प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
500 और 1000 रुपए के नोटों को बैन करने की पीएम नरेंद्र मोदी के ऐलान को लागू हुए दो हफ्ते से अधिक गुजर चुके हैं. केंद्र सरकार ने अब ब्लैक मनी की धरपकड़ के लिए नया प्रपोजल पेश किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह प्रस्ताव आज लोकसभा में पेश किया.
काले धन पर लगाम के लिए सरकार द्वारा पेश किए प्रस्ताव से जुड़ी 10 बातें
- नोटबंदी के बाद जमा राशि की घोषणा पर कर, जुर्माना तथा अधिभार के रूप में कुल 50 प्रतिशत वसूली का प्रस्ताव आज संसद में किया.
- सरकार ने यह भी प्रस्ताव किया है कि इस अवधि में धन जमा कराने वालों के बारे में यदि यह सबित हुआ कि उन्होंने काला धन रखा है तो उनसे अधिक ऊंची दर और कड़े जुर्माने के साथ कुल 85 प्रतिशत की दर से वसूली की जाएगी.
- वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आयकर कानून में संशोधन के लिये लोकसभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें यह भी प्रावधान है कि घोषणा करने वालों को अपनी कुल जमा राशि का 25 प्रतिशत सरकार द्वारा लायी जा रही एक ‘गरीबी-उन्मूलन योजना’ में निवेश करना होगा.
- ‘गरीबी-उन्मूलन योजना’ में लगाए गए पैसे पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा. साथ ही इस राशि को चार साल तक नहीं निकाला जा सकेगा.
- सरकार का कहना है कि जो लोग गलत तरीके से कमाई गई राशि अपने पास 500 और 1,000 के पुराने नोट में दबाकर रखे हुए थे और जो उसकी घोषणा करने का विकल्प चुनते हैं, उन्हें प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना 2016 के तहत इसका खुलासा करना होगा. उन्हें अघोषित आय का 30 प्रतिशत की दर से कर भुगतान करना होगा.
- इसके अलावा अघोषित आय पर 10 प्रतिशत जुर्माना लगेगा. साथ ही पीएमजीके उपकर नाम से 33 प्रतिशत अधिभार (30 प्रतिशत का 33 प्रतिशत) लगाया जाएगा.
- इसके अलावा, घोषणा करने वालों को अघोषित आय का 25 प्रतिशत उस योजना में लगानी होगी जिसे सरकार रिजर्व बैंक के साथ विचार कर अधिसूचित करेगी.
- यह एक तरह से स्पष्ट ही है कि संसद के इस सेशन में यह बिल पास हो जाएगा क्योंकि लोकसभा में सरकार बहुमत में है.
- चूंकि यह मनी बिल है, इसलिए इसका राज्य सभा भी रिव्यू करेगी. लेकिन वह इसे रिजेक्ट नहीं कर सकती. यहां बता दें कि राज्यसभा में सरकार अल्पमत में है.
- विधेयक के उद्देश्य और कारणों के बारे में कहा गया है कि न्याया और समानता की दृष्टि से इस योजना में आयी राशि का उपयोग सिंचाई, आवास, शौचालय, बुनियादी ढांचा, प्राथमिक शिक्षा, प्राथमिक स्वास्थ्य तथा आजीविका जैसी परियोजनाओं में किया जाएगा.