दिल्ली के बुराड़ी में एक ही घर में परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सभी 11 लोगों की मौत फांसी से हुई है. पहले ये बताया गया था कि बुजुर्ग महिला की मौत गला घोंटने से हुई है. अब ये भी कहा जा रहा है कि परिवार के कुछ लोगों ने दूसरे लोगों को लटकने में मदद की. किसी के शरीर पर विरोध के कोई सबूत नहीं मिले हैं. इस मामले में अब तक किसी बाबा या तांत्रिक का नाम नहीं आया है. पुलिस बेटे ललित को इस मास सुसाइड का मास्टरमाइंड मान रही है. पुलिस का कहना है कि ललित सपने में अपने पिता गोपालदास से बात करता था, जिनकी मौत 10 साल पहले हो चुकी है. पुलिस का कहना है कि ये भी कहा जा रहा है कि पिता से सपने में हुई बातचीत को वो रजिस्टर में लिखता था. इस मामले में पुलिस ने कई खुलासे किए हैं.
10 बातें
- ललित ने रजिस्टर में कई पन्नों पर लिखा है लेकिन लास्ट एंट्री में लिखा था कि अंतिम समय में आखिरी इच्छा की पूर्ति के वक्त आसमान हिलेगा, धरती कांपेगी. उस वक्त तुम घबराना मत, मंत्रों का जाप बढ़ा देना और मैं आकर तुम्हें उतार लूंगा, औरों को भी उतारने में मदद करूंगा.
- ललित ने अपने परिवार के सदस्यों से कहा था कि उसे अपने स्वर्गीय पिता से संदेश मिला है. इसका मतलब यह है कि ललित और उसके परिवार के लोगों को विश्वास था कि एक बार वो फांसी के फंदे से लटक जाएंगे तो उनके पिता उनको बचा लेंगे.
- परिवार बहुत अंधविश्वासी था और मानता था कि कायमत उनके आसपास है.
- परिवार और रिश्तेदारों से बात करने वाले पुलिस अधिकारी ने बताया कि ललित कई सालों से मौन था. उन्होंने बताया कि वह नोटबुक में सब कुछ लिखता था. इतना ही नहीं जो लोग उसकी दुकान में खरीदारी करने के लिए आते थे उनके साथ वह नोटबुक पर लिखकर बात करता था.
- इस वारदात से कुछ दिन पहले ललित ने बोलना शुरू किया था. उसने दावा किया था कि उसके पिता सपने में आकर उसके साथ बात करते हैं.
- रजिस्टर के नोट में लिखा है कि सब लोग अपने अपने अपने हाथ खुद बांधेंगे और जब क्रिया हो जाये तब सभी एक दूसरे के हाथ खोलने में मदद करेंगे. इससे ये लगता है कि परिवार के लोगों को मौत का अंदाज़ा नहीं था वो इसे एक खेल या एक अंधविश्वास के डेमो की तरह कर रहे थे. उन्हें लग रहा होगा वो ये क्रिया कर ज़िंदा बच जाएंगे.
- अब तक कि जांच में ऐसा लगता है कि इसमें किसी तांत्रिक का हाथ नहीं है. हालांकि की हम परिवार के सभी लोगों की कॉल डिटेल्स देख रहे हैं. घर का दरवाजे जिस तरह से खुले थे वो शक जरूर पैदा करते है कि कोई तांत्रिक आया और निकल गया हो, क्योंकि सुसाइड दरवाजा बंद करके ही होते हैं, लेकिन कोई तांत्रिक इतने लोगों को क्यों मौत के मुंह में धकेलेगा उसका क्या मकसद हो सकता है. वैसे अभी तक किसी बाहरी के आने के सबूत भी नहीं मिले हैं.
- दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें कहा गया है कि सभी 11 लोगों की मौत फांसी के फंदे से हुई जबकि इससे पहले कहा जा रहा था कि एक बुज़ुर्ग महिला को गला दबाकर मारा गया था. वहीं भाटिया परिवार के करीबी और रिश्तेदार ये बात मानने को तैयार नहीं कि उन लोगों ने आत्महत्या की होगी.
- घर के जिल जाल पर परिवार के नौ लोगों ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी. उस जाल के नीचे कई कपड़े और स्टूल मिले हैं. पुलिस ने बताया है कि इस जाल तक पहुंचने के लिए ग्राउंड फ़्लोर से 28 सीढ़ियां हैं. इसके अलावा इस घटना के मास्टरमाइंड के तौर पर पुलिस ललित को देख रही है, उसकी सीसीटीवी में कुछ तस्वीरें भी कैद हुई हैं जिनमें वो घर के पास ही एक मोबाइल शॉप पर कुछ खरीद रहा है.
- मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है. भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले. प्रियंका की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और इस साल के अंत तक उसकी शादी होनी थी.