दिल्ली के बुराड़ी इलाके में एक ही घर में परिवार के 11 लोगों की मौत के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है, जिसमें कहा गया है कि 11 में से 11 लोगों की मौत फांसी के फंदे से हुई जबकि इससे पहले कहा जा रहा था कि एक बुज़ुर्ग महिला को गला दबाकर मारा गया था. वहीं भाटिया परिवार के करीबी और रिश्तेदार ये बात मानने को तैयार नहीं कि उन लोगों ने आत्महत्या की होगी. पुलिस अंधविश्वास समेत सभी ऐंगल पर मामले की जांच कर रही है. इस मामले में दो दिन बाद भी पुलिस की जांच जारी है. इन 11 मौतों के मामले में दो दिन में 11 खुलासे हुए हैं. अंतिम संस्कार के लिए शव आज परिवार को सौंप दिए जाएंगे. मृतकों की पहचान नारायण देवी (77), उनकी बेटी प्रतिभा (57) और दो बेटे भावनेश (50) और ललित भाटिया (45) के रूप में हुई है. भावनेश की पत्नी सविता (48) और उनके तीन बच्चे मीनू (23), निधि (25) और ध्रुव (15), ललित भाटिया की पत्नी टीना (42) और उनका 15 वर्ष का बेटा शिवम , प्रतिभा की बेटी प्रियंका (33) भी मृत मिले. प्रियंका की पिछले महीने ही सगाई हुई थी और इस साल के अंत तक उसकी शादी होनी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि मीनू प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी जबकि निधि स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर रही थी.
11 खुलासे
- पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अब तक गला घोंटे जाने या हाथापाई के कोई संकेत नहीं मिले हैं. पुलिस ने बताया कि दस लोग लोहे के जाल में फांसी से लटके थे जबकि 77 वर्षीय महिला घर के एक अन्य कमरे में मृत मिली थीं.
- पीटीआई के मुताबिक, पहले यह आशंका जताई जा रही थी कि नारायण देवी की मौत गला घोंटे जाने से हुई है लेकिन चिकित्सकों का कहना है उनकी मौत भी फांसी लगने के कारण ही हुई है क्योंकि रस्सी उनके शव के निकट लटकी हुई पाई गई. पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब यह जांच का विषय है कि उनके गले से रस्सी को निकाला किसने होगा. उन्होंने कहा, ‘शुरुआती जांच में ऐसा लगता है कि उन सभी की मौत फांसी पर लटकने की वजह से ही हुई है. अंतिम रिपोर्ट अभी आई नहीं है.’
- पुलिस को घटनास्थल से मिले हाथ से लिखे कुछ नोट्स को देखते हुए पुलिस को संदेह है कि यह मामला सोच-समझकर की गई आत्महत्या का है जो किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए की गई प्रतीत होती है. अधिकारी के मुताबिक, कुछ नोट्स पर लिखा है कि ‘कोई मरेगा नहीं’ बल्कि कुछ ‘महान’ हासिल कर लेगा.
- इस रजिस्टर में लिखा है कि पटिया अच्छे से बांधनी हैं, शून्य के अलावा कुछ नही दिखना चाहिए. रस्सी के साथ सूती चुनिया या साड़ी का प्रयोग करना हैं. 7 दिन बाद लगातार पूजा करनी है्. इस पूजा को थोड़ा लग्न और श्रद्धा के साथ करना है. इस पूजा के दौरान अगर कोई घर में आ जाए तो यह पूजा अगले दिन करनी है. इस पूजा के लिए गुरुवार और रविवार को चुना है.
- रजिस्टर में लिखा है कि बुजुर्ग महिला बेबे खड़ी नहीं हो सकती तो अलग कमरे में लेट सकती हैं. इस रजिस्टर में लिखा है कि परिवार के सभी लोगों की सोच एक जैसी होनी चाहिए. ये पहले से ज्यादा दृढ़ता से बढ़ना होगा और ये करते ही तुम्हारे आगे के काम दृढ़ता से शुरू होंगे.
- घर में 11 लोगों के शव मिले हैं उसकी बाहरी दीवार पर 11 पाइप लगेे हुए हैं. इन 11 पाइपों से से 4 बड़ी हैं जो सीधी हैं, 7 अन्य पाइप का मुंह नीचे की ओर झुका है. इनमें से एक पाइप जिसका मुंह नीचे की ओर झुका हुआ है वह पाइप सबसे दूर है. यह दीवार के बगल से एक खाली प्लाट की तरफ है और शक है इन पाइप के पीछे भी कोई तंत्र मंत्र है.
- इस परिवार के एक करीबी प्रवीण मित्तल को तंत्र-मंत्र के पीछे एक साथ खुदकुशी करने की बात उनके गले नहीं उतर रही. प्रवीण मित्तल पिछले बीस साल से परिवार को बेहद करीबी हैं और मृतक प्रियंका जिसकी शादी होने वाली थी वो इन्हें मुंहबोला भाई मानती थी.
- दिल्ली में एक परिवार के 11 सदस्यों की रविवार को हुई रहस्यम मौत के मामले में पुलिस ने सोमवार को एक तांत्रिक और उसके सहयोगी को हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की. पुलिस ने बताया कि उसे घटनास्थल बुराड़ी के संतनगर स्थित दो मंजिला मकान में पूजा स्थल के पास हाथ से लिखा नोट मिला है, जिससे मौत का रहस्यमय संबंध जाहिर होता है.
- पुलिस ने पूजा में इस्तेमाल घी और चावल जैसी सामग्री भी घर से बरामद हुई है्. पुलिस को संदेह है कि मौत के पीछे तांत्रिक या साधु की भूमिका हो सकती है. एक पुलिस अधिकारी ने कहा, 'हमें संदेह है कि परिवार के सदस्यों की मौत किसी अनुष्ठान के चलते हुई होगी.'
- पुलिस अधिकारी ने बताया कि परिवार ने मोक्ष प्राप्त करने के लिए तकरीबन हर निर्देश का पालन किया. उसमें यह भी बताया गया था कि परिवार का कोई सदस्य मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करेगा. पुलिस को कुछ ही घंटों में घर से उनके मोबाइल फोन भी बरामद हुए. पड़ोसी विवेक कुमार ने बताया कि परिवार में पिछले कुछ सप्ताह से रोज सुबह-शाम दो घंटे अनुष्ठान चलता था.
- एक ही परिवार के मृत पाए गए 11 सदस्यों की आंखें सोमवार को एक नेत्र बैंक को दान कर दी गईं. एक संबंधी ने सोमवार को मीडिया से कहा, 'परिवार ने हमेशा दूसरों की मदद की और अपनी आंखें दानकर वे 22 लोगों की मदद कर सकते हैं, क्योंकि एक जोड़ी आंखें दो लोगों की आंखों में रौशनी दे सकती हैं.'