ट ईस्ट' नीति को दिखा रहा है.
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारत-आसियान स्मारक शिखर सम्मेलन के इतर दक्षिणपूर्वी एशियाई देशों के साथ नौ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे. इस दौरान आतंकवाद के विरोध, सुरक्षा और संपर्क बढ़ाने पर उनका जोर होगा.
- पीएम मोदी बुधवार को वियतनाम के प्रधानमंत्री न्गुयेन हुआ फुक, फिलीपीन के राष्ट्रपति रोड्रिगो रोआ दुतेर्ते और म्यांमार की नेता आंग सान सू क्यी से मुलाकात करेंगे. ये नेता 25 जनवरी को होने वाली शिखर बैठक के लिये दिल्ली पहुंच रहे हैं.
- प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को थाइलैंड, सिंगापुर और ब्रुनेई के नेताओं के साथ भी द्विपीक्षीय बातचीत करेंगे. इसके बाद शुक्रवार को इंडोनेशिया, लाओस और मलेशिया के नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे.
- भारत-आसियान संबंधों के 25 साल पूरे होने के अवसर पर आयोजित इस शिखर बैठक का आयोजन ऐसे समय हो रहा है जब क्षेत्र में चीन का आर्थिक और सैन्य हटधर्मिता बढ़ती जा रही है.
- इस दौरान नेताओं के बीच 25 जनवरी को एक बैठक होगी, जिसमें वह समुद्री क्षेंत्र में सहयोग और सुरक्षा के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख सकेंगे. इसी दिन एक पूर्ण सत्र का भी आयोजन किया जायेगा.
- कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बैठक भारत के लिये इन देशों के समक्ष व्यापार और संपर्क जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में अपने आप को एक शक्तिशाली सहयोगी के तौर पर प्रस्तुत करने का बेहतर अवसर हो सकता है.
- आसियान-भारत व्यापार और निवेश बैठक में जेटली ने कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि दर पिछले 25 साल में तेज हुई है और निवेश देश की आर्थिक वृद्धि दर की संभावना को अगले दो तीन दशक तक देख रहे हैं.
- सुषमा ने कहा कि केवल दो चीजें भारत और आसियान को जोड़ती है, एक बौद्ध धर्म और दूसरा रामायण. उन्होंने कहा कि कहा कि इन ‘विशेष संबंधों’ को दोनों क्षेत्रों के युवाओं के बीच प्रचार-प्रसारित करने की जरूरत है.
- कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि दस राष्ट्रों के ब्लॉक के परिधान विनिर्माताओं के लिए भारत में निवेश करने के भारी अवसर हैं. घरेलू बाजार का लाभ उठाने के अलावा वे यहां से निर्यात भी कर सकते हैं.
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