ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. योगी सरकार के खिलाफ बीजेपी के ही मंत्री और अब सांसदों ने मोर्चा खोल रखा है. सबसे पहले योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने राज्य सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए थे और मीडिया में जमकर बवालबाजी हुई की थी. लेकिन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात के बाद वह शांत हैं लेकिन ऐसा नहीं है कि वह पूरी तरह संतुष्ट हो गए हैं. बीजेपी अभी इनसे निपटी ही थी कि उत्तर प्रदेश के दलित सांसदों ने भी पीएम मोदी को चिट्ठी लिखकर नाराजगी जता दी. इनमें से बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले ने तो मंच पर ही सबको चुनौती दे डाली. 2019 के पहले बीजेपी के इन सांसदों के बयान पार्टी के लिए बड़ी मुश्किल बनते जा रहे हैं.
बीजेपी सांसदों के बयान
- यूपी के नगीना से सांसद डॉ यशवंत सिंह ने पीएम को पत्र लिख कर कहा कि पिछले चार साल में केंद्र सरकार ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया है. प्रमोशन में आरक्षण, बैक लॉग पूरा करना और निजी क्षेत्र में आरक्षण पर कुछ नहीं किया है. डॉ. सिंह ने कहा कि सरकार विशेष भर्ती अभियान के जरिए बैकलॉग पूरा कराए, प्रमोशन में आरक्षण दिलाए और निजी क्षेत्र में आरक्षण हो. पत्र में एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को पैरवी कर पलटवाने की अपील भी की गई है.
- इटावा से दलित सांसद सांसद अशोक दोहरे पीएम मोदी को चिट्ठी लिख कर कहा कि 2 अप्रैल को 'भारत बंद' के बाद एससी/एसटी वर्ग के लोगों को उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में सरकारें और स्थानीय पुलिस झूठे मुकदमे में फंसा रही है उन पर अत्याचार हो रहा है.
- रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे और बीजेपी नेता सुनील बंसल की भी शिकायत की थी. चिट्ठी में सांसद छोटेलाल ने लिखा है कि जिले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं.
- भाजपा सांसद सावित्री बाई फुले ने 'भारतीय संविधान व आरक्षण बचाओ महारैली का आयोजन' किया और कहा कि आरक्षण कोई भीख नहीं बल्कि प्रतिनिधित्व का मामला है. अगर आरक्षण को खत्म करने का दुस्साहस किया गया तो भारत की धरती पर खून की नदियां बहेंगी. यह सवाल पूछे जाने पर कि आप भाजपा की सांसद हैं और अब क्या भाजपा छोड़ेंगी. साध्वी ने कहा, "मैं भारत की सांसद हूं और जब तक मेरा कार्यकाल है तब तक मैं सांसद रहूंगी."
- उत्तर प्रदेश के रहने वाले दिल्ली से सांसद उदित राज ने एक ट्वीट में कहा , ‘दो अप्रैल को हुए आंदोलन में हिस्सा लेने वाले दलितों पर अत्याचार की खबरें मिल रही है और यह रुकना चाहिए. बाड़मेर, जालौर, जयपुर, ग्वालियर, मेरठ, बुलंदशहर, करौली और अन्य स्थानों के लोगों के साथ ऐसा हो रहा है. न केवल आरक्षण विरोधी बल्कि पुलिस भी उन लोगों को पीट रही है. फर्जी मामले लगा रही है.’