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राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने क्या कहा? पढ़ें- 7 बड़ी बातें

पीएम ने कहा कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ.

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पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के मामले पर देश को संबोधित किया.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi) ने गुरुवार को राष्ट्र को संबधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमने पूरे देश में एक ऐतिहासिक फैसला किया. आर्टिकल 370 एक ऐसी व्यवस्था थी जिससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहन अनेक अधिकारों से वंचित थे. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोग विकास से वंचित थे, वह समस्या अब दूर हो गई है. पीएम ने कहा कि जो सपना सरदार पटेल का था, बाबा साहेब अंबेडकर का था, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का था, अटल जी और करोड़ों देशभक्तों का था, वो अब पूरा हुआ है. समाज और जीवन में कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है. ये भाव आ जाता है कि, कुछ बदलेगा नहीं, ऐसे ही चलेगा. अनुच्छेद 370 के साथ भी ऐसा ही भाव था. उससे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हमारे भाई-बहनों की जो हानि हो रही थी, उसकी चर्चा ही नहीं होती थी. हैरानी की बात ये है कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ. अब यह समस्या दूर हो गई है. आइये आपको बताते हैं पीएम मोदी के संबोधन की सात बड़ी बातें. 

PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

  1. पीएम मोदी ने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि किसी से भी बात करें, तो कोई ये भी नहीं बता पाता था कि अनुच्छेद 370 से जम्मू-कश्मीर के लोगों के जीवन में क्या लाभ हुआ. कुछ बातें समय के साथ इतनी घुल-मिल जाती हैं कि कई बार उन चीजों को स्थाई मान लिया जाता है. ये भाव आ जाता है कि, कुछ बदलेगा नहीं, ऐसे ही चलेगा. 
  2. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे देश में कोई भी सरकार हो, वो संसद में कानून बनाकर देश की भलाई के लिए काम करती है. कानून बनाते समय काफी बहस होती है, चिंतन-मनन होता है, उसकी आवश्यकता को लेकर गंभीर पक्ष रखे जाते हैं, लेकिन कोई कल्पना नहीं कर सकता कि संसद इतनी बड़ी संख्या में कानून बनाए और वो देश के एक हिस्से में लागू ही नहीं हों. 
  3. पीएम ने कहा कि देश के अन्य राज्यों में सफाई कर्मचारियों के लिए सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर के सफाई कर्मचारी इससे वंचित थे. देश के अन्य राज्यों में अल्पसंख्यकों के हितों के संरक्षण के लिए माइनॉरिटी एक्ट लागू है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में ऐसा नहीं था. Minimum Wages Act भी सिर्फ कागजों पर ही मिलता था.
  4. पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दशकों से, हजारों की संख्या में ऐसे भाई-बहन रहते हैं, जिन्हें लोकसभा के चुनाव में तो वोट डालने का अधिकार था, लेकिन वो विधानसभा और स्थानीय निकाय के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते थे. ये वो लोग हैं जो बंटवारे के बाद पाकिस्तान से भारत आए थे. क्या इन लोगों के साथ अन्याय ऐसे ही चलता रहता?
  5. प्रधानमंत्री ने कहा कि दशकों के परिवारवाद ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को नेतृत्व का अवसर ही नहीं दिया. अब मेरे युवा, जम्मू-कश्मीर के विकास का नेतृत्व करेंगे और उसे नई ऊंचाई पर ले जाएंगे. मैं नौजवानों, वहां की बहनों-बेटियों से आग्रह करूंगा कि अपने क्षेत्र के विकास की कमान खुद संभालिए. 
  6. पीएम ने कहा कि बहुत स्वाभाविक है कि कुछ लोग इस फैसले के पक्ष में हैं और कुछ को इस पर मतभेद है. मैं उनके मतभेद का भी सम्मान करता हूं और उनकी आपत्तियों का भी. अनुच्छेद 370 से मुक्ति एक सच्चाई है, लेकिन सच्चाई ये भी है कि इस समय ऐहतियात के तौर पर उठाए गए कदमों की वजह से जो परेशानी हो रही है, उसका मुकाबला भी वही लोग कर रहे हैं. 
  7. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हमें ये भी नहीं भूलना चाहिए कि आतंकवाद और अलगाववाद को बढ़ावा देने की पाकिस्तानी साजिशों के विरोध में जम्मू-कश्मीर के ही देशभक्त लोग डटकर खड़े हुए हैं. जम्मू-कश्मीर के साथियों को भरोसा देता हूं कि धीरे-धीरे हालात सामान्य हो जाएंगे और उनकी परेशानी भी कम होती चली जाएगी. 

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