बीएसपी प्रमुख मायावती (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राज्यसभा में दलित उत्पीड़न पर चर्चा के दौरान बीएसपी प्रमुख मायावती जमकर बरसीं। उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस दोनों को ही कठघरे में खड़ा किया। उधर सरकार का कहना है कि उसके पास सबसे ज्यादा दलित आदिवासी सांसद हैं, लिहाजा उस पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाना गलत है।
बीएसपी प्रमुख मायावती पर यूपी बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बेहूदा टिप्पणी और गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार के विरोध में बुधवार पूरे दिन हंगामा हुआ था और कोई काम नहीं हो सका था। दो बजे दलितों पर अत्याचार के मुद्दे पर ही चर्चा हुई जिसमें मायावती जमकर बरसीं।
दरअसल, बुधवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के घर बैठक में दयाशंकर सिंह को निकालने का फ़ैसला किया गया था। मायावती इसके लिए अड़ी हुई थीं। सरकार की ओर से उन्हें कहा गया कि इस कार्रवाई के बाद राज्यसभा में हंगामा नहीं करना चाहिए। सरकार ने दलित विरोधी होने के आरोपों को ख़ारिज कर दिया। हालांकि कांग्रेस के हमले लगातार जारी हैं। आने वाले यूपी चुनावों के मद्देनज़र बीएसपी भी इस मुद्दे को गर्मा कर रखना चाहेगी।
बीजेपी को उम्मीद है कि दयाशंकर सिंह के निष्कासन के बाद ये अध्याय खत्म हो जाएगा। मगर बीएसपी को इसने एक नया हथियार थमा दिया है। कुछ बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने से बैकफ़ुट पर आई बीएसपी अब ज्यादा आक्रामक हो गई है और ऐसे में बीजेपी को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ेगी।
बीएसपी प्रमुख मायावती पर यूपी बीजेपी के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की बेहूदा टिप्पणी और गुजरात के ऊना में दलितों पर अत्याचार के विरोध में बुधवार पूरे दिन हंगामा हुआ था और कोई काम नहीं हो सका था। दो बजे दलितों पर अत्याचार के मुद्दे पर ही चर्चा हुई जिसमें मायावती जमकर बरसीं।
दरअसल, बुधवार देर रात बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के घर बैठक में दयाशंकर सिंह को निकालने का फ़ैसला किया गया था। मायावती इसके लिए अड़ी हुई थीं। सरकार की ओर से उन्हें कहा गया कि इस कार्रवाई के बाद राज्यसभा में हंगामा नहीं करना चाहिए। सरकार ने दलित विरोधी होने के आरोपों को ख़ारिज कर दिया। हालांकि कांग्रेस के हमले लगातार जारी हैं। आने वाले यूपी चुनावों के मद्देनज़र बीएसपी भी इस मुद्दे को गर्मा कर रखना चाहेगी।
बीजेपी को उम्मीद है कि दयाशंकर सिंह के निष्कासन के बाद ये अध्याय खत्म हो जाएगा। मगर बीएसपी को इसने एक नया हथियार थमा दिया है। कुछ बड़े नेताओं के पार्टी छोड़ने से बैकफ़ुट पर आई बीएसपी अब ज्यादा आक्रामक हो गई है और ऐसे में बीजेपी को नए सिरे से रणनीति बनानी पड़ेगी।